What is Sodium ?
सोडियम अत्यंत ही क्रियाशील तत्व होने के कारण यह मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता है। संयुक्त अवस्था में यह पर्याप्त मात्रा में क्लोराइड, नाइट्रेट, कार्बोनेट, बोरेट और सल्फेट के रूप में पाया जाता है।
यह चाँदी के समान सफेद धातु हैं। यह मुलायम होता है एवं इसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 0.97 होता है। पानी से हल्का होने के कारण यह पानी पर तैरने लगता है। यह विद्युत का सुचालक होता है।
सोडियम धातु बेंजीन तथा ईथर में विलेय होता है। सोडियम हाइड्रोक्साइड वायु में उपस्थित CO2 से संयोग कर सोडियम कार्बोनेट बनाता है, यही कारण है कि सोडियम धातु को केरोसीन तेल के अंदर डूबाकर रखा जाता है l
सोडियम के उपयोग
(1) अवकारक के रूप में,
(2) सांश्लेषिक प्रतिक्रियाओं (Synthetic reactions) में,
(3) सोडियम-लेड मिश्रधातु का उपयोग टेट्राइथाइल लेड नामक अपस्फोटनरोधी (Anti knocking) यौगिक बनाने में होता है और
(4) द्रवित सोडियम का उपयोग नाभिकीय रिएक्टरों में ठंडक उत्