What is Oxygen ?
यह एक रासायनिक तत्त्व है। ऑक्सीजन का प्रतीक O और परमाणु संख्या 8 होती है। यह आवर्त सारणी में चाकोजेन समूह (Chalcogen Group) का सदस्य है ऑक्सीजन में 8 इलेक्ट्रॉन और 8 प्रोटॉन होते हैं। इसका परमाणु भार 15.999 और घनत्व 1.429 ग्राम/लीटर है।
ऑक्सीजन एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील (reactive) अधातु, और एक ऑक्सीकरण एजेंट (oxidizing agent) है जो आसानी से ज्यादातर तत्वों और यौगिकों के साथ ऑक्साइड बनाता है।
हाइड्रोजन और हीलियम के बाद, ऑक्सीजन ब्रह्मांड में द्रव्यमान के हिसाब से तीसरा सबसे प्रचुर तत्व है। ऑक्सीजन गैस पृथ्वी के वायुमंडल का 20.95% है। आक्साइड के रूप में ऑक्सीजन पृथ्वी की कृस्ट (crust) का लगभग आधा हिस्सा बनाती है।
ऑक्सीजन के तीन समस्थानिक होते हैं- 8O16, 8O17 तथा 8O18
ऑक्सीजन गैस (Oxygen Gas)
ऑक्सीजन गैस की खोज सर्वप्रथम स्वीडन के शीले नामक वैज्ञानिक ने 1772 ई. में की थी।
यह एक रंगहीन, गंधहीन एवं वायु से कुछ भारी गैस है। ऑक्सीजन को प्राण वायु (Life air) कहा जाता है।
यह गैस स्वयं नहीं जलती परन्तु जलने में सहायक होती है।
ऑक्सीजन की प्रकृति अनुचुम्बकीय होती है।
प्रयोगशाला में ऑक्सीजन गैस पोटैशियम क्लोरेट को मैंगनीज डाइऑक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थिति में 375°C तापक्रम पर गर्म करके बनायी जाती है।
कृत्रिम श्वसन में हीलियम और ऑक्सीजन के मिश्रण का प्रयोग होता है। ऑक्सीजन का उपयोग ऑक्सीजन हाइड्रोजन एवं ऑक्सी-ऐसीटिलीन ज्वाला उत्पन्न करने में होता है।
द्रवीभूत ऑक्सीजन का उपयोग रॉकेट ईंधन (Rocket fuel) के रूप में होता है।
मानव-शरीर में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व ऑक्सीजन (O) है। वायुमंडल में समस्त ऑक्सीजन हरे पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण (Photosyntheis) प्रक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न हुई है।
तरल ऑक्सीजन (Liquid oxygen) का रंग हल्का नीला और चुंबकीय होता है।
ऑक्सीजन का इतिहास (History of Oxygen)
ऑक्सीजन की खोज और प्रारम्भिक अध्ययन जे॰ प्रीस्टले (Joseph Priestley) और सी॰डब्ल्यू॰ शेले (Carl Wilhelm Scheele) ने महत्वपूर्ण कार्य किया है। सन् 1772 ई॰ में कार्ल शीले ने पोटैशियम नाइट्रेट को गर्म करके आक्सीजन गैस तैयार किया, किन्तु उनका यह कार्य सन् 1777 ई॰ में प्रकाशित हुआ। सन् 1774 ई॰ में जोसेफ प्रिस्टले ने मर्क्युरिक-आक्साइड को गर्म करके ऑक्सीजन गैस तैयार किया। एन्टोनी लैवोइजियर ने इस गैस के गुणों का वर्णन किया तथा इसका नाम आक्सीजन रखा, जिसका अर्थ है – ‘अम्ल उत्पादक‘।
ऑक्सीजन के उपयोग (use of Oxygen)
जीवित प्राणियों के लिए आक्सीजन अति आवश्यक है। जीवित रहने के लिए पृथ्वी पर अधिकांश जीवों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
जानवरों और पौधों को श्वसन के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
ऑक्सीजन हम जिस हवा में सांस लेते हैं और जो पानी (H2O) पीते हैं उसमें ऑक्सीज़न पाया जाता है l
मनुष्य में भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में ऑक्सीज़न सहायक होती है, इसे वे श्वसन द्वारा इसे ग्रहण करते हैं।
द्रव ऑक्सीजन तथा कार्बन, पेट्रोलियम इत्यादि का मिश्रण अति विस्फोटक होता है। इसलिए इनका उपयोग चट्टान आदि के तोड़ने में होता है।
लोहे की मोटी चद्दर काटने अथवा मशीन के टूटे भागों को जोड़ने के लिए ऑक्सीजन तथा दहनशील गैस को ब्लो पाइप में जलाया जाता है।
साधारण ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन या एसिटिलीन जलाई जाती है। इसके लिए ये गैसें इस्पात के बेलनों में अति संपीडित अवस्था में बिकती हैं।
ऑक्सीजन सिरका, वार्निश इत्यादि बनाने तथा असाध्य रोगियों के साँस लेने के लिए भी उपयोगी है। इसका उपयोग अधिकतर श्वसन व अनेक क्रियाविधियों मे होता है ।
