What is Bernoulli’s Theorem ?
जब कोई असम्पीड्य और अश्यान द्रव (अर्थात् एक आदर्श द्रव) किसी नली में धारारेखीय प्रवाह में बहता है, तो इसके मार्ग के प्रत्येक बिन्दु पर इसके एकांक आयतन या एकांक द्रव्यमान की कुल ऊर्जा (दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग) नियत रहती है। इसे ‘बरनौली का प्रमेय‘ कहते हैं।
यह प्रमेय गैसों के प्रवाह के लिए भी सत्य है। इस प्रमेय से स्पष्ट है, कि यदि द्रव (अथवा तरल) का दाब बढ़ता है, तो उसका वेग कम हो जाता है और यदि वेग बढ़ता है, तो दाब कम हो जाता है।
बरनौली प्रमेय के अनुप्रयोग (Application of Bernoulli’s Therorem)
1. वेण्टीमीटर (Venturimeter): यह बरनौली की प्रमेय पर आधारित एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता से किसी नली में द्रव के प्रवाह की दर ज्ञात की जाती है।
2. यदि दो पिंग-पोंग की गेंदों के बीच में तेजी से हवा बहाते हैं, तो उनके बीच दाब कम हो जाने से गेंदे पास-पास आ जाती है।
3. यदि भौतिक तुला के एक पलड़े के नीचे तेजी से हवा बहाते हैं, तो पलड़ें के नीचे दाब कम हो जाने से पलड़ा नीचे झुक जाता है।
4. समुद्र में एक ही दिशा में एक-दूसरे के समान्तर गतिमान दो जलयानों के अधिक निकट आ जाने पर उनके बीच का स्थान संकरा होता जाता है जिससे वहां के जल की जलयानों के सापेक्ष विपरीत दिशा में चाल बहुत अधिक हो जाती है, फलत: वहां दाब बहुत कम हो जाता है तथा जलयानों के बाहर की ओर लगने वाले अधिक दाब से उत्पन्न दाबान्तर के कारण जलयान और अधिक निकट आकर टकरा जाते हैं।
5. तेज आंधी में टीन की छतों का उड़ जाना: जब आधी में वायु बहुत तीव्र वेग से टीन की छत के ऊपर से प्रवाहित होती है तो बरनौली की प्रमेय के अनुसार, छत के ऊपर की वायु का दाब बहुत कम हो जाता है, जबकि छत के नीचे कमरे के अन्दर की वायु के दाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है। अत: इस दाबान्तर के कारण टीन की छतें ऊपर उड़कर दूर जा गिरती हैं।
6. जब कोई गाड़ी प्लेटफार्म पर तीव्र गति से आती है, तो वहां पर वायु का दाब कम हो जाता है, अतः प्लेटफार्म पर उपस्थित प्रत्येक वस्तु पर दाबान्तर के कारण गाड़ी की ओर एक धक्का लगता है जिससे सारा कूड़ा-करकट, पत्ते, आदि गाड़ी की ओर तेजी से भागने लगते हैं। अत: गाड़ी आने के समय प्लेटफार्म पर पटरी से दूर खड़े होना चाहिए।
7. दैनिक जीवन में अन्य उपयोगः जब कोई द्रव किसी जेट से बाहर निकलता है तो इसका वेग बढ़ जाता है और दाब घट जाता है। इस प्रवृत्ति का उपयोग ‘बुन्सेन के बर्नर’ में किया जाता है। ‘कार्बोरेटर’ में भी वायु को पेट्रोल के जेट द्वारा इसी प्रकार खींचा जाता है। |
- बरनौली प्रमेय का उपयोग वायुयान के पंखों को बनाने में किया जाता है। पंखों की आकृति इस प्रकार रखी जाती है, कि उनकी ऊपरी सतह की वक्रता निचली सतह की वक्रता से अधिक हो तथा सामने का किनारा गोल एवं पीछे चपटा हो।
- दो कारें जब उच्च गति से गुजर रही होती हैं, तो उनके टकराने की सम्भावना इसलिए बढ़ जाती है, कि उनके बीच के स्थान में दाब का मान अत्यल्प होता है।
एक अच्छे स्नेहक में दो गुण होते हैं:
1. कम पृष्ठ तनाव तथा
2. उच्च श्यानता
आदर्श द्रव
वह द्रव जो पूर्णत: असम्पीड्य (Incompressible) तथा अश्यान (Non-viscous) होता है, ‘आदर्श द्रव’ कहलाता है। अत: ऐसे द्रव का श्यानता गुणांक (n) शून्य होता है और आयतन प्रत्यास्थता गुणांक अनन्त होता है। ऐसे द्रव का क्रान्तिक वेग शून्य होता है। व्यवहार में ऐसा द्रव असम्भव है परन्तु जल आदर्श द्रव के निकटतम है।