What is Centre of Gravity ?
गुरुत्व केन्द्र वह बिन्दु है, जहां वस्तु का समस्त भार कार्य करता है, किसी पिण्ड का गुरुत्व केन्द्र तब तक स्थिर रहता है जब तक उसका आकार नहीं बदलता। किसी वस्तु का भार गुरुत्व केन्द्र से ठीक नीचे की ओर कार्यरत रहता है।
कोई वस्तु तभी तक सन्तुलन की अवस्था में रह सकती है जब तक उसके गुरुत्व केन्द्र से गुजरने वाली ऊर्ध्वाधर रेखा उस वस्तु के आधार के क्षेत्रफल के अन्दर से होकर गुजरती है। यदि यह रेखा आधार के क्षेत्रफल से बाहर हो जाती है, तो वस्तु के आधार का क्षेत्रफल जितना बड़ा होगा, उसका सन्तुलन उतना ही स्थायी होगा।
भार में परिवर्तन
1. ऊंचाई पर: अधिक ऊंची जगहों पर गुरुत्वीय त्वरण का मान कम होता है। इसलिए वस्तु का भार घट जाता है।
2. पृथ्वी के अन्दर: किसी खान के अन्दर वस्तु का भार घटता है, क्योंकि वस्तु को आकर्षित करने वाली पृथ्वी का द्रव्यमान घट जाता है।
3. पृथ्वी की सतह परः पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थानों में एक ही वस्तु का भार भिन्न-भिन्न होता है। इसके दो कारण हैं (1) पृथ्वी का विचित्र आकार और (2) पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना।
लिफ्ट में पिण्ड का भार (Weight of Body in a Lift)
1. जब लिफ्ट त्वरण a से ऊपर की ओर जाती है, तो लिफ्ट में स्थित व्यक्ति (जिसका द्रव्यमान m है) को अपना भार बढ़ा हुआ प्रतीत होता है।
2. जब लिफ्ट नीचे की ओर त्वरण व गति करती है, तो व्यक्ति को अपना भार घटा हुआ प्रतीत होता है।
3. जब लिफ्ट एकसमान वेग (अर्थात् त्वरण = 0) से ऊपर या नीचे गति करती है, तो व्यक्ति को अपने भार में कोई परिवर्तन नहीं प्रतीत होता है।
4. यदि नीचे उतरते समय लिफ्ट की डोरी टूट जाए तो वह मुक्त पिण्ड की भांति नीचे गिरती है, तो व्यक्ति को अपना भार शून्य प्रतीत होता है। यही भारहीनता की स्थिति है।
5. यदि लिफ्ट के नीचे गिरते समय लिफ्ट का त्वरण गुरुत्वीय त्वरण से अधिक हो (अर्थात् ag) तो व्यक्ति लिफ्ट के फर्श से उठकर उसकी छत पर जा लगेगा।
6. जब लिफ्ट एकसमान वेग से ऊपर या नीचे चलती है, तो व्यक्ति को अपने भार में कोई परिवर्तन प्रतीत नहीं होता।