What is Metallic Corrosion ?
धातु का संक्षारण एक ऑक्सीकरण-अवकरण अभिक्रिया है जिसके फलस्वरूप धातु वायुमंडल की वायु और नमी से अभिक्रिया करके अवांछनीय पदार्थों में परिवर्तित हो जाती है।
संक्षारण की प्रक्रिया में उपयोगी धातु नमी की उपस्थिति में वायु के ऑक्सीजन द्वारा ऑक्सीकृत होकर ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड के मिश्रण में बदल जाती है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि धातु पूर्णत: समाप्त नहीं हो जाती है।
उदाहरण
1. लोहे को आर्द्र हवा में छोड़ देने पर कुछ समय के पश्चात् उसकी सतह पर भूरे रंग की परत का बैठ जाना।
2. ताँबा को बहुत दिनों तक आर्द हवा में छोड़ देने पर कुछ समय के पश्चात् उसकी सतह पर हल्के हरे रंग की मलिन परत का बैठ जाना।
कुछ धातुएं ऐसी हैं, जिनका संक्षारण नहीं के बराबर होता है। इनमें सोना, प्लेटिनम, आदि प्रमुख है। इसी कारण ये धातुएं उत्तम कोटि की तथा बहुमूल्य होती हैं।
लोहे में जंग लगना (Rusting of Iron)
लोहे में जंग लगना धातु संक्षारण का अच्छा उदाहरण है। वायु और नमी की उपस्थिति में लौह धातु का संक्षारण होता है, इससे लोहे की सतह पर फेरिक ऑक्साइड और फेरिक हाइड्रॉक्साइड की रंग की ढीली परत बैठ जाती है। लोहे में जंग लगना एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया है।
धातुओं के संक्षारण के लिए दो शर्तों का होना आवश्यक है:
1. ऑक्सीजन या वायु की उपस्थिति तथा
2. वायु में नमी की उपस्थिति।
गैल्वेनीकरण (Galvanization)
लौह धातु पर जिंक धातु की परत बैठाने की क्रिया को ‘गैल्वेनीकरण’ कहते हैं। ऐसा लोहा ‘गैल्वेनीकृत लोहा’ (Galvanized iron) कहलाता है।