निचे दिए article में हम तापदीप्ति (Incandescence) और प्रतिदीप्ति (Fluorescence) क्या है, और उनकी विशेषतायें क्या है ? इनके बारे में बतायेगे l
तापदीप्ति (Incandescence) क्या है ? What is Incandescence ?
यदि पदार्थ को गर्म करके उसके परमाणुओं को उत्तेजित किया जाए तो अपनी सामान्य अवस्था में आने पर वे प्रकाश विकिरण उत्सर्जित करते हैं (अर्थात् गर्म करने पर कुछ पदार्थ चमकने लगते हैं)। इस घटना को ‘तापदीप्ति’ कहते हैं।
सामान्य विद्युत बल्ब के गर्म टंगस्टन तन्तु द्वारा उत्सर्जित किए गए प्रकाश में विभिन्न तरंग दैर्यों का मिश्रण (विभिन्न रंगों का मिश्रण) होता है इसीलिए वह प्रकाश श्वेत दिखाई देता है। सूर्य का प्रकाश भी तापदीप्ति का ही परिणाम है।
तापदीप्ति (Incandescence) की विशेषताएँ क्या है ?
तापदीप्तता तापीय विकिरण (thermal radiation) के कारण होती है। यह आमतौर पर विशेष रूप से दृश्य प्रकाश (Visible light) को संदर्भित करता है, जबकि थर्मल विकिरण इन्फ्रारेड या किसी अन्य विद्युत चुम्बकीय विकिरण को संदर्भित करता है।
ज्यादा efficient प्रकाश स्रोत, जैसे कि फ्लोरोसेंट लैंप और एलईडी, तापदीप्ति द्वारा कार्य नहीं करते हैं।
सूरज की रोशनी सूरज की “सफेद गर्म” सतह की ही तापदीप्ति है
प्रतिदीप्ति (Fluorescence) क्या है ?
कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं कि यदि उन पर पराबैंगनी प्रकाश (अर्थात् उसके फोटॉन) डाला जाए तो वे उसे अवशोषित कर लेते हैं और उनके परमाणु इस अतिरिक्त ऊर्जा को प्राप्त करके उत्तेजित अवस्था में चले जाते हैं। जब वे सामान्य अवस्था (Ground state) में आते हैं, तो दृश्य प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं। ऐसे पदार्थों को ‘प्रतिदीप्त पदार्थ’ (Fluorescent materials) तथा इस घटना को ‘प्रतिदीप्ति’ कहते हैं।
प्रतिदीप्ति (Fluorescence) की विशेषताएँ और उदाहरण क्या है ?
घरों में प्रयोग की जाने वाली ट्यूब में इसी घटना का उपयोग किया जाता है। इस ट्यूब में पारे की वाष्प तथा आर्गन गैस (या अन्य कोई अक्रिय गैस) का मिश्रण भरा रहता है। विद्युत-धारा प्रवाहित होने पर इस मिश्रण द्वारा पराबैंगनी विकिरण का उत्सर्जन किया जाता है।
ट्यूब की दीवारों पर प्रतिदीप्त पदार्थ जिसे ‘फॉस्फर’ (Phosphor) कहते हैं, का लेप होता है जो इन पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेता है और बाद में दृश्य प्रकाश का उत्सर्जन करता है।
प्रतिदीप्ति पदार्थों के दैनिक जीवन में अनेक उपयोग देखने को मिलते हैं। इनकी सहायता से आंखों से न दिखायी देने वाले विकिरणों, जैसे—पराबैंगनी किरणें, एक्स किरणें, आदि का पता लगाया जाता है।