How works Generators or Dynamos ?
ये ऐसी युक्तियां हैं जो विद्युत-चुम्बकीय प्रेरण सिद्धान्त के आधार पर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत-ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। विद्युत जनरेटर ((जनित्र) में क्रोड चुम्बकीय क्षेत्र में घूर्णन करती है तथा इसका सम्पर्क ब्रुशों से रहता है। कुंडली के घूर्णन के कारण प्रेरित धारा की दिशा में परिवर्तन के कारण लगातार एक ही दिशा में विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
यदि जनरेटर में एक विभक्त वलय की जगह दो विभक्त वलय लगायें जाएं तो आर्मेचर के आधे घूमने के बाद ही धारा की दिशा बदल जाएगी। इस प्रकार यावती धारा की दिशा बदल जाएगी। इस प्रकार की धारा को प्रत्यावती धारा कहते हैं।
प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न करने वाले जनरेटर को डायनामों कहा जाता है।
मोटर साइकिल तथा कार का डायनामों दिष्ट धारा जनरेटर कहलाता है तथा बड़े उद्योगों एवं विद्युत घरों में उपयोग में लाए जाने वाले जनरेटर को ‘प्रत्यावर्ती धारा जनरेटर’ कहते हैं।
विद्युत शक्ति संयन्त्र (Electric Power Plant)
डीजल चालित जनरेटर (जनित्र) द्वारा कुछ किलोवाट तक की विद्युत शक्ति उत्पन्न की जा सकती है जबकि जल-विद्युत सयन्त्रों तथा परमाणु शक्ति संयन्त्रों (Atomic power plants) द्वारा बड़े पैमाने पर कई सौ मेगावाट की विद्युत उत्पन्न की जाती है।