Energy change in chemical reactions
रासायनिक अभिक्रियाएँ सदा ही ऊर्जा परिवर्तन के साथ होती हैं। रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लने वाले अभिकारक अधिक स्थायी निम्न ऊर्जा-स्तर कर लेने की प्रवृत्ति रखते हैं। इसी प्रवृत्ति के कारण रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। रासायनिक अभिक्रिया तब होती है जब अभिकारकों की ऊर्जा प्रतिफल की ऊर्जा से अधिक हो।
उर्जा परिवर्तन के आधार पर रासायनिक अभिक्रियाओं को दो भागों में बांटा जा सकता है।
उष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction)
वे रासायनिक अधिक्रियाएँ जिनमें उष्मा का अवशोषण होता है, ‘उष्माशोषी अभिक्रियाएँ’ कहलाती है।
उदाहरण
1. नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन के मिश्रण को उच्च ताप (3,000°C) पर गर्म करने से नाइट्रिक ऑक्साइड बनता है। इस अभिक्रिया में काफी मात्रा में ऊर्जा का अवशोषण होता है।
2. कार्बन और गंधक (सल्फर) परस्पर संयोग कर कार्बन डाइसल्फाइड बनाते हैं। इस अभिक्रिया में भी ऊष्मा का अवशोषण होता है। अत: यह एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया है।
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ (Exothermic Reactions)
वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनसे ऊष्मा का उत्सर्जन होता है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
उदाहरण
1. नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के परस्पर संयोग से अमोनिया बनता है तथा इस अभिक्रिया में काफी ऊर्जा मुक्त होती है। अत: अमोनिया का बनना एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
2. कार्बन को हवा में जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड बनता है, इस अभिक्रिया में भी ऊष्मा का अवशोषण होता है जो ‘ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ’ कहलाती है।