What is Law of Conservation of Energy ?
ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न नष्ट की जा सकती है। ऊर्जा केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित की जा सकती है। जब भी ऊर्जा किसी रूप में लुप्त होती है, तो ठीक उतनी ही ऊर्जा अन्य रूपों में प्रकट हो जाती है। अत: विश्व की सम्पूर्ण ऊर्जा का परिमाण स्थिर रहता है। यह ‘ऊर्जा संरक्षण का नियम‘ कहलाता है।
ऊर्जा का उपयोग करने का एकमात्र तरीका ऊर्जा को एक रूप से दूसरे में बदलना है।