What is Terrestrial Magnetism ?
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को तीन तत्वों (Element) द्वारा व्यक्त किया जाता है:
दिक्पात् कोण (Angle of declination), नमन कोण (Angle of dip) तथा चुम्बकीय क्षेत्र का क्षतिज घटना (Horizontal component of earth’s magnetic field)
दिक्पात् कोण (Angle of declination)
किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर (Meridian) तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को ‘दिक्पात् कोण’ कहते हैं।
नमन कोण (Angle of dip)
किसी स्थान पर पृथ्वी का सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज तल के साथ जितना कोण बना है उसे उस स्थान का ‘नमन कोण’ कहते हैं। पृथ्वी के ध्रुवों पर नमन कोण मान 90° तथा विषुवत् रेखा पर 0° होता है।
चुम्बकीय क्षेत्र का क्षतिज घटना (Horizontal component of earth’s magnetic field)
पृथ्वी के चम्बकत्व का ठीक कारण अभी ज्ञात नहीं है परन्तु विश्वास किया जाता है, कि पृथ्वी के अन्दर अत्यधिक ताप होने के कारण वहां लोहा, आदि धातुएं पिघली अवस्था में होती हैं। जब पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है, तो इन पिघली हुई वस्तुओं में संवहन धाराएं उत्पन्न होती हैं जिसके कारण चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।