What are Halogen Elements ?
फ्लोरीन (F), क्लोरीन (CI), ब्रोमीन (Br), आयोडीन (I) और एस्टेटीन (At) को सम्मिलित रूप से हैलोजन कहा जाता है। हैलोजन आवर्त सारणी में एक समूह है जिसमें यह पांच रासायनिक तत्व शामिल हैं। कृत्रिम रूप से निर्मित तत्व 117, टेनेसीन, भी एक हैलोजन हो सकता है। आधुनिक IUPAC नामकरण में, इस समूह को समूह 17 (Group 17) के रूप में जाना जाता है।
हैलोजन तत्व बहुत क्रियाशील होते हैं, अत: ये मुक्त अवस्था में नहीं पाये जाते हैं।
फ्लोरीन और क्लोरीन गैसीय अवस्था में पाये जाते हैं जबकि ब्रोमीन द्रव एवं आयोडीन ठोस अवस्था में मिलते हैं।
सभी हैलोजन रंगीन होते हैं। इसका कारण यह है, कि ये दृश्य-प्रकाश को अवशोषित करते हैं। आयोडीन में उपधातु जैसे जाते हैं। इसमें धातुई चमक पायी जाती है। फ्लोरीन आवर्त सारणी का सर्वाधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है।
फ्लोरीन (F)
फ्लोरीन एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक F और परमाणु क्रमांक 9 है। यह सबसे हल्का हलोजन है और मानक परिस्थितियों में अत्यधिक जहरीली, हल्के पीले रंग की डायटोमिक गैस के रूप में मौजूद है। सबसे विद्युत ऋणात्मक तत्व के रूप में, यह अत्यंत प्रतिक्रियाशील है, क्योंकि यह आर्गन, नियॉन और हीलियम को छोड़कर अन्य सभी तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करता है।
तत्वों में, फ्लोरीन सर्वाधिक मात्रा में पाए जाने वाले तत्वों में 24 वें और स्थलीय बहुतायत में 13 वें स्थान पर है। फ्लोराइट, फ्लोरीन का प्राथमिक खनिज स्रोत जिसने तत्व को अपना नाम दिया, का वर्णन पहली बार 1529 में किया गया था; चूंकि इसे गलाने के लिए उनके गलनांक को कम करने के लिए धातु अयस्कों में जोड़ा गया था,
1810 में एक तत्व के रूप में, फ्लोरीन को इसके यौगिकों से अलग करना मुश्किल और खतरनाक साबित हुआ, और इसी कारण कई शुरुआती वैज्ञानिकों की प्रयोग के दौरान मृत्यु हो गई । 1886 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ हेनरी मोइसन ने कम तापमान वाले इलेक्ट्रोलिसिस का उपयोग करके मौलिक फ्लोरीन को अलग कर दिया, एक प्रक्रिया अभी भी आधुनिक उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है । यूरेनियम संवर्धन के लिए फ्लोरीन गैस का औद्योगिक उत्पादन, इसका सबसे बड़ा अनुप्रयोग, द्वितीय विश्व युद्ध में मैनहट्टन परियोजना के दौरान शुरू हुआ।
क्लोरीन (Chlorine)
क्लोरीन हरे-पीले रंग की तथा तीखी (Pungent) और दम घोंटने वाली गंध की गैस है। यह बहुत ही विषैली गैस है। यह गले, नाक और फेफड़ों पर गहरा असर करती है। यह गैस फूलों का रंग उड़ा देती है।
क्लोरीन गैस चूने के साथ प्रतिक्रिया कर ब्लीचिंग पाउडर का निर्माण करती हैं। ब्लीचिंग पाउडर एक हल्के पीले रंग का चूर्ण है जिसमें क्लोरीन की गंध आती है।
ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग क्लोरीन, क्लोरोफार्म के निर्माण में, पेय जल को शुद्ध करने में, जीवाणुनाशक के रूप में, रंगीन कपड़ों का रंग उड़ाने में, चीनी को सफेद करने, आदि में किया जाता है।
क्लोरीन के मुख्य उपयोग
1. ब्लीचिंग पाउडर के निर्माण में।
2. विरंजक के रूप में सूती कपड़ों, कागज, आदि का रंग उड़ाने में।
3. रोगाणुनाशक के रूप में, पेयजल में उपस्थित रोगाणुओं को क्लोरीन द्वारा नष्ट किया जाता है।
4. फॉस्जीन, मस्टर्ड गैस, ल्यूसाइट जैसी विषैली गैस के उत्पादन में।
ब्रोमीन (Bromine)
ब्रोमीन एक द्रव अधातु (Liquid non-metal) है। समुद्री जल में ब्रोमीन, सोडियम, पोटैशियम एवं मैग्नीशियम के ब्रोमाइड के रूप में पाया जाता है। भारत में कच्छ के रण में पाया जाने वाला ब्राइन ब्रोमीन का एक बहुमूल्य स्रोत है।
ब्रोमीन का उपयोग
1. ब्रोमाइड, हाइपोब्रोमाइट एवं ब्रोमेट लवणों के उत्पादन में।
2. आंसू लाने वाली गैसों एवं अन्य विषैली गैसों के बनाने में।
3. फोटोग्राफी में प्रयुक्त होने वाली सिल्वर ब्रोमाइड यौगिक के उत्पादन में।
4. कार्बनिक रसायन में प्रतिकारक के रूप में।
5. पोटैशियम ब्रोमाइड का उपयोग नींद लाने की दवा के रूप में किया जाता है।
आयोडीन (Iodine)
आयोडीन एक ठोस अधातु है। मानव-शरीर में आयोडीन थाइरॉयड ग्रंथि (Thyroid gland) में थाइरॉक्सिन (Thyroxin) नामक कार्बनिक यौगिक के रूप में पाया जाता है।
मानव-शरीर में आयोडीन की कमी से थाइरॉयड ग्रंथियां बढ़ जाती है जिसे घेघा या गलगण्ड (Goitre) की बीमारी हो जाती है।
आयोडीन एक प्रबल जीवाणुनाशी है, अत: इसका प्रयोग टिंचर आयोडीन बनाने में होता है। आयोडीन और इथाइल ऐल्कोहॉल का मिश्रण टिंचर आयोडीन कहलाता है।
आयोडीन का प्रमुख स्रोत चिली (दक्षिणी अमेरिका) में पाया जाने वाला सोडियम नाइट्रेट का निक्षेप है। समुद्री लैमिनेरिया किस्म के समुद्री घासों (एक प्रकार का शैवाल) में आयोडीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इस समुद्री घास को अच्छी तरह सुखाने के पश्चात् गहरे गड्ढों में सावधानीपूर्वक जलाने से जो राख (Ash) प्राप्त होती है, उसे ‘केल्प’ (Kelp) कहते हैं। इसी केल्प में आयोडाइड के रूप में आयोडीन की मात्रा 0.4% से 1.3% तक रहती है। हैलोजनों में आयोडीन प्रबलतम ऑक्सीकारक है। आयोडीन का उपयोग टिंचर-आयोडीन, आयोडेक्स, आयोडोफार्म, आदि कीटाणुनाशक एवं पीडानाशक दवाओं के निर्माण में होता है।
एस्टेटीन (Astatine)
एस्टेटीन एक रेडियोसक्रिय तत्व है जो अत्यंत ही अस्थायी होता है। यह ठोस अधातुओं में सबसे भारी तत्व है।
यह भू-परत में सबसे कम मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है।