What is Law of Floatation ?
जब कोई वस्तु आंशिक अथवा पूर्ण रूप से किसी द्रव में डुबोई जाती है, तो उसके भार में कमी आ जाती है। यह कमी वस्तु पर द्रव के उत्प्लावन बल के कारण होती। है। उत्क्षेप ऊपर की ओर कार्य करता है साथ ही वस्तु का भार नीचे की ओर कार्य करता है। अत: जब कोई वस्तु किसी द्रव में डुबाई जाती है तो उस पर 2 बल कार्य करते हैं :
1. वस्तु का भार W नीचे की ओर।
2. द्रव का उछाल W, ऊपर की ओर। इसमें तीन अवस्थाएं हो सकती हैं:
1. जब W>W, अर्थात् वस्तु का भार उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार से अधिक है। इस अवस्था में वस्तु द्रव में डूब जाएगी।
2. जब W=W, अर्थात् वस्तु का भार उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है। अत: वस्तु पर परिणामी बल W-W = 0 (शून्य) होता है। इस दशा में वस्तु ठीक द्रव की सतह के नीचे तैरती रहेगी।
3. जब W<W, अर्थात् वस्तु का भार उस पर लगने वाले उत्क्षेपक बल से कम है। अब परिणामी बल ऊपर की ओर लगता है। सन्तुलन अवस्था में वस्तु का कुछ भाग द्रव के बाहर रहता है. शेष अन्दर। इस स्थिति में वस्तु का घनत्व द्रव के घनत्व से कम होता है। इसीलिए कॉर्क तथा लकड़ी का टुकड़ा जल पर तैरता है l
तैरने के नियम
- जब वस्तु द्रव पर तैरती है तो उसका भार उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होता है तथा
- ठोस का गुरुत्व-केन्द्र तथा हटाए गए द्रव का गुरुत्व-केन्द्र दोनों एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए।
मछलियों का तैरना
साधारण मछलियों के शरीर में वायु प्रकोष्ठ होते हैं। गलफड़ों की सहायता से जल में घुली वायु को जल से अलग करके इन प्रकोष्ठों में भरकर वे अपना उत्प्लावन बल बढ़ा लेती हैं। शार्क जैसी मछलियों के शरीर में अधिक घनत्व वाली हड्डी होती है तथा वायु प्रकोष्ठ भी नहीं होता। उनके यकृत का आकार बहुत बड़ा होता है तथा उनमें अधिकांश तेल, वसा व चर्बी होती है। इनका घनत्व जल से कम होता है। शार्क का यकृत उसके सम्पूर्ण भार का 25% तक हो सकता है। उसका यह आकार उनके उत्प्लावन में सहायक होता है।
तरल पदार्थ और उनका घनत्व
• तरल (Fluid) द्रव तथा गैस, दोनों को ही तरल कहते हैं। जल, ठोस, द्रव एवं गैस तीनों अवस्था में पाया जाता है।
• समुद्री जल का घनत्व अधिक होता है, अत: उसमें तैरना आसान होता है। शुद्ध जल का घनत्व 1 ग्राम/सेमी.
या 10 किग्रा./मीटर होता है। अतः समुद्री जल की उत्प्लावकता नदी के जल से अधिक होती है।
• जब बर्फ पानी पर तैरती है, तो उसके आयतन का 1/10 भाग पानी के ऊपर रहता है।
• द्रव में आंशिक रूप से डूबकर तैरने वाली वस्तु के लिए, वस्तु का घनत्व वस्तु का द्रव में डूबा हुआ आयतन द्रव का घनत्व वस्तु का कुल आयतन अत: बर्फ का घनत्व 0.9 ग्राम/सेमी. होता है। इसी सिद्धान्त द्वारा पानी मिले हुए अशुद्ध दूध में दुग्धमापी (Lactometer) को डुबाकर दूध में मिश्रित जल की प्रतिशत मात्रा ज्ञात की जाती है।
• यदि किसी बर्तन में पानी भरा है और उस पर बर्फ तैर रही हैं, जब बर्फ पूरी तरह पिघल जाएगी तो पात्र में पानी का तल बढ़ता नहीं है, पहले के समान ही रहता है।