What is fuels ?
एक ईंधन कोई भी ऐसी सामग्री है जिसे अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए बनाया जा सकता है ताकि यह ऊर्जा को ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में छोड़े या किसी काम के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
ईंधन के प्रकार
कोल गैस (Coal Gas)
यह कई दहनशील गैसों का मिश्रण होता है। इसका संघटन कोयले की किस्म और भंजक स्रवण के ताप पर निर्भर करता है। इसकी औसत प्रतिशत रचना इस प्रकार है-हाइड्रोजन-55%, मिथेन-30%, कार्बन मोनोआक्साइड-4%, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन-3%, तथा अज्वलनशील अशुद्धियां-8%
भाप अंगार गैस (Water Gas)
यह कार्बन मोनोआक्साइड और हाइड्रोजन का आण्विक मिश्रण होता है। इसमें अशुद्धियों के रूप में CO2, H2O और N2, इसे रक्त तप्त कोक पर भाप की धारा प्रवाहित करके प्राप्त किया जाता है। इसका कैलोरी मान प्रोड्यूशर गैस से अधिक होता है। यह अकेले अथवा कोल गैस के साथ मिलकर ईंधन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है। यह हाइड्रोजन गैस बनाने के काम आती है जो अमोनिया के औद्योगिक उत्पादन में उपयोगी है। इससे मिथाइल ऐल्कोहॉल भी बनाया जाता हैं।
वायु अंगार गैस (Producer Gas)
यह कार्बन मोनोआक्साइड (CO) तथा नाइट्रोजन (N2) का मिश्रण होता है जिसमें आयतनानुसार दो भाग नाइट्रोजन और एक भाग कार्बन-मोनोआक्साइड होता है। इसमें अशुद्धि के रूप में थोड़ा कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद रहता है। इसका कैलोरी मान अन्य ईंधनों की तुलना में सबसे कम होता है। यह एक सस्ता ईंधन है जो जलकर उच्च ताप देता है। कांच के निर्माण तथा धातु निष्कर्षण में इसका बहुत उपयोग होता है।
तेल गैस (Oil Gas)
यह सरल, संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन का मिश्रण होता है, जैसे -मिथेन, ऐसीटिलीन, इथिलीन, आदि। यह मिट्टी के तेल (Kerosine oil) या पेट्रोलियम के भंजक स्त्रावण द्वारा तैयार की जाती है। इस गैस में वायु मिलाकर प्रयोगशाला में बर्नर जलाये जाते हैं।
प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
पेट्रोलियम के कुओं से निकलने वाली गैसों में मुख्य रूप से मिथेन तथा इथेन (क्रमश: 83% एवं 16%) होती है जो ज्वलनशील होने के कारण ईंधन के रूप में प्रयुक्त की जाती है। प्राप्त ऊष्मा की मात्रा के आधार पर प्राकृतिक गैस सर्वश्रेष्ठ ईंधन है। प्राकृतिक गैस तेल के कुओं से भी उपफल (By product) के रूप में प्राप्त किया जाता है। इस गैस का प्रधान अवयव मिथेन (CH) होता है। प्राकृतिक गैस का उपयोग कृत्रिम उर्वरकों के उत्पादन में किया जाता है।
कोयला (Coal)
कोयला पृथ्वी के अंदर व्यापक रूप से पाया जाने वाला जीवाश्मीय ईंधन है। इसमें 60-90% मुक्त कार्बन तथा उसके यौगिक के अतिरिक्त नाइट्रोजन, गंधक, लोहा, आदि के यौगिक भी उपस्थित रहते हैं।
कोयला मुख्यत: 4 प्रकार के होते हैं—पीट (Peat). लिग्नाइट (Lignite), बिटुमिनस (Bituminous) तथा एन्थ्रासाइट (Anthracite)|
पीट कोयला निर्माण की प्रथम अवस्था होती है। एन्थ्रासाइट सर्वोत्तम किस्म का कोयला होता है, जबकि बिटुमिनस कोयले की सामान्य किस्म है। संसार का अधिकांश कोयला बिटुमिनस किस्म का होता है। लिग्नाइट को भूरा कोयला (Brown coal) कहा जाता है। एन्थ्रासाइट कोयले की अंतिम अवस्था होती है। एन्थासाइट कोयला जलने पर धुआँ नहीं देता है और काफी ऊष्मा उत्पन्न करता है। बिटुमिनस कोयला इंजन में जलाने तथा कोल गैस बनाने में काम आता है। वायु की अनुपस्थिति में कोयले को गर्म करने पर कोक, अलकतरा और कोल गैस प्राप्त होते हैं। इस प्रक्रिया को कोयले का भंजक स्त्रावण’ (Destructive distillation of coal) कहते हैं।
कच्चे पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन या स्त्रावण द्वारा निम्नलिखित पदार्थ प्राप्त होते हैं ऐस्फाल्ट (Asphalt), स्नेहक तेल (Lubricating oil), पेराफिन मोम (Paraffin was), ईंधन तेल (Fuel oil), डीजल तेल (Diesel oil), मिट्टी का तेल (Kerosine oil), पेट्रोल (Petrol), पेट्रोलियम गैस (Petroleum gas), इत्यादि।
पेट्रोलियम गैस इथेन, प्रोपन और ब्यूटेन का मिश्रण होता है। इसका मुख्य अवयव नार्मल एवं आइसो ब्यूटेन होता है जो तेजी से जलकर ऊष्मा प्रदान करता है। दाब बढ़ाने पर नार्मल एवं आइसो ब्यूटेन आसानी से द्रवीभूत हो जाता है। अतः द्रव रूप में इसे सिलिंडरों में भरकर द्रवित पेट्रोलियम गैस (Liquified petroleum gas) के नाम से जलावन के लिए उपभोक्ता को दिया जाता है।