ऑक्सीजन के कई व्यावहारिक उपयोग हैं। इसका सबसे अधिक उपयोग स्टील के निर्माण में किया जाता है। इसका उपयोग अयस्क से धातु को गलाने, पानी को छानने, प्लास्टिक बनाने और रॉकेट ईंधन बनाने के लिए भी किया जाता है।
ऑक्सीजन के टैंक का उपयोग सांस लेने में समस्या वाले लोगों के इलाज के लिए और विमान, पनडुब्बी, अंतरिक्ष यात्रियों और स्कूबा गोताखोरों के लिए जीवन समर्थन (life support systems) के रूप में भी किया जाता है।
ऑक्सीजन – महत्वपुर्ण तथ्य (Oxygen – Important and interesting Facts)\
जानवरों और पौधों को श्वसन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। पादप प्रकाश संश्लेषण (Plant photosynthesis) ऑक्सीजन चक्र को संचालित करता है और इसे हवा में लगभग 21% बनाए रखता है। जबकि ऑक्सीजन गैस जीवन के लिए आवश्यक है, इसकी अत्यधिक मात्रा विषाक्त (toxic) या घातक हो सकती है। ऑक्सीजन विषाक्तता के कारण दृष्टि दोष, खाँसी, मांसपेशियों में मरोड़ और दौरे हो सकते है । सामान्य दबाव पर, ऑक्सीजन विषाक्तता (toxic) तब होती है जब गैस 50% से अधिक हो जाती है।
ऑक्सीजन गैस रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन होती है। यह आमतौर पर तरलीकृत हवा के आंशिक आसवन द्वारा शुद्ध किया जाता है, लेकिन यह तत्व पानी, सिलिका और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे कई यौगिकों में पाया जाता है।
तरल और ठोस ऑक्सीजन का रंग हल्का नीला होता है। कम तापमान और उच्च दबाव पर, ऑक्सीजन नीले मोनोक्लिनिक क्रिस्टल (Blue monoclinic crystals) से नारंगी, लाल, काले और यहां तक कि धातु के रूप में अपना स्वरूप बदल देता है।
ऑक्सीजन एक अधातु (nonmetal) है। इसमें कम तापीय और विद्युत चालकता होती है, लेकिन उच्च विद्युतीयता और आयनीकरण ऊर्जा है। परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते हैं और सहसंयोजक रासायनिक बंधन बनाते हैं।
ऑक्सीजन गैस सामान्यतः द्विसंयोजी अणु O2 है। ओजोन, O3, शुद्ध ऑक्सीजन का दूसरा रूप है। परमाणु ऑक्सीजन, जिसे “सिंगलेट ऑक्सीजन” भी कहा जाता है, प्रकृति में होता है, हालांकि आयन आसानी से अन्य तत्वों के साथ बंध जाता है। सिंगलेट ऑक्सीजन ऊपरी वायुमंडल (upper atmosphere) में पाई जा सकती है। ऑक्सीजन के एक परमाणु में आमतौर पर -2 की ऑक्सीकरण संख्या होती है।
ऑक्सीजन दहन में सहायक होता है हालांकि, यह वास्तव में ज्वलनशील नहीं है l इसे ऑक्सीकारक माना जाता है। शुद्ध ऑक्सीजन के बुलबुले जलते नही है ।
मानव शरीर के द्रव्यमान का लगभग 2/3 भाग ऑक्सीजन है। इस तरह यह शरीर में द्रव्यमान के हिसाब से सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्व है। उसमें से अधिकांश ऑक्सीजन पानी (H2O) का हिस्सा है। यद्यपि शरीर में ऑक्सीजन परमाणुओं की तुलना हाइड्रोजन परमाणु अधिक होते हैं, लेकिन उनका द्रव्यमान काफी कम होता है। ऑक्सीजन भी पृथ्वी की क्रस्ट (Crust) में सबसे ज्यादा पाया जाता है (द्रव्यमान के हिसाब से लगभग 47%) और ब्रह्मांड में तीसरा सबसे सामान्य तत्व है। जैसे ही तारे हाइड्रोजन और हीलियम को जलाते हैं, ऑक्सीजन और अधिक मात्रा में हो जाती है।
ऑक्सीजन पानी में घुल जाती है। ताजे पानी में प्रति लीटर लगभग 6.04 एमएल ऑक्सीजन होता है, जबकि समुद्री जल में प्रति लीटर लगभग 4.95 एमएल ऑक्सीजन होता है।
हवा में पाई जाने वाली ऑक्सीजन प्रकाश संश्लेषण द्वारा निर्मित होती है – पौधों के बिना हवा में ऑक्सीजन बहुत कम होती। पृथ्वी पर अधिकांश ऑक्सीजन छोटे समुद्री पौधों से आती है जिन्हें फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton) कहा जाता है।
300 मिलियन वर्ष पहले जब ऑक्सीजन का स्तर अधिक था, कीड़े बड़े हो गए थे। ड्रैगनफली कभी पक्षियों जितनी बड़ी होती थीं!
