एक नाभिकीय रिएक्टर में भारी जल का कार्य न्यूट्रान की गति को कम करना है | भारी जल और कुछ नहीं बल्कि D2O है |
डयूटेरियम और ट्राईटियम H2 के आइसोटॉप्स हैं, भारी जल हाइड्रोजन के गुरुत्तर समस्थानिक ( डयूटेरियम) और आक्सीजन का यौगिक है |
इसका सापेक्षिक घनत्व 101 और हिमांक साधारण जल से थोड़ा आशिक होता है |
नाभिकीय ऊर्जा के साथ – साथ अनुसन्धान रिएक्टरों के लिए आवश्यक गुरुजल की मांग की आपूर्ति के निमित्त उत्पादन के लिए गुरुजल बोर्ड, मुंबई उत्तरदायी है |