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X-किरणें (X-Rays) क्या है ? एक्स किरणों की खोज, उनके प्रकार,गुण और विशेषताएँ (Hindi me)

in फ़िजिक्स
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Contents

  • 1 X-किरणों का इतिहास (History of X-rays)
  • 2 X-किरणों का उत्पादन कैसे होता है ? How are X-rays produced?
  • 3 अभिलाक्षणिक X-किरणें (Characteristic X-rays)
  • 4 संतत X-किरणें (Continuous X-rays)
  • 5 एक्स किरणों के प्रकार (Types of X-Rays)
  • 6 एक्स किरणों के गुण (Properties of X-Rays)
  • 7 एक्स किरणों का उपयोग (Uses of X-Rays)

इस आर्टिकल में हम जानेगें कि X-किरणें (X-Rays) क्या होती है ? उसकी खोज कब हुई ? उसके प्रकार क्या है ?, एक्स-रे किरणों की गुण और विशेषताएँ क्या है ?

एक्स-रे विद्युत चुम्बकीय विकिरण (electromagnetic radiation) का एक प्रकार हैं जिसका सबसे ज्यादा आम प्रयोग चिकित्सकों द्वारा किसी रोगी की त्वचा के माध्यम से उसकी हड्डियों की छवियों (images) को देखा जाता है । टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ केंद्रित एक्स-रे बीम के साथ-साथ इन प्रकाश तरंगों का प्रयोग तेजी से बढ़ा है और आज X – रे किरणों जैविक कोशिकाओं की इमेजिंग से लेकर कैंसर कोशिकाओं को मारने तक में सक्षम है ।

X-किरणों का इतिहास (History of X-rays)

एक्स-रे किरणों की खोज 1895 में जर्मनी के वुर्जबर्ग विश्वविद्यालय (Würzburg University) के प्रोफेसर विल्हेम कॉनराड रोएंटजेन (Wilhelm Conrad Röentgen) ने की थी।

नॉनडेस्ट्रक्टिव रिसोर्स सेंटर ( Nondestructive Resource Center) के “हिस्ट्री ऑफ रेडियोग्राफी” के अनुसार, रोएंटजेन ने एक उच्च वोल्टेज कैथोड-रे ट्यूब (cathode-ray tube) के पास क्रिस्टल को एक फ्लोरोसेंट (fluorescent) चमक प्रदर्शित करते हुए देखा, और ऐसा तब हुआ जब कि क्रिस्टल को रोएंटजेन ने काले कागज से परिरक्षित (shielded) किया। कागज को भेदने वाली नली से किसी प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न हो रही थी और क्रिस्टलों में चमक आ रही थी। रॉन्टगन ने इस अज्ञात ऊर्जा को “एक्स-विकिरण” कहा। इस तरह प्रयोगों से पता चला कि यह विकिरण हमारी त्वचा के नरम ऊतकों में प्रवेश कर सकता है लेकिन हड्डी में नहीं, और इस तरह एक्स-रे किरणों का प्रयोग फोटोग्राफिक प्लेटों पर छाया चित्र उत्पन्न करने में होने लगा l

X-किरणों का उत्पादन कैसे होता है ? How are X-rays produced?

X-किरणों का उत्पादन एक निर्वातित (Evacuated) X-किरण नलिका में किया जाता है जिसमें एक इलेक्ट्रॉनों का स्रोत, जैसे—एक तप्त तन्तु (Heated filament) तथा एक टंगस्टन का लक्ष्य (Target) होता है जिससे इलेक्ट्रॉन टकराते हैं, अर्थात् स्रोत व लक्ष्य आमने-सामने होते हैं। इन दोनों के मध्य लगभग 50,000 से 1,00,000 वोल्ट का विभवान्तर रखा जाता है। उच्च विभवान्तर के कारण इलेक्ट्रॉन लक्ष्य की ओर त्वरित हो जाते हैं और बहुत अधिक वेग से लक्ष्य से टकराते हैं।

अभिलाक्षणिक X-किरणें (Characteristic X-rays)

टंगस्टन के परमाणु उत्तेजित हो जाते हैं और जब वे अपनी सामान्य अवस्था में आते हैं, तो X-किरणों के फोटॉन उत्सर्जित करते हैं। इस तरह उत्पन्न X-किरण फोटॉन की ऊर्जा निश्चित होती है, अतः इन्हें ‘अभिलाक्षणिक X-किरणें’ (Characteristic X-rays) कहते हैं।

संतत X-किरणें (Continuous X-rays)

इसके विपरीत, यदि X-किरणों के फोटॉनों की ऊर्जाएं एक निश्चित न्यूनतम मान से किसी निश्चित अधिकतम मान तक के बीच की सभी सम्भव ऊर्जाएं होती हैं, तो इस तरह की X-किरणों को ‘संतत X-किरणें’ (Continuous X-rays) कहते हैं। ये किरणें तब उत्पन्न होती हैं जब कुछ इलेक्ट्रॉन लक्ष्य के निकट के स्थान में अवमन्दित (Decelerated) होते हैं।

एक्स किरणों के प्रकार (Types of X-Rays)

एक्स-रे किरणों को मोटे तौर पर सॉफ्ट (नरम) एक्स-रे किरणें (soft X-rays) और हार्ड (कठोर) एक्स-रे किरणें (hard X-rays) में वर्गीकृत किया जाता है। नरम एक्स-रे में लगभग 10 नैनोमीटर (एक नैनोमीटर मीटर का एक अरबवां हिस्सा) की अपेक्षाकृत कम तरंग दैर्ध्य (wavelengths) होती है, और इसलिए वे पराबैंगनी (ultraviolet) (यूवी) प्रकाश और गामा-किरणों (gamma-rays) के बीच विद्युत चुम्बकीय (electromagnetic) (ईएम) स्पेक्ट्रम की सीमा में आते हैं। हार्ड एक्स-रे में लगभग 100 पिकोमीटर की तरंग दैर्ध्य होती है (एक पिकोमीटर एक मीटर का एक ट्रिलियनवां हिस्सा होता है)। ये विद्युतचुंबकीय तरंगें EM स्पेक्ट्रम के समान क्षेत्र में गामा-किरणों के रूप में व्याप्त हैं। उनके बीच एकमात्र अंतर उनके स्रोत का है: एक्स-रे इलेक्ट्रॉनों को तेज करके उत्पन्न होते हैं, जबकि गामा-किरणें चार परमाणु प्रतिक्रियाओं में से एक में परमाणु नाभिक द्वारा निर्मित होती हैं।

एक्स किरणों के गुण (Properties of X-Rays)

मानव शरीर पर सीधे X किरणें के उपयोग होने पर यह उत्तकों और स्वेत रुधिर कोशिकाओं को नष्ट कर सकती है ।

ये किरणें प्रकाश के वेग से गति करती है, निर्वात में इनकी गति 3.00 × 108 m/s होती है।

X किरणें विद्युत चुम्बकीय विकिरण होती है जिनकी तरंग दैर्ध्य 10 A से 0.01 A के मध्य होती है।

चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत क्षेत्र द्वारा ये किरणें विक्षेपित नहीं होती है।

इनकों नग्न आखों से नहीं देखा जा सकता है।

सामान्य प्रकाश की तरह ये किरणें भी अपवर्तन , परावर्तन , विवर्तन , व्यतिकरण आदि घटनाओं को प्रदर्शित करती है।

ये किरणें कॉम्पटन प्रभाव तथा प्रकाश विद्युत प्रभाव को प्रदर्शित करती है।

खुली जगह में एक सीधी रेखा के रूप में गति करती है।

इनमे कोई ध्वनी उत्पन्न नहीं होती है और न ही कोई गंध उत्पन्न होती है।

सीसा X  किरणों का सबसे अच्छा अवशोषक होता है।

इन किरणों का उपयोग राडार में नहीं किया जा सकता है क्यूंकि ये किरणें लक्ष्य से परावर्तित कम होती है और लक्ष्य द्वारा अवशोषित अधिक होती है।

एक्स किरणों का उपयोग (Uses of X-Rays)

कुछ सामग्रियों में अन्दर घुसने की इनकी क्षमता के कारण, एक्स किरणों का उपयोग कई गैर-विनाशकारी मूल्यांकन और परीक्षण अनुप्रयोगों विशेष रूप से संरचनात्मक घटकों (structural components) में खामियों या दरारों की पहचान के लिए किया जाता है, ।

इसका उपयोग डॉक्टरों और दंत चिकित्सकों द्वारा क्रमशः हड्डियों और दांतों की एक्स-रे छवियों को बनाने के लिए किया जाता है।

एक्स किरणों के द्वारा ही यात्रियों के सामान (luggage), कार्गो और परिवहन आदि का सुरक्षा निरीक्षण  किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक इमेजिंग डिटेक्टर कोई भी सामान और वस्तुओं को रियल टाइम में देख सकते है और उनकी जाँच कर सकते है ।

रेडिएशन थेरेपी में high-energy radiation द्वारा X – किरणों के उपयोग से कैंसर कोशिकाओं के डीएनए को डैमेज कर शरीर से उन्हें खत्म किया जाता है l

रेडियोग्राफी में इनका उपयोग किया जाता है।

किसी भी क्रिस्टल की संरचना अध्ययन x किरणों की मदद से की जाती है।

रेडियो चिकित्सा के क्षेत्र में x किरणों का उपयोग किया जाता है l

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Tags: physics

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