आर्टिकल में जानेगे [बल क्या होता है ? बल के प्रकार क्या होते है ? बल का सूत्र और मात्रक क्या है ? बल के प्रभाव क्या है ? ]
बल वह बाह्य कारक (External agent) है जो किसी वस्तु की विरामावस्था (State of rest) या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था (State of uniform motion in a straight line) को परिवर्तित कर सकता है।
उदाहरण के लिए, खेल के मैदान में स्थिर रखी हुई फुटबाल को पैर से किक लगाकर (अर्थात् बल लगाकर) गतिशील बनाया जा सकता है। दूर से तेजी से आती हुई फुटबाल को हाथ से पकड़कर (अर्थात् बल लगाकर) रोका जा सकता है जिससे वह गति शून्य हो जाए ।
भौतिकी में, बल एक सदिश राशि है जिससे किसी पिण्ड का वेग बदल सकता है। न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार, बल संवेग परिवर्तन की दर के अनुपाती है।
बल से त्रिविम पिण्ड का विरूपण या घूर्णन भी हो सकता है, या दाब में बदलाव हो सकता है। जब बल से कोणीय वेग में बदलाव होता है, उसे बल आघूर्ण कहा जाता है।
प्राचीन काल से लोग बल का अध्ययन कर रहे हैं। आर्किमिडीज़ और अरस्तू की कुछ धारणाएँ थीं जो न्यूटन ने सत्रहवी सदी में ग़लत साबित की। बीसवी सदी में अल्बर्ट आइंस्टीन ने उनके सापेक्षता सिद्धांत द्वारा बल की आधुनिक अवधारणा दी।
बल का मात्रक (Symbol of Force)
बल का SI मात्रक न्यूटन (N) है। बल को अन्य मात्रक भी है जिसको निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते है :

बल का सूत्र
F = ma
बल को द्रव्यमान (m) और त्वरण (a) के गुणन द्वारा निकाला जा सकता है।
बल के सूत्र के समीकरण
इसे न्यूटन (N) या Kgm/s2 में निकाला जाता है।
त्वरण “a” को निकालने का सूत्र है, a = v/t
जहाँ v = वेग, t = लिया गया समय
अतः बल को निम्नलिखित रूप में परिभाषित किया जा सकता है; F = mv/t
जड़ता सूत्र को p = mv के रूप में लिखा जाता है जिसे संवेग के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है।
बल का प्रभाव
किसी वस्तु पर जब बल (Force) लगाया जाता है, तो वस्तु के आकार, दिशा और गति में परिवर्तन हो सकता है । बल वस्तु की गति में परिवर्तन करता है । बल वस्तु की दिशा बदल देता है l अगर वस्तु विराम अवस्था से गति में बदल सकता है l यह वस्तु की गति को बढ़ा या घटा या बदल सकता है उसे रोक सकता है ।
बल के प्रकार
बल कई प्रकार के होते है जो वस्तु पर कार्य करते है l कुछ प्रमुख बल के प्रकार निम्नलिखित हैं:
गुरुत्वाकर्षण बल
यांत्रिक बल
घर्षण बल
विद्युत बल
चुंबकीय बल
नाभिकीय बल
गुरुत्वाकर्षण बल
गुरुत्वाकर्षण बल दो वस्तुओं को द्रव्यमान से आकर्षित करता है। पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल हमें जमीन की ओर खींचता है। इसे न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
यांत्रिक बल
यांत्रिक बल तब होता है जब दो वस्तुओं के बीच सीधा संपर्क होता है और जहां एक वस्तु बल लगा रही है जबकि दूसरी वस्तु विराम की स्थिति में या गति की अवस्था में होती है।
घर्षण बल
घर्षण बल, दो सतहों के बीच लगने वाला विरोधी बल है जिसका मुख्य उद्देश्य किसी एक ही दिशा या विपरीत दिशा में जाने वाली वस्तु के लिए प्रतिरोध पैदा करना है। जब हम साइकिल चलाते हैं तो एक घर्षण बल कार्य करता हैं।
चुंबकीय बल
चुंबकीय बल, वह बल है जो विद्युत आवेशित कणों के बीच उनकी गति के कारण उत्पन्न होता है। दो चुम्बकीय धुर्वों के बीच चुंबकीय बल होता है । यह वस्तु के उन्मुखीकरण के आधार पर प्रकृति में आकर्षक या प्रतिकारक है।
विद्युतचुम्बकीय बल
विद्युत् चुम्बकीय बल को कूलम्ब बल या कूलम्ब इंटरैक्शन के रूप में भी जाना जाता है। यह दो विद्युत आवेशित वस्तुओं के बीच का बल है। इस बल के अनुसार, जैसे चार्ज, एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं, वैसे ही विपरीत प्रतिकार करते हैं। लाइटनिंग विद्युत् चुम्बकीय बल(इलेक्ट्रोस्टैटिक फोर्स) का एक उदाहरण है।
नाभिकीय बल
परमाणु के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों के बीच लगने वाला बल नाभिकीय बल (nuclear force) या न्युक्लिऑन-न्युक्लिऑन अन्तःक्रिया ( nucleon–nucleon interaction या residual strong force) कहलाता है।