नाइट विजन उपकरणों में अवरक्त तरंगों का प्रयोग किया जाता है अवरक्त तरंगों की खोज विलियम हरशैल ने की थी
अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारेड वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलेन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
इसका नाम ‘अधोरक्त’ इसलिए है क्योंकि विद्युत चुम्बकीय तरंग के वर्णक्रम (स्पेक्ट्रम) में यह मानव द्वारा दर्शन योग्य लाल वर्ण से नीचे (या अध:) होती है।
इसका तरंग दैर्घ्य 750 nm and 1 mm के बीच होता है। सामान्य शारिरिक तापमान पर मानव शरीर 10 माइक्रॉन की अधोरक्त तरंग प्रकाशित कर सकती है !
यह तरंगे पदार्थों को उच्च ताप पर गर्म करने पर निकलती हैं इनका उपयोग अस्पतालों में रोगियों की सिकाई करने में एवं कोहरे में फोटोग्राफी करने में भी किया जाता है !