Chromatic aberration, Light Beam and Spectrum
वर्णक्रम अथवा स्पेक्ट्रम
जब कोई प्रकाश-किरण प्रिज्म में से गुजरती है, तो वह अपने मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक जाती है। यदि किरण सूर्य के श्वेत प्रकाश की है, तो झुकने के साथ-साथ विभिन्न रंगों की किरणों में विभाजित भी हो जाती है। इस प्रकार से उत्पन्न विभिन्न रंगों के समूह को ‘वर्णक्रम अथवा स्पेक्ट्रम” (Spectrum) कहते हैं,
जब सूर्य के प्रकाश को प्रिज्म के भीतर से गुजारा जाता है, तो हमें श्वेत निर्गत प्रकाश के स्थान पर रंगीन प्रकाश की पट्टी (Bond) प्राप्त होती है। रंगीन प्रकाश की पट्टी को ‘स्पेक्ट्रम’ कहते हैं और इसमें रंग लाल (R). नारंगी (O), पीला (Y), हरा (G), नीला (B), जामुनी (D और बैंगनी (V) रंग के होते हैं।
वर्ण-विक्षेपण
श्वेत प्रकाश के अपने अवयवी (Component) रंगों में विभक्त होने की क्रिया को ‘वर्ण-विक्षेपण’ कहते हैं।
किसी पारदर्शी पदार्थ, जैसे कांच का अपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है। यह लाल प्रकाश के लिए सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश के लिए सबसे अधिक होता है।
प्रकाश-किरण और वर्ण-विक्षेपण
प्रकाश-किरण कांच के प्रिज्म में से गुजरती है, तो वह अपने प्रारम्भिक मार्ग से विचलित होकर प्रिज्म के आधार की ओर झुक जाती है। प्रकाश-किरण में उत्पन्न यह विचलन कांच के अपवर्तनांक पर निर्भर करता है। अपवर्तनांक जितना अधिक होगा, प्रकाश-किरण का विचलन भी उतना ही अधिक होगा। अत: यदि प्रिज्म में से गुजरने वाली किरण श्वेत प्रकाश की है तब इस प्रकाश में उपस्थित भिन्न-भिन्न रंगों की किरणों में विचलन भिन्न-भिन्न होगा। कांच का अपवर्तनांक लाल प्रकाश के लिए सबसे कम तथा बैंगनी प्रकाश के लिए सबसे अधिक है। अत: लाल प्रकाश की किरण प्रिज्म के आधार की ओर सबसे कम झुकेगी तथा बैंगनी प्रकाश की किरण सबसे अधिक झुकेगी। इस प्रकार श्वेत प्रकाश का प्रिज्म में गुजरने पर वर्ण-विक्षेपण हो जाएगा।