What is Viscosity ?
जिस प्रकार एक ठोस वस्तु के दूसरी ठोस वस्तु पर फिसलने पर उनके मध्य घर्षण बल लगता है जो उनकी आपेक्षिक गति का विरोध करता है, ठीक उसी प्रकार किसी द्रव या गैस की एक परत पर फिसलने पर उनके मध्य घर्षण बल लगता है जो उनकी आपेक्षिक गति का विरोध करता है।
किसी द्रव या गैस की दो क्रमागत परतों के बीच उनकी आपेक्षिक गति का विरोध करने वाले घर्षण बल को ‘श्यान बल’ (Visocus force) कहते हैं।
तरल का वह गुण जिसके कारण तरल की विभिन्न पर्तों के मध्य आपेक्षिक गति का विरोध होता है, ‘श्यानता’ कहलाता है।
किसी तरल की श्यानता को श्यानता गुणांक (Coefficient of viscosity) द्वारा मापा जाता है जिसका SI मात्रक ‘डेकाप्वॉइज’ या ‘प्वॉयजली’ (PI) कहलाता है। इसे ‘पास्कल सेकण्ड’ (Pas) भी कहते हैं।
श्यानता से जुड़े नियम
श्यानता केवल द्रवों तथा गैसों का गुण है। द्रवों में श्यानता, अणुओं के मध्य लगने वाले संसंजक बलों के कारण होती है। जब द्रव की विभिन्न परतों के मध्य आपेक्षिक गति होती है तो द्रव के अणुओं के बीच की दूरी बढ़ती है तथा संसंजक बल इसका विरोध करता है। इसके विपरीत, गैसों में श्यानता इसकी एक परत से दूसरी परत में अणुओं के स्थानान्तरण के कारण होती है। अत: गैसों में श्यानता, द्रवों की तुलना में बहुत कम होती है। ठोसों में श्यानता नहीं होती है, क्योंकि उसकी विभिन्न परतों में आपेक्षिक गति नहीं होती है।
श्यानता का दूसरा अर्थ गाढ़ापन भी है। जो द्रव जितने अधिक गाढ़े होते हैं, वे उतने ही अधिक श्यान होते हैं।
श्यानता के गुण के कारण ही द्रवों को एक बर्तन से दूसरे बर्तन में उड़ेलना आसान नहीं होता है तथा एक बार गति में लाकर छोड़ने पर द्रव थोड़ी देर तक गतिमान रहते हैं, तत्पश्चात् रुक जाते हैं। शहद और ग्लिसरीन की श्यानता पानी की तुलना में अधिक होती है। यदि एक बीकर में शहद और दुसरे बीकर में पानी लेकर हिलाया जाए तो शहद पानी की अपेक्षा जल्दी रुक जाता है।
वायु की श्यानता के कारण ही बादल के कण बहुत धीरे-धीरे नीचे आ पाते हैं तथा बादल आकाश में तैरते प्रतीत होते हैं। चूंकि वायु की श्यानता पानी की तुलना में बहुत कम होती है। अत: पानी की अपेक्षा वायु में चलना अधिक आसान होता है।
एक आदर्श तरल की श्यानता शून्य होती है। ताप बढ़ाने पर द्रव की श्यानता घट जाती है, परन्तु गैसों की श्यानता बढ़ जाती है l