What is Mechanical Energy
जब कभी कोई वस्तु किसी अन्य वस्तु पर कार्य करती है, तो कार्य करने वाली वस्तु की ऊर्जा खर्च होती है और जिस पर कार्य किया जाता है उसकी ऊर्जा बढ़ जाती है। इस प्रकार किया गया कार्य स्थान ऊर्जा तथा कार्य द्वारा प्राप्त ऊर्जा ‘यान्त्रिक ऊर्जा’ (Mechanical energy) कहलाती है l
यान्त्रिक ऊर्जा दो प्रकार की होती है—(1) गतिज ऊर्जा एवं (2) स्थितिज ऊर्जा।
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy): किसी वस्तु में उसकी गति के कारण कार्य करने की जो क्षमता आ जाती है उसे उस वस्तु की ‘गतिज ऊर्जा’ कहते हैं।
बन्दूक से छोड़ी गई गोली, धनुष से छोड़ा गया तीर, गतिमान हथौड़ा, गिरती वर्षा की बूंदें, बहती हवा, आदि गतिज ऊर्जा के उदाहरण हैं।
स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy)
जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (State) या स्थिति (Position) के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है तो हम कहते हैं कि वस्तु में स्थितिज ऊर्जा है।
जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (State) या स्थिति (Position) के कारण कार्य करने की क्षमता आ जाती है तो हम कहते हैं कि वस्तु में स्थितिज ऊर्जा है।
उदाहरण : बांध में जल को काफी ऊंचाई पर एकत्रित किया जाता है जिससे उसमें स्थितिज ऊर्जा आ जाती है। जब इस जल को नीचे टरबाइन पर गिराया जाता है, तो यह ऊर्जा टरबाइन के पहिए को घुमा देती है जिससे विद्युत उत्पन्न होती है। इस प्रकार, बांध की ऊंचाई पर स्थित जल की स्थितिज ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है।