Use of Magnet in daily life
प्रकृति में लोहा और ऑक्सीजन का एक विशेष यौगिक धातु-खनिज या अयस्क के रूप में पाया जाता है जिसे मैग्नेटाइट कहा जाता है। मैग्नेटाइट के टुकड़ों को प्राकृतिक चुम्बक कहा जाता है।
कुछ पदार्थों को कृत्रिम विधियों द्वारा चुम्बक बनाया जा सकता है, इन्हें कृत्रिम चुम्बक कहते हैं इनकी लोहे के टुकड़ों को आकर्षित करने की शक्ति, प्राकृतिक चुम्बकों की अपेक्षा कहीं अधिक होती है।
चुम्बक लोहे को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस गुण को ‘चुम्बकत्व‘ कहते हैं।
चुम्बक के चारों ओर कम्पास-सूई द्वारा चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है। अतः चुम्बक के चारों ओर वह क्षेत्र, जिसमें चुम्बक के प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, ‘चुम्बकीय क्षेत्र‘ कहलाता है।
दैनिक जीवन में चुम्बक का उपयोग
- लौह पदार्थों की पहचान करने के लिए चुम्बक का प्रयोग किया जाता है।
- चुम्बक का आज दिक्सूचक (Compass box) में प्रयोग किया जाता है।
- खदान पर काम करने वाले मजदूरों की आंख में लोहे का बुरादा चले जाने पर चुम्बक की सहायता से उन्हें निकाला जाता है।
- ध्वनि अभिलेखन व पुनरुत्पादन के लिए टेप रिकॉर्डर बनाए गए हैं। टेप के ऊपर चुम्बकीय पदार्थ की एक पर्त में परिवर्तित चुम्बकीय क्षेत्र का अभिलेखन किया जा सकता है। संगीत, भाषण, इत्यादि ध्वनियों को टेप पर रिकॉर्ड किया जाता है तथा ‘बाद में कभी भी सुना जा सकता है।
- वीडियो टेप में न केवल ध्वनि अपितु चित्रों का भी अंकन चुम्बकीय क्षेत्र की परिवर्ती तीव्रता के रूप में किया जा सकता है। चलचित्रों को वीडियो टेप पर रिकॉर्ड किया जा सकता है।
- वीडियो कैमरा द्वारा किसी भी आयोजन को चुम्बकीय वीडियो रूप पर अभिलेखित किया जा सकता है।
- कम्प्यूटर के क्षेत्र में चुम्बकीय मेमोरी का बहुत महत्त्व है। फ्लॉपी डिस्क पर चुम्बकीय पदार्थ का लेप होता है। आंकड़ों को बहुत सुग्राहिता से फ्लॉपी डिस्क पर लिखा व मिटाया जा सकता है।
- ATM कार्ड, क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड के पीछे चुम्बकीय पदार्थ के लेप की एक पट्टी होती है। इस पट्टी में ही प्रयोगकर्ता की पहचान व उसका कोड छिपा रहता है। बैंकों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों की मशीन में डालकर किसी भी समय मुद्रा विनियम किया जा सकता है।