इस आर्टिकल में हम आज हम महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन की आत्मकथा अर्थात अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी (Albert Einstein Biography in Hindi), अल्बर्ट आइंस्टीन की शिक्षा, उनके सिद्धांतों (Inventions of Albert Einstein) और अल्बर्ट आइंस्टीन की प्रमुख खोज के बारे में जानेंगे।
अल्बर्ट आइंस्टीन ((Albert Einstein) – परिचय
अल्बर्ट आइंस्टीन जर्मन में जन्मे सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (Theoretical Physicist) थे जिन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत (theory of relativity) विकसित किया, जो आधुनिक भौतिकी के दो स्तंभों में से एक (क्वांटम यांत्रिकी (quantum mechanics) के साथ) है।
अल्बर्ट आइंस्टीन को आमतौर पर 20वीं सदी का सबसे प्रभावशाली भौतिक विज्ञानी और 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है। उनका काम विज्ञान के दर्शन पर प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। आइंस्टीन ने ब्रह्मांड के बारे में मनुष्य की समझ को विकसित किया और उनके सिद्धान्तों की ने अन्तरिक्ष यात्राओं को लेकर time ट्रेवल जैसे जटिल आविष्कारों के लिय एक द्वार का काम किया ।
अल्बर्ट आइंस्टीन को बीसवीं सदी का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माना जाता है।
अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता सूत्र (mass–energy equivalence formula) E = mc2 के लिए जाना जाता है, जिसे “दुनिया का सबसे प्रसिद्ध समीकरण” माना जाता है। उन्हें “सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए, और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की खोज के लिए उन्हें भौतिकी में 1921 का नोबेल पुरस्कार मिला, जो क्वांटम सिद्धांत के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम था।
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय – महत्वपुर्ण बिंदु
जन्म – 14 मार्च 1879 (उल्म, वुर्ट्टनबर्ग,जर्मन साम्राज्य में (Ulm, Kingdom of Württemberg, German Empire)
मृत्यु – उम्र ( 18 अप्रैल 1955 (प्रिंसटन (Princeton),न्यू जर्सी New Jersey, USA)
पिता – हरमन आइंस्टीन Hermann Einstein
माता – पॉलिन कोच आइंस्टीन Pauline Koch Einstein
पत्नी – मिलेवा मेरिक Mileva Marić (1903 – 1919),
एल्सा लोवेन्थल Elsa Löwenthal (1919 – 1936)
पुरुस्कार – भौतिकी में नोबेल प्राइज (1921 में)
बच्चे – हंस अल्बर्ट आइंस्टीन (Hans Albert Einstein), एडवार्ड आइंस्टीन Eduard Einstein और Lieserl Maric
शिक्षा – Federal Polytechnic school in Zurich (Federal teaching diploma, 1900)
University of Zurich (PhD, 1905)
अल्बर्ट आइंस्टीन का बचपन और शिक्षा (Albert Einstein’s early life, Childhood and Schooling in Hindi)
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उसके पिता हरमन आइंस्टीन और माता पॉलिन कोच आइंस्टीन थी। हरमन आइंस्टीन एक सेल्समेन और इंजीनियर थे जो बिजली के उपकरण सप्लाई करते थे । सन 1980 में हरमन आइंस्टीन और पॉलिन आइंस्टीन उल्मा से 160 किलोमीटर दूर म्युनिक ( Munich ) में रहने आ गए । यहां आइंस्टीन के पिता और उनके चाचा जैकब ने इलेक्ट्रोटेक्नीस फैब्रिक जे. आइंस्टीन एंड सी नामक कंपनी की स्थापना की, जो प्रत्यक्ष धारा (Direct current) पर आधारित विद्युत उपकरण बनाती थी।
1893 में अल्बर्ट आइंस्टीन (आयु 14 वर्ष)
अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया | 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे | वे प्रकृति और ब्रहमांड से जुड़े नियमोंसे जुड़े रहस्यों के बारे में सोचा करते थे | उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा | अल्बर्ट जब आठ साल के हुए तो उसका एडमिशन लुइटपोल्ड जिम्नेजियम स्कूल (Luitpold Gymnasium School) में करा दिया गया । वर्तमान में इस स्कूल को अल्बर्ट आइंस्टीन जिम्नेजियम के नाम से जाना जाता है।
12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला | 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे | 1894 में अल्बर्ट के पिता की कंपनी ने म्युनिक में बिजली सप्लाई करने के लिए बोली लगाई लेकिन ये काम उन्हें मिल ना सका उस समय उनके पास इतने पैसे भी नही थे की वे डायरेक्ट कर्रेंट के उपकरणों को अल्टरनेटिव करंट में बदल सकें।
इसी कारण उनकी कंपनी को बहुत भारी नुकसान झेलना पड़ा ये नौबत आई कि उन्हें ये कंपनी को बंद तक करना पड़ा। अब उनके पास कोई पैसे का स्त्रोत नही था इसीलिए नए व्यापार की तलाश में अल्बर्ट आइंस्टीन के परिवार को म्युनिक छोड़कर इटली के शहर मिलान में शिफ्ट हो गए ।
आइंस्टीन ने बहुत कम उम्र से ही भौतिकी और गणित में उत्कृष्टता हासिल की और जल्द ही अपने से कई साल बड़े बच्चे की तरह गणितीय विशेषज्ञता हासिल कर ली। जब वह केवल बारह वर्ष के थे, तब उन्होंने खुद को बीजगणित, कैलकुलस और यूक्लिडियन ज्यामिति पढ़ाना शुरू किया; उन्होंने इतनी तेजी से प्रगति की कि उन्होंने अपने तेरहवें जन्मदिन से पहले पाइथागोरस प्रमेय का एक मूल प्रमाण खोज लिया था |
केवल पंद्रह साल की उम्र में सन 1894 में अल्बर्ट ने अपना पहला रिसर्च पेपर को प्रकाशित किया जिसका शीर्षक था ऑन द इन्वेस्टिगेशन ऑफ द स्टेट ऑफ़ द ईथर इन द मैग्नेटिक फील्ड ( On the investigation of the state of the Ether in the magnetic field )
सितम्बर 1896 में अल्बर्ट ने सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंको के साथ पास की फिर वो वहाँ से जुनिच (Zunich) वापस आ गए और अल्बर्ट ने फिर से फेडरल पॉलीटेक्निक में एंट्रेंस एग्जाम दिया इस बार उनका एडमिशन हो गया। आइंस्टीन की भावी पत्नी, 20 वर्षीय सर्बियाई मिलेवा मैरिक (Mileva Maric) ने भी उसी वर्ष पॉलिटेक्निक स्कूल में दाखिला लिया। वह शिक्षण डिप्लोमा पाठ्यक्रम के गणित और भौतिकी अनुभाग में छह छात्रों में से एकमात्र महिला थीं। अगले कुछ वर्षों में, आइंस्टीन और मैरिक की दोस्ती प्रेम में बदल गई, और उन्होंने पाठ्येतर भौतिकी पर एक साथ बहस करने और किताबें पढ़ने में अनगिनत घंटे बिताए, जिसमें वे दोनों रुचि रखते थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन और मिलेवा मैरिक आइंस्टीन, 1912
सन 1903 में अल्बर्ट आइंस्टीन और मिलेवा मैरीक ने बर्न, स्विट्जरलैंड में शादी कर ली। सन 1904 में उनका एक बेटा हुआ जिनका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन (Hans Albert Einstein) रखा गया । सन 1910 अल्बर्ट के दूसरे बेटे का जन्म हुआ जिनका नाम एडवार्ड आइंस्टीन (Eduard Einstein) रखा गया। हालांकि एडवार्ड की 20 साल की उम्र में ही मृत्यु हो जाती है।
अल्बर्ट और मिलेवा दोनों 1914 में एक दूसरे से अलग हो गए । मिलेवा मैरिक अपने दोनों बेटों को लेकर अल्बर्ट से अलग हो गई और पाँच साल बाद सन 1919 में दोनों ने तलाक ले लिया । तलाक के बाद अल्बर्ट आइंस्टीन ने एल्सा से शादी कर ली।
अल्बर्ट आइंस्टीन और एल्सा
अल्बर्ट आइंस्टीन का शैक्षणिक करियर (Academic Career of Albert Einstein)
सन 1900 में जब अल्बर्ट आइंस्टीन 21 साल के हुए तब उन्होंने फेडरल पॉलीटेक्निक टीचिंग डिप्लोमा पास किया। इसी साल उनका एक रिसर्च पेपर भी पब्लिश हुआ उसका शीर्षक था कंनक्लूशन ड्रॉन फ्रॉम द फेनोमेना ऑफ कैपिल्लरिटी (Conclusion Drawn from the Phenomena of Capillarity).
सन 1901 में अल्बर्ट को स्विस (Swiss) की नागरिकता मिल गई और सन 1902 में जब अल्बर्ट 23 वर्ष के थे तब उनको स्विट्जरलैंड में बर्न के फेडरल इंस्टीटूट ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (Federal Institute of Intellectual property) में एक असिस्टेंट एग्जामिनर (Assistant Examiner) लेवल 3 की नौकरी मिल गई । इस नौकरी में काम के घंटे कम होने के कारण अल्बर्ट को रिसर्च करने और उन्हें पब्लिश करने के लिए काफी वक्त मिल जाता था ।
अपने काम करने के साथ – साथ अल्बर्ट पीएचडी भी कर रहे थे, कड़ी मेहनत से उन्होंने 30 अप्रैल 1905 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच (University of Zurich) से पीएचडी (PHD) की डिग्री हासिल की।
अल्बर्ट आइंस्टीन का वैज्ञानिक करियर (Scientist Career of Albert Einstein)
1905 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने चार अभूतपूर्व रिसर्च पेपर्स को प्रकाशित किए, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट (Photoelectric effect), बरौनिन मोशन (Brownian Motion), स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (Special Theory of Relativity), और द एक्विवालेन्स ऑफ मास एंड एनर्जी (The Equivalence of mass and energy) पर । ये ऐसे सिदांत थे जिन्होंने मनुष्य की सोच को एक नया आकार दिया ।
1908 तक, आइंस्टीन को एक अग्रणी वैज्ञानिक के रूप में पहचाना जाने लगा और उन्हें बर्न विश्वविद्यालय में व्याख्याता नियुक्त किया गया । अगले वर्ष, ज्यूरिख विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रोडायनामिक्स और सापेक्षता सिद्धांत पर व्याख्यान देने के बाद, अल्फ्रेड क्लिनर (Alfred Kleiner) (जो की आइंस्टीन के Doctoral Advisor थे) ने सैद्धांतिक भौतिकी में नव निर्मित प्रोफेसरशिप के लिए संकाय में उनकी सिफारिश की। आइंस्टीन को 1909 में एसोसिएट प्रोफेसर नियुक्त किया गया था और उसी वर्ष आइंस्टीन में जुरिच, स्विट्जरलैंड चले गए वहाँ पर उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच में प्रोफेसर की नौकरी की ।
सन 1911 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक और थ्योरी दी जिसका नाम था द जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी (The general theory of relativity) इसी की मदद से आज हम जानते कि गुरुत्वाकर्षण (Gravity) कैसे काम करती है। उसका समय पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इसी साल अल्बर्ट जुरिच से प्राग (Prague) शिफ्ट हो गए, वहाँ उन्होंने चार्ल्स फर्डीनांड यूनिवर्सिटी (Charles Ferdinand University) में प्रोफेसर की नौकरी की और साथ ही उन्हें ऑस्ट्रियन नागरिकता (Austrian Citizenship) भी मिली । यहाँ दो साल रहने के बाद वो बर्लिन जर्मनी चले गए ।
2 अप्रैल 1921 अल्बर्ट ने पहली बार USA के न्यूयॉर्क शहर में कदम रखा वहाँ उंन्हे कोलंबिया और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया था।
1922 में, उन्हें “सैद्धांतिक भौतिकी में उनकी सेवाओं के लिए, और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कानून की खोज के लिए” भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 1921 में कोई भी नामांकन अल्फ्रेड नोबेल द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता था, इसलिए 1921 का पुरस्कार आगे बढ़ाया गया और 1922 में आइंस्टीन को प्रदान किया गया ।
सन 1930 दिसंबर में दूसरी बार USA में कदम रखा और कुछ समय तक कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (California Institute of Technology) में एक रिसर्च फेलो के रूप किया। फिर वो वापस बर्लिन जर्मनी आ गए।
लेकिन सन 1933 तक हिटलर जर्मनी में बहुत ताकतवर हो चुका था। उसने यहूदियों को सरकारी नौकरियों से निकलना और उंन्हे मारना शुरू कर दिया। इसी कारण अल्बर्ट आइंस्टीन ने जर्मनी को छोड़ने का निर्णय लिया। अल्बर्ट और एल्सा 1933 में USA आ गए। वहाँ पर प्रोफ़ेसर के रूप में काम किया। फिर सात साल बाद उन्हें USA की नागरिकता मिल गई।
अल्बर्ट आइंस्टीन – 1947
अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु (17 अप्रैल 1955) (Death of Albert Einstein)
17 अप्रैल 1955 को, आइंस्टीन की मेडिसिन प्रिंसटन मेडिकल सेंटर में 76 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई | आइंस्टीन ने अपने व्यक्तिगत अभिलेखागार, पुस्तकालय और बौद्धिक संपदा (personal archives, library, and intellectual assets) को इज़राइल में यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय को सौंप दिया था |
अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग ( Albert Einstein brain in Hindi )
Albert Einstein brain weight – 1230 g
18 अप्रैल 1955 को अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद, पैथोलॉजिस्ट डॉ थॉमस हार्वे ने आइंस्टीन के परिवार की अनुमति के बिना ही शोध के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग निकाल लिया। डॉ हार्वे ने कहा वो अल्बर्ट आइंस्टीन के दिमाग को केवल शोध के लिए इस्तेमाल करना चाहते है, ताकि हम उनकी बुद्धिमत्ता का राज जान सकें। लेकिन अनुमति न मिलने के कारण अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग 20 सालो तक एक जार में रखा रहा । कुछ रिसर्च ये कहती है कि उनके दिमाग में Gliale Cell की मात्रा शायद अधिक थी। उनका लेफ्ट हिप्पोकैम्पस थोड़ा बड़ा था जो याद रखने और कुछ सीखने में एक बहुत बड़ा योगदान देता है। और इसी एरिया में आम मस्तिष्क के मुकालबे ज्यादा न्यूरॉन्स थे।
अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू क्या था? (What was Albert Einstein’s IQ)?
अल्बर्ट आइंस्टीन का आईक्यू लगभग 160 होने का अनुमान है। हालाकिं कोई निश्चित उत्तर या सबूत नहीं है कि आइंस्टीन ने अपने आईक्यू का परीक्षण कराया था, लेकिन सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking ) का आईक्यू समान होने का अनुमान है, लेकिन दोनों भौतिक विज्ञानी प्रशंसा के बावजूद दर्ज किए गए उच्चतम आईक्यू से बहुत दूर हैं।
अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in Hindi)
प्रकाश की क्वांटम थ्योरी (Quantum theory of light)
आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है | उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया | उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की |
E= mc2
E = energy (उर्जा)
m = mass (द्रव्यमान)
c = the speed of light (प्रकाश की गति ) आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा (Nuclear Energy) कहते है | E= mc2 कहता है, मूलतः, द्रव्यमान और ऊर्जा एक ही भौतिक इकाई हैं। इस समीकरण और उनके अन्य सिद्धांतों ने परमाणु बम के विकास में मदद की, हालांकि आइंस्टीन को मैनहट्टन प्रोजेक्ट नामक अमेरिकी नेतृत्व वाले परमाणु हथियार प्रयास में भाग लेने के लिए कभी नहीं कहा गया था।
ब्रोव्नियन मूवमेंट (Brownian motion)
यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है |
स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी (Special Theory of Relativity)
अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है |
जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी (General Theory of Relativity)
1915 में, उन्होंने सापेक्षता का अपना सामान्य सिद्धांत ((General Theory of Relativity) प्रकाशित किया, जो 1687 में सर आइजैक न्यूटन (Sir Isaac Newton) द्वारा “प्रिंसिपिया” के प्रकाशन के बाद गुरुत्वाकर्षण का पहला सिद्धांत था। न्यूटन के काम ने गुरुत्वाकर्षण को एक अवधारणा और एक सार्वभौमिक कानून दोनों के रूप में स्थापित किया, जिसमें कहा गया कि गुरुत्वाकर्षण एक स्थिर है वह बल जो वस्तुओं को खींचता है। यदि वस्तु का द्रव्यमान अधिक है तो टग मजबूत होगा और यदि आप दो वस्तुओं के बीच की दूरी बढ़ाते हैं तो टग कमजोर होगा।
मेनहट्टन प्रोजेक्ट (Manhattan Project)
अल्बर्ट आइंस्टीन ने मेनहट्टन प्रोजेक्ट Manhattan Project बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया | उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का इस्तेमाल किया |
आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर
यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए | आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके |