यान्त्रिक तरंगें (Mechanical Waves)
वे तरंगें जो किसी पदार्थ के माध्यम (ठोस, द्रव अथवा गैस) में संचरित होती हैं, ‘यान्त्रिक तरंगें’ कहलाती हैं। इन तरंगों में माध्यम के कण यान्त्रिकी के नियमों के अन्तर्गत कम्पन करते हैं। ध्वनि की तरंगें यान्त्रिक तरंगें हैं क्योंकि ये किसी माध्यम से ही संचरित होती हैं।
यान्त्रिक तरंगें अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य दोनों प्रकार की हो सकती है तथा भिन्न-भिन्न माध्यमों में उत्पन्न तरंगों की चाल भिन्न-भिन्न होती है।
विद्युत-चुम्बकीय तरंगें
जिनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती, जैसे प्रकाश तरंगें, ऊष्मीय विकिरण, रेडियो तरंगें, एक्स किरणें, गामा किरणें, आदि। इन्हें ‘विद्युत-चुम्बकीय तरंगें’ कहते हैं।
विद्युत-चुम्बकीय तरंगों में विद्युत क्षेत्र तथा चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् तलों में कम्पन करते रहते हैं तथा रिक्त स्थान में प्रकाश की चाल से आगे बढ़ते जाते हैं। इन क्षेत्रों के संचरण की दिशा उन तलों के लम्बवत् होती है जिनमें ये स्थित होते हैं।
इस प्रकार विद्युत-चुम्बकीय तरंग सदैव अनुप्रस्थ होती है तथा इन तरंगों की चाल प्रकाश की चाल के बराबर होती है। निर्वात् (Vacuum) में प्रकाश की चाल 3×108 मी./सेकण्ड होती है।