वायु की आपेक्षिक आर्द्रता
किसी दिये हुए ताप पर, वायु के किसी आयतन में उपस्थित जलवाष्प की मात्रा तथा उसी ताप पर उसी आयतन की वायु को संतृप्त करने के लिए आवश्यक जलवाष्प की मात्रा के अनुपात को ‘आपेक्षिक आर्द्रता’ कहते हैं। इसे प्रतिशत में व्यक्त करते हैं।
आपेक्षिक आर्द्रता के लाभ
- मौसम विज्ञानशालाओं में प्रतिदिन की आपेक्षिक आर्द्रता ज्ञात की जाती है, इससे मौसम का अनुमान लगाने में सहायता मिलती है। यदि आर्द्रता अधिक है, तो वर्षा होने की सम्भावना रहती है।
- स्वास्थ्य विभाग को आर्द्रता जानने की आवश्यकता होती है क्योंकि नम वायु में कुछ जीवाणु उत्पन्न होने लगते हैं।
- सूत के कारखानों में अधिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है क्योंकि वायु में नमी अधिक होने से सूत का धागा नहीं टूटता। यही कारण है, कि सूती कपड़ों के मिल समुद्र के निकट (अधिक आर्द्रता वाले) बसे हुए नगरों, जैसे—मुम्बई, अहमदाबाद में लगाए जाते हैं।
- वातानुकूलन में भी आपेक्षिक आर्द्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- आपेक्षिक आर्द्रता को मापने के लिए आर्द्रतामापी (Hygrometer) का प्रयोग किया जाता है।
- वायु की आपेक्षिक आर्द्रता 60 से 65 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए।