जस्ता प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। यह संयुक्त अवस्था में विभिन्न अयस्कों के रूप में पाया । यह जिंक ब्लैंड और कैलामाइन अयस्क के रूप में प्रचुर मात्रा में मिलता है।
जस्ता धातु का निष्कर्षण मुख्यतः इसके सल्फाइड अयस्क जिंक ब्लैंड (Zns) से किया जाता है। यह ऊष्मा तथा विद्युत का सुचालक होता है।
जस्ता के रासायनिक गुण
यह तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर H2 गैस मुक्त करता है। यह तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर SO2 गैस है। यह ठंडा और तनु नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)गैस मुक्त करता है।
जस्ता का उपयोग
1. दानेदार जस्ता तथा जस्ता चूर्ण के रूप में यह प्रयोगशाला में प्रयुक्त होती है।
2. लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए जस्तेदार लोहा (Galvanize iron) बनाने में यह प्रयुक्त होती है।
3. पीतल (Brass), कांसा (Bronze), जर्मन सिल्वर (German silver), आदि मिश्रधातुएं बनाने में जस्ता का उपयोग होता है।
4. सिल्वर और सोने के निष्कर्षण में।
5. युद्ध क्षेत्र में धूम्रपट बनाने में।
जस्ते की मिश्रधातुएं
1. पीतल – Brass – Cu (70%,) Zn (30%)
2. कांसा – Bronze – Cu (88%), Sn (12%)
3. डच मेटल – Dutch Metal – Cu (80%), Zn (20%)
4. गन मेटल – Gun Metal – Cu (88%), Sn (10%), Zn (2%)
5. जर्मन सिल्वर – German Silver – Cu (50%), Zn (35%), Ni (15%)
जस्ते के यौगिक
1. जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate): इसे सफेद थोथा या सफेद कसीस (White vitriol) भी कहा जाता है। । इसका उपयोग लिथोपोन के निर्माण में तथा रंगाई एवं कैलिको छपाई (Calico printing) के कामों में होता है।
2. जिंक ऑक्साड (Zinc Oxide): इसे ‘फिलॉस्फर ऊल’ (Philospher’s Wool) कहते हैं। यह मलहम, क्रीम, कृत्रिम दांत, आदि बनाने के काम आता है। जिंक ऑक्साइड रंगने के काम भी आता है। अतः इसे जिंक व्हाइट (Zinc white) कहते हैं। यह प्रकृति में जिकाइट या लाल जिंक अयस्क के रूप में पाया जाता है।
3. लिथोपोन (Lithopone): जिंक सल्फाइड तथा बेरियम सल्फेट मिश्रण को ‘लिथोपोन’ (Lithopone) कहते हैं। जिंक सल्फेट को बेरियम सल्फाइड के बीच अभिक्रिया कराकर लिथोपोन प्राप्त किया जाता है। यह रंगाई के काम के लिए अत्यंत उपयोगी है क्योंकि इस पर हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
4. जिंक सल्फाइड (Zinc Sulphide): यह प्रकृति में जिंक ब्लैंड के रूप में मिलता है। यह स्फुरदीप्ति (Phosphorescence) का गुण प्रदर्शित करता है। यह स्फुरदीप्ति पर्दे बनाने में काम आता है।
5. जिंक फॉस्फाइड (Zinc Phosphide): जिंक फॉस्फाइड का उपयोग चूहा-विष (Rat poison) के रूप में होता है।
6. जिंक क्लोराइड (Zinc Chloride): यह सफेद रवेदार ठोस पदार्थ है जो जल में काफी घुलनशील है। लकड़ो की वस्तुओं को कीड़ों से बचाने के लिए उस पर जिंक क्लोराइड का लेपन किया जाता है।
7. जिंक कर्बोनेट (Zinc Carbonate): यह बेरवेदार सफेद ठोस पदार्थ है। जल में इसे गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस बाहर निकलती है। जिंक कार्बोनेट से चर्मरोग की दवा बनायी जाती है।