Contents
- 1 Definitions and applications related to electricity
- 2 परिभाषाये
- 3 प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम समायोजन (Series Combination of Resistances)
- 4 प्रतिरोधों का समानान्तर क्रम समायोजन (Parallel Combination of Resistances)
- 5 लॉरेन्ज बल (Lorentz Force)
- 6 धारामापी (Galvanometer)
- 7 अमीटर (Ammeter)
- 8 शंट
- 9 वोल्टमीटर (Voltmeter)
- 10 महत्वपूर्ण बातें
परिभाषाये
प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम समायोजन (Series Combination of Resistances)
यदि प्रतिरोधों को एक-दूसरे से इस प्रकार जोड़ा जाए कि उनमें समान धारा प्रवाहित हो तथा भिन्न-भिन्न प्रतिरोधों के बीच भिन्न-भिन्न विभवान्तर हो तो यह प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में समायोजन’ कहलाता है। दिए हुए निश्चित प्रतिरोधों से अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
प्रतिरोधों का समानान्तर क्रम समायोजन (Parallel Combination of Resistances)
यदि प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाए कि प्रत्येक प्रतिरोध पर विभवान्तर समान रहे (परन्तु उनमें धाराएं असमान भी हो सकती हैं।) तो यह प्रतिरोधों का समान्तर क्रम में समायोजन कहलाता है। दिए हुए निश्चित प्रतिरोधों से न्यूनतम प्रतिरोध प्राप्त करने हेतु इस समायोजन का प्रयोग किया जाता है।
लॉरेन्ज बल (Lorentz Force)
जब किसी चुम्बकीय क्षेत्र में कोई आवेशित कण गति करता है, तो उस पर एक बल आरोपित होता है जिसे लॉरेन्ज बल कहते हैं। यह बल कण के आवेश, उसकी चाल तथा चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होती है।
चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक: 1 टेसला (T) = 1 न्यूटन/ऐम्पियर मीटर) = वेबर/मीटर2
धारामापी (Galvanometer)
विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति बताने वाला यह एक सुग्राही यन्त्र है। इस यन्त्र की सहायता से 10-6 ऐम्पियर तक की विद्युत धारा को मापा जा सकता है।
अमीटर (Ammeter)
किसी शंट युक्त धारामापी को ‘अमीटर’ कहते हैं। इसमें एक पैमाना होता है। इसकी सहायता से धारा का मान ऐम्पियर में ज्ञात किया जाता है। एक आदर्श अमीटर का प्रतिरोध शून्य होता है। अमीटर । को सदैव विद्युत परिपथ के श्रेणीक्रम में लगाया जाता है।
शंट
शंट एक अत्यन्त कम प्रतिरोध वाला तार होता है। जिसे धारामापी के समान्तर क्रम में लगाकर अमीटर बनाया जाता है। शंट उच्च धाराओं से धारामापी की रक्षा करता है क्योंकि यह मुख्य धारा का अधिकांश भाग अपने अन्दर होकर प्रवाहित कर देता है। शंट का प्रतिरोध कम होने से शंटयुक्त धारामापी का कुल प्रतिरोध भी बहुत कम हो जाता है।
वोल्टमीटर (Voltmeter)
धारामापी के श्रेणीक्रम में एक उच्च प्रतिरोध लगाकर वोल्टमीटर बनाया जाता है। इसके पैमाने पर परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर पढ़ने के लिए वोल्ट में अंशांकन कर दिया जाता है। वोल्टमीटर का प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। वास्तव में, एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनन्त होता है। इसको परिपथ के उन दो बिन्दुओं के बीच समान्तर क्रम में जोड़ते हैं जिनके बीच विभवान्तर ज्ञात करना होता है।
महत्वपूर्ण बातें
घर के विद्युत परिपथ में बिजली के बल्ब पार्श्वबद्ध संयोजित रहते है क्योंकि श्रेणीबद्ध होने पर एक बल्ब के फिलामेण्ट के टूटने पर सभी बल्बों के धारा का प्रवाह रुक जाएगा।
शुद्ध धातु के तार का प्रतिरोध ताप के साथ बढ़ता है।