ऑरोरा बोरेलिस, या उत्तरी रोशनी का हरा रंग (Green Colour of the Aurora Borealis, or Northern Lights) सौर वायु कणों के पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन परमाणुओं से टकराने के कारण होता है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) क्या है और उसका इस्तेमाल
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हवा में मौजूद अन्य गैस से ऑक्सीजन को फिल्टर करता है। हवां में तीन तरह की गैस मौजूद हैं, जिसमें करीबन 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और 21 प्रतिशत ऑक्सीजन शामिल है और 1 प्रतिशत अन्य गैसें हैं। ऐसे में हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए अन्य अशुद्धियों के साथ साथ नाइट्रोजन को खत्म करने की जरूरत होती है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कैसे काम करता है ?
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में एक मोटर दी गई है, जिसकी मदद से यह कमरे से हवा ग्रहण करता है और उसके फिल्टर के जरिए आगे भेजता है। फिर हवा को गर्म करता है और नाइट्रोजन को खत्म करता है, ऑक्सीजन कंप्रेस होती है, फिर साफ पानी से होकर गुजरती है और आखिर में सांस लेने के लिए उपलब्ध होती है। इसे आप एक प्रकार का एयर प्यूरिफायर समझ सकते हैं, जिसमें कम्प्रेसर, मोटर्स, प्रेशर रेगुलेटर्स, हीट एक्सचेंजर और अन्य कंपोनेंट मौजूद हैं।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऑक्सीजन को बनाता नहीं है सिर्फ इसे साफ करके भेजता है। ऑक्सीजन फ्लो को लीटर प्रति मिनट (LPM) में मापा जाता है। ऐसे में आपको कम से कम एक ऐसी डिवाइस लेनी चाहिए जो कि लगातार 5LPM फ्लो से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाए। ।
आमतौर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग सांस की बीमारी और अस्थमा आदि से पीड़ित लोग करते हैं
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (oxygen concentrator) का उपयोग खास तौर पर होम आइसोलेशन में मौजूद कोरोना वायरस के मरीजों और ऑक्सीजन की कमी का सामने कर रहे अस्पतालों में इस्तेमाल किया जा रहा है l ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हल्के और मध्य लक्षणों वाले कोविड-19 मरीजों के लिए काफी उपयोगी है l
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अलग-अलग क्षमता के होते हैं. छोटे पोर्टेबल कंसंट्रेटर एक मिनट में एक या दो लीटर ऑक्सीजन मुहैया करा सकते हैं, जबकि बड़े कंसंट्रेटर 5 या 10 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई की क्षमता रखते हैं. इनसे मिलने वाली ऑक्सीजन 90 से 95 फीसदी तक शुद्ध होती है. लेकिन अधिकतम रेट से सप्लाई करने पर शुद्धता में कुछ कमी आ सकती है.
कंसंट्रेटर्स में ऑक्सीजन सप्लाई को रेगुलेट करने के लिए प्रेशर वॉल्व लगे होते हैं. WHO द्वारा 2015 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कंसंट्रेटर को लगातार काम करने के लिए डिजाइन किया जाता है, जिससे लगातार लंबे समय तक ऑक्सीजन सप्लाई कर सके.