What is Inert Gases or Noble Gases ?
एक अक्रिय गैस एक ऐसी गैस होती है जो किन्ही दी गई शर्तों के तहत रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग नही लेती है अर्थात ऐसी gas ज्यादातर पदार्थों के साथ क्रिया नही करती है। इन्हें नोबल gas भी कहा जाता है । अक्रिय गैसों का उपयोग आम तौर पर अवांछित रासायनिक प्रतिक्रियाओं (unwanted chemical reactions) से बचने के लिए किया जाता है जो एक नमूने को खराब करते हैं। ये अवांछनीय रासायनिक प्रतिक्रियाएं अक्सर हवा में ऑक्सीजन और नमी के साथ ऑक्सीकरण और हाइड्रोलिसिस प्रतिक्रियाएं होती हैं। अक्रिय गैस कुछ certain condition में और किसी पदार्थ पर निर्भर होकर प्रतिक्रिया कर लेती है ।
शुद्ध आर्गन और नाइट्रोजन गैसों को उनकी उच्च प्राकृतिक बहुतायत (78.3% N2, 1% Ar हवा में) और कम सापेक्ष लागत के कारण अक्रिय गैसों के रूप में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।
उत्कृष्ट गैसों के विपरीत, एक अक्रिय गैस अनिवार्य रूप से मौलिक नहीं होती है और अक्सर एक मिश्रित गैस होती है। यह एक प्रवृत्ति है, नियम नहीं, क्योंकि नोबल गैसें और अन्य “निष्क्रिय” गैसें यौगिक बनाने के लिए प्रतिक्रिया कर सकती हैं।
समूह 18 के तत्वों में हीलियम, नियॉन, आर्गन, क्रिप्टन, क्सीनन और रेडॉन शामिल हैं। शून्य वर्ग के तत्व रासायनिक दृष्टि से निष्क्रिय होते हैं। उन्हें उत्कृष्ट गैस या अक्रिय गैस कहा जाता है। हीलियम (Helium – He) निऑन (Neon – Ne), ऑर्गन (Argon – Ar), क्रिप्टान (Krypton – Kr), जेनान (Xenon – Xe) तथा रेडॉन (Radon – Rn) आवर्त सारणी के शून्य वर्ग के तत्व हैं। ये सभी तत्व वायुमंडल में मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं। रेडॉन (Rn) को छोड़कर अन्य सभी अक्रिय गैसें वायुमंडल में पायी जाती है। अक्रिय गैसों की खोज का श्रेय लोकेयर, रैमजे, रैले, आदि को जाता है। अक्रिय गैसों की प्राप्ति दुर्लभ होने के कारण उन्हें ‘दुर्लभ गैस’ भी कहा जाता है। वे रंगहीन, स्वादहीन और गंधहीन गैसें हैं। वे कम गलनांक और क्वथनांक प्रदर्शित करते हैं।
हीलियम (Helium)
हीलियम एक हल्की और अज्वलनशील गैस है। यह ब्रह्मांड में दूसरा सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व है। इसकी खोज फ्रैंकलैण्ड और लोकेयर ने की। हीलियम का उपयोग वायुयान के टायरों में भरने के लिए किया जाता है। हल्की गैस होने के कारण हीलियम वायुयान को ऊपर उठाता है। मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए बैलून में हीलियम गैस भरकर उसे छोड़ा जाता है। हीलियम और ऑक्सीजन का मिश्रण गहरे समुद्रों में गोताखोरों द्वारा वायु के स्थान पर प्रयोग किया जाता है क्योंकि अधिक दाब पर हीलियम नाइट्रोजन की अपेक्षा रक्त में कम विलेय होता है। अस्पतालों में दमा के रोगों को कृत्रिम सांस के रूप में हीलियम और ऑक्सीजन गैस का मिश्रण दिया जाता है। द्रव हीलियम का उपयोग निम्न ताप पर प्रयोगों में निम्न तापीय अभिकर्मक के रूप में किया जाता है।
नियॉन (Neon)

नियॉन का उपयोग स्फुरदीप्ति बल्बों में तथा चमकने वाले विज्ञापनों में किया जाता है। नियॉन लैम्प का प्रयोग हवाई अड्डों पर विमान चालकों को संकेत देने के लिए किया जाता है क्योंकि यह प्रकाश कोहरे में अधिक चमकता है। नियॉन विसर्जन लैम्पों व ट्यूबों तथा प्रतिदीप्ति बल्बों में भरी जाती है, जिनकों विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आर्गन (Argon)

आर्गन (Ar) प्रकृति में वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला अक्रिय गैस है। इसकी खोज रैमजे (Ramsay) ने की है। आर्गन का उपयोग विद्युत बल्बों में भरने में किया जाता है क्योंकि इसकी उपस्थिति में विद्युत बल्ब का तन्तु (Filament) ज्यादा समय तक सुरक्षित रहता है। आर्गन (Ar) का उपयोग उच्च तापीय धातुकर्मिक प्रक्रियाओं धातुओं अथवा मिश्रधातुओं की आर्क वेल्डिंग में निष्क्रिय वातावरण उत्पन्न करने में भी किया जाता है।
जेनॉन (Xenon)

सर्वाधिक यौगिक बनाने वाला अक्रिय गैस जेनॉन है।
रेडॉन (Redon)

रेडॉन एक रेडियोसक्रिय तत्व है। इसका उपयोग रेडियोथेरेपी (Radiotheraphy) के रूप में कैंसर रोग के इलाज में होता है।