इस पोस्ट में आप जानेंगे
- Flying Microchip ‘माइक्रोफ्लायर (Microflier क्या है ?
- उसको विकसित कैसे किया ?
- माइक्रोफ्लायर की विशेषताएँ क्या है ?
हाल ही में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने एक उड़ने वाली इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोचिप का निर्माण किया है इस माइक्रोचिप को इंजीनियरों ने ‘माइक्रोफ्लायर’ नाम दिया है और इसे सबसे छोटी मानव निर्मित उड़ान संरचना के रूप में वर्णित किया गया है l
यह रिसर्च को ‘Nature’ पत्रिका ने अपने 23 सितम्बर 2021 के संस्करण में प्रकाशित किया है l
Flying Microchip माइक्रोफ्लायर की विशेषताएँ क्या है ? (What are the specifications of Flying Microchip ‘Microflier)
पंखों वाला यह माइक्रोचिप (Winged Microchip) अब तक का सबसे छोटा मानव निर्मित flying structure (उड़ने वाला ढांचा) है l रेत के कण के आकार यह माइक्रोफ्लायर वायु प्रदूषण, वायुजनित रोग और पर्यावरण प्रदूषण की निगरानी करने में सक्षम है l

रेत के कण के आकार की यह चिप मोटर या इंजन रहित है और यह हवा के सहारे उड़ान भरता है l
इस माइक्रोचिप (या ” माइक्रोफ्लायर”) में मोटर या इंजन नहीं है। इसके बजाय, यह हवा में maple पेड़ के बीज की तरह उड़ान पकड़ता है (मेपल के पेड़ के प्रोपेलर बीज जिन्हें हेलीकाप्टर बीज भी कहते है क्यों की वो अपने पैरेंट पेड़ से उड़ते हुए बहुत दूर चले जाते है) और यह माइक्रोफ्लायर जमीन की ओर हवा के माध्यम से एक हेलीकॉप्टर की तरह घूमता है।
मेपल के पेड़ों और अन्य प्रकार के हवा में बिखरे हुए बीजों का अध्ययन करके, इंजीनियरों ने माइक्रोफ्लायर के वायुगतिकी (aerodynamics) को यह सुनिश्चित करने के लिए अनुकूलित किया कि जब यह ऊंचाई से निचे की तरफ आएगा तो धीमी गति और नियंत्रित तरीके के साथ नीचे गिरे । यही खासियत इसकी उड़ान को स्थिर करती है और ज्यादा बड़े क्षेत्र में इसकी उडान को आसान बनाती है l इसी कारण यह माइक्रोफ्लायर हवा में ज्यादा देर तक टिक पाते है, जिससे यह वायु प्रदूषण और वायुजनित रोग की निगरानी के लिए आदर्श माना गया है ।

माइक्रोफ्लायर का उपयोग क्या है ?
यह माइक्रोचिप contramination, आबादी के सर्वेक्षण और बिमारियों को ट्रैक कर उनकी निगरानी करने में सक्षम है l

इस माइक्रोफ्लायर को Ultra – Miniatuarized technology से भी लैस किया जा सकता है l
जिसमे वायरलेस संचार के लिए एंटीना, डेटा स्टोर, करने के लिए एम्बेडेड मेमोरी, बिजली के स्त्रोत और सेंसर शामिल है इस तकनीक भविष्य में लघु इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करेगी l

माइक्रोफ्लायर को कैसे विकसित किया गया ? How the Flying Microchip ‘Microflyer’ was developed/Invented ?
जॉन रोजर्स जो इस डिवाइस को डेवलप करने वाली टीम का नेतृत्व किया है उन्होंने बताया कि “हमारा लक्ष्य छोटे पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में पंखों वाली उड़ान को जोड़ना था, ताकि इन क्षमताओं का प्रयोग प्रदूषण निगरानी, जनसंख्या निगरानी या रोग ट्रैकिंग के साथ साथ पर्यावरण को समझने में कर सके l उन्होंने आगे बताया कि हम मनुष्य हम बायोलॉजिकल दुनिया से प्रभावित विचारों का उपयोग करके अरबों वर्षों के दौरान, प्रकृति ने बीजों में जो परिष्कृत वायुगतिकी का गुण दिया है उसी आधार पर हमने डिजाइन तैयार किए, उन्हें अनुकूलित किया और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट प्लेटफॉर्म पर implement किया ।
अधिकांश लोगों ने हवा के माध्यम से मेपल के पत्ते के घूमने वाले प्रोपेलर बीज को स्पिन यानि गोल गोल घूमते हुए और धीरे-धीरे जमीन पर उतरते हुए देखा होगा। यह सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे प्रकृति ने विभिन्न पौधों के अस्तित्व को बढ़ाने के लिए उनके बीज के प्रकार को बहुत ही सुनियोजित ढंग से और परिष्कृत तरीके विकसित किया है ताकि यह बीज व्यापक रूप से फैले और स्थिर पेड़ – पौधे व्यापक रूप से अपनी आबादी बढ़ाये l


News Source : https://news.northwestern.edu/stories/2021/september/microflier-winged-microchip-is-smallest-ever-human-made-flying-structure/ https://news.northwestern.edu/stories/2021/september/microflier-winged-microchip-is-smallest-ever-human-made-flying-structure/