मानव जीवन को जिस विकसित रूप में आज हम देखते है, आज जो भी मनुष्य ने अपने विकास को लेकर तरक्की की है, उसमे विज्ञान का एक बड़ा योगदान रहा है l यह हमारी जिज्ञासाओं का नतीजा है कि हम लगातार खुद से सवाल करते रहे, खुद को एवं प्रकृति को समझने का एक सतत प्रयास करते रहे है l विज्ञान ने जीवन को एक नया आयाम दिया है, सामान्य मनुष्य जिंदगी को एक बेहतर और विकसित जीवनशैली में तब्दील किया है l हालाकि मनुष्य विकास में धर्म, संस्कृति, और परिवेश की भी अहम भूमिका रही है लेकिन फिर भी विकास शब्द का जब हम प्रयोग करते है तो विज्ञान और टेक्नोलॉजी हमारे जेहन में सबसे पहले आता है l

सवाल और विज्ञान
कुछ सवाल तो ऐसे है जो हम लोग जीवन के किसी ना किसी मोड़ पर खुद से कर ही लेते है जैसे कि ब्रहामंड क्या है ? हम ब्रहमांड में कहा अस्तित्व रखते है ? हम मनुष्यों के जीवन का मकसद क्या है ? ऐसा क्यों है की प्रकृति की बनाई हर चीज एकदम परफेक्ट है, सब एक दुसरे से जुड़े हुए क्यों है, क्या इस ब्रह्माण्ड से भी परे कुछ है? हमारी मृत्यु के बाद क्या होता है? आने वाले 100–200 सालों बाद का जीवन कैसा होगा? हम technology के चरम पर कब पहुचेंगे ? क्या हम भविष्य देख सकते है ? क्या हम ब्रहामंड के रहस्यों को जानने में सक्षम हो पायेगे आदि l यह लिस्ट लम्बी भी हो सकती है और छोटी भी, यह सब सोचने वाले पर छोड़ देते है लेकिन इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारा मस्तिष्क जाने अनजाने ऐसे अनसुलझे सवाल करने में लगा रहता है l

एक और बात है कि किसी भी सवाल का जवाब वक्त के पल और उस क्षण के साथ मस्तिष्क में छिपा होता है l हमारा दिमाग उल जलूल सवालों में उलझने पर ज्यादा तेज गति से उसके जवाब को जानने का प्रयास करने लगता है ऐसा इसलिए है क्योकि प्रकृति ने बनाया ही ऐसा है l
लेकिन क्या आप जानते है की मनुष्य की यह तरक्की और विकास और इससे जुड़े सारे सवाल – जवाब का origin क्या है या कह सकते है की कहाँ से शुरू हुए l इनका जवाब है की यह सारे सवाल – जवाब और आविष्कार का origin हमारा मस्तिष्क है, हमारा दिमाग है l
हमारे विचार और विज्ञान
आज हम Tesla की कारों से लेकर से लेकर Nasa के मार्स रोवर तक जिनके भी बारे में बात करते है उन्हें देखते है सब ने कही कही ना कही सबसे पहले दिमाग में तस्वीर बनायीं थी l ब्रहामंड का नियम शुरू से ही यही रहा है की मनुष्य जनित हर वो चीज जो हम आज देखते है वो सबसे पहले हमारे दिमाग में आयी थी l हमारे दिमाग में उसकी तस्वीर बनी थी l उसी आधार पर हमने प्रयास कर के उसको अस्तित्व में लेकर आते है l

आसान भाषा में अगर बात करे तो जिस घड़ी को आपने पहन रखा है, जिस mobile से आप बात करते है वो सब सबसे पहले हमारे दिमाग में एक विचार के जरिये आया l आपने सोचा और फिर आपने उसे implement किया तो वो चीज अस्तित्व में आयी यानी भौतिक दुनिया में आयी l उदाहरण लेते है की आज आपने अपने लिय एक Apple का mobile ख़रीदा है और उसको आपने हाथ में पकड़ा हुआ है l अब सोचिये की सबसे पहले एक विचार आपके दिमाग में आया की मुझे एक apple mobile लेना है l उस विचार पर आपने कार्य करना शुरू किया अर्थात आप उस विचार को अपने दिमाग से निकाल कर वास्तिवक दुनिया में implement करते हो और तत्काल आप mobile खरीद लेते हो l
कुछ आविष्कार जैसे Google Search Engine, डीएनए, सिलाई मशीन, आइन्स्टीन का सापेक्षता का नियम (Einstein’s Theory of Relativity), periodic table आदि के महान विचार इनके वैज्ञानिको को सपने में आये थे l दुनिया के कुछ सबसे प्रसिद्ध कलाकारों, वैज्ञानिकों और अन्वेषकों ने अपने Eureka moments बीच नींद में आये l

मशहूर रसायन वैज्ञानिक दिमित्री मेंडेलीव (Dimitry Mendeleev) ने रासायनिक तत्वों को एक साथ जोड़ने वाला पैटर्न को बनाने की कोशिश में 10 साल तक लगे रहे । एक रात उसे periodic table का सपना आता है और उसे सपने में वो आईडिया मिलता है जिसकी खोज में वो लगातार लगा हुआ था l अपनी डायरी में दिमित्री लिखते है की मैंने सपने में एक table देखी l उस table पर सारे तत्व की जहा आवश्यकता थी वहा पर गिर रहे थे l आगे उन्होंने बताया की वो तुरंत अपने बिस्तर से उठे और सारे तत्वों का क्रम सपने में जैसे देखा वैसे ही लिख लिया l इस तरह उन्होंने periodic table तैयार की l
हमारा दिमाग और हमारे सवाल
मतलब साफ़ है कि कही ना कही सवालों के जवाब हमारे दिमाग के पास होते है बात सिर्फ यह है कि सवाल हमे हमारे दिमाग से बार बार करना होगा l विज्ञान के हिसाब से जब हमसे यानी हमारे दिमाग से कोई सवाल पूछा जाता है तो हमारा पूरा दिमाग उत्तेजित (stimulated) हो जाता है और सेरोटोनिन (Serotonin) रिलीज होना शुरू हो जाता है ।
सेरोटोनिन के रिलीज़ होने से हमारा दिमाग ज्यादा relaxed और focused हो जाता है इससे यह किसी भी सवाल का उत्तर खोजने या किसी भी समस्या का समाधान ढूढनें में ज्यादा सक्षम हो जाता है । क्योकिं हमारा दिमाग एक निर्धारित शर्तो के अनुसार काम करता है इसलिए दिमाग में Dopamine की मात्रा बढ़ने लगती है l डोपामाइन एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है जिसे हमारा शरीर विकसित करता है और हमारा nervous system इसके जरिये nerve cells को मेसेज भेजता है । डोपामाइन एक यूनिक human ability है जो हमे सोचने, समझने और प्लानिंग करने की क्षमता प्रदान करता है l
इस तरह प्रकृति के अलावा मनुष्य के द्वारा बनाया हुआ सब कुछ हमारे मस्तिष्क की देन है l प्रसिद्ध लेखिका रोंडा बर्न (Rhonda Byrne) ने अपनी किताब ‘The Secret’ में बताया है की हमारे मस्तिष्क की ताकत से हम हमारे जीवन में कुछ भी प्राप्त कर सकते है l उसने बताया कि हमारे विचार ही हमारी जिंदगी बनाते है और हमारे विचार वास्तविक चीजों में बदलते है (Your Thoughts become things). इसिलिय हमारे विचारों पर हमारा नियंत्रण जरुरी है और साथ में हमे हमारे दिमाग की ताकत को विज्ञान के हिसाब से समझ कर उसका इस्तेमाल करना है l

कुल मिलाकर हम इस निष्कर्ष पर पहुचते है की हमारा मस्तिष्क हमे सही दिशा दिखा सकता है, हमारे अनगिनत सवालों के जवाब दे सकता है, हमे वो बना सकता है जो हम वास्तव में बनना चाहते है l इसिलिय अपने विचारों पर ध्यान दे l उन्हें समझे, अपने दिमाग को पॉजिटिव थॉट्स से भर दे l उसे यकीन दिला दे की जो आप चाहते है उसे हासिल करना ही है l
याद रखिये आप दिमाग के लिय सब कुछ आसान है क्योकि जो आपके सामने है वो सब विचार है तो फिर देर किस बात की आज ही इस पर विचार कीजिये l