What is Principle of Archimedes ?
जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी अथवा आंशिक रूप से डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी का आभास होता है। भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है। इसे ‘आर्किमीडिज़ का सिद्धान्त‘ कहते हैं।
आपेक्षित घनत्व = पानी का घनत्व / वस्तु का घनत्व
आपेक्षिक घनत्व (Relative density) = वस्तु का वायु में भार समान / आयतन के पानी (4°C) का भार
या आपेक्षिक घनत्व = वस्तु का वायु में भार / पानी में वस्तु के भार में कमी
आपेक्षिक घनत्व एक शुद्ध संख्या है। इसका कोई मात्रक नहीं होता है।
द्रव का उत्क्षेप अथवा उत्पलावक बल (Upthrust of Liquid)
कुएं से जल की भरी बाल्टी खींचते समय जब तक बाल्टी जल के अन्दर रहती है तब तक वह हल्की लगती है, परन्तु जैसे ही वह जल के ऊपर वायु में आती है तो भारी लगने लगती है। इसका अर्थ यह है, कि जब बाल्टी जल में डूबी रहती है तो उसके भार में कुछ कमी आ जाती है। भार की यह कमी जल द्वारा बाल्टी पर ऊपर की ओर लगाए गए बल के कारण होती है। इस बल को ‘उत्प्लावक बल‘ अथवा ‘उत्क्षेप‘ (Buoyant force or upthrust) कहते हैं। यह उत्क्षेप बाल्टी द्वारा हटाए गए जल के गुरुत्व-केन्द्र पर कार्य करता है जिसे ‘उत्प्लावन केन्द्र’ (Centre of buoyancy) कहते हैं। जल के उत्क्षेप का अध्ययन सर्वप्रथम आर्किमीडिज़ ने किया था। जिसके कारण इसे ‘आर्किमीडिज़ का सिद्धान्त‘ कहा जाता है।
आर्किमीडिज़ के सिद्धान्त के उपयोग
- यह पदार्थों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने में उपयोगी है।
- जलयानों और पनडुब्बी के डिजाइन बनाने में किया जाता है।
- दुग्धमापी (Lactometer ) से दूध की शुद्धता मापने के लिए
- आद्रता (Hydrometer ) से द्रवों का घनत्व ज्ञात करने में
- पानी में बर्फ का तैरना भी इससे समझा जा सकता है।
- उत्पलावकता, तरलो ( द्रव, गैस) का गुण है
आर्किमिडीज सिद्धांत ( उत्पलावन बल ) के उदाहरण
- तालाब की तुलना में समुद्र पानी में तैरना ज्यादा आसान होता है क्योंकि समुद्र पानी का घनत्व, तालाब के पानी के घनत्व से अधिक होता है। अतः उत्पलावन बल अधिक लगता है।
- उत्पलावन बल के कारण पत्थर को हवा के बजाय पानी में उठाना अधिक आसान होता है।
- लोहे की कील का डुबना : लोहे की कील का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है। इस लिए कील का उत्पलावन बल कम है। तो कील पानी में डुब जाएगी।
- कॉक का पानी में तैरना : कॉक का घनत्व पानी के घनत्व से कम है इसलिए पानी में कॉक तैरने लगता है।
- झील में पत्थर को डालने पर जैसे-जैसे वह नीचे आता है उस पर सभी जगह उत्पलावन बल का मान समान रहता है।