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https://iopscience.iop.org/article/10.3847/2041-8213/ac83bd
करीब 6 साल के एक जापानी अंतरिक्ष मिशन में जुटाए गए गए दुर्लभ नमूनों का विश्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों ने कहा है कि हमारे सौर मंडल के बाहरी किनारों से एस्टरॉयड्स द्वारा पानी पृथ्वी पर लाया गया हो सकता है।
जीवन की उत्पत्ति और ब्रह्मांड के निर्माण पर रोशनी डालने के लिए रिसर्चर्स साल 2020 में एस्टरॉयड रयुगु (Asteroid Ryugu) से पृथ्वी पर लाए गए मटेरियल की जांच कर रहे हैं।
एक एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 5.4 ग्राम (0.2 औंस) वजन वाली चट्टान और धूल को एक जापानी स्पेस प्रोब, “हायाबुसा -2′ (Hayabusa-2) ने इकट्ठा किया था। यह प्रोब उस आकाशीय पिंड पर उतरा था और उसने पिंड के सर्फेस पर एक ‘प्रभावक’ (impactor) को फायर किया था। इस मटीरियल से जुड़ी स्टडी प्रकाशित होने लगी हैं।
एस्टरॉयड रयुगु (Asteroid Ryugu) क्या है ?

संयुक्त राज्य अमेरिका में सोकोरो, न्यू मैक्सिको के पास लिंकन लैब के ईटीएस (Lincoln Lab’s ETS ) में लिंकन नियर-अर्थ क्षुद्रग्रह अनुसंधान (Lincoln Near-Earth Asteroid Research) के साथ खगोलविदों द्वारा 10 मई 1999 को रयुगु की खोज की गई थी। इसे अनंतिम पदनाम 1999 JU3 दिया गया था | इसका व्यास लगभग 1 किलोमीटर (0.62 मील) है और यह दुर्लभ वर्णक्रमीय प्रकार Cb (rare spectral type Cb) की एक काली वस्तु है, जिसमें C-प्रकार के क्षुद्रग्रह (C-type asteroid) और B-प्रकार के क्षुद्रग्रह ((B-type asteroid)) दोनों के गुण हैं।
28 सितंबर 2015 को माइनर प्लैनेट सेंटर (Minor Planet Center ) द्वारा आधिकारिक तौर पर क्षुद्रग्रह का नाम “रयुगु” रखा गया था।
यह नाम रियोगो-जो (ड्रैगन पैलेस) (Ryūgū-jō (Dragon Palace) को संदर्भित करता है, जो की एक जापानी लोककथा में एक जादुई महल होता है जो पानी के नीचे स्थित होता है | इस लोक कथा में, मछुआरा उरशिमा तारो (Urashima Tarō ) एक कछुए की पीठ पर इस जादुई महल की यात्रा करता है, और जब वह वापस उस महल से लौटता है, तो अपने साथ एक रहस्यमय बॉक्स लेकर आता है, जैसे हायाबुसा 2 इस एस्टरॉयड के नमूनों के साथ वापस पृथ्वी पर आया था |
हायाबुसा-2 अंतरिक्ष यान जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (Japan Aerospace Exploration Agency (JAXA) द्वारा दिसंबर 2014 में लॉन्च किया गया था और 27 जून 2018 को यह सफलतापूर्वक क्षुद्रग्रह (asteroid) पर पहुंचा। 6 दिसंबर 2020 को एक कैप्सूल एस्टरॉयड के samples के साथ ऑस्ट्रेलिया में लैंड हुआ ।
एस्टरॉयड रयुगु से क्या पाया वैज्ञानिकों ने ?
इस साल जून में रिसर्चर्स के एक समूह ने कहा था कि उन्हें कार्बनिक पदार्थ मिला है, जिससे पता चलता है कि पृथ्वी पर जीवन के कुछ बिल्डिंग ब्लॉक्स, अमीनो एसिड अंतरिक्ष में बने हो सकते हैं।
नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित एक नए पेपर में वैज्ञानिकों ने कहा है कि एस्टरॉयड ‘रयुगु’ (Ryugu) के सैंपल इस बात पर रोशनी डाल सकते हैं कि अरबों साल पहले पृथ्वी पर महासागर कैसे बने। जापान और अन्य देशों के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस अध्ययन में कहा गया है कि वाष्पशील और ऑर्गनिक रिच C-टाइप के एस्टरॉयड, पृथ्वी के पानी के प्रमुख सोर्सेज में से एक हो सकते हैं। उनके मुताबिक पृथ्वी पर वाष्पशील पदार्थ (ऑर्गेनिक्स और पानी) का होना अभी भी बहस का विषय है। खास बात यह है कि स्टडी में पहचाने गए रयुगु एस्टरॉयड के पार्टिकल्स में पाए जाने वाले कार्बनिक पदार्थ संभवत: वाष्पशील पदार्थ के एक अहम सोर्स हो सकते हैं।
हायाबुसा-2 को साल 2014 में लगभग 300 मिलियन किलोमीटर दूर ‘रयुगु’ एस्टरॉयड की ओर लॉन्च किया गया था। दो साल पहले ही यह पृथ्वी की कक्षा में लौटा था। नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई स्टडी में रिसर्चर्स ने मिशन द्वारा प्कीराप्त की गई खोजों को महत्वपुर्ण बताया है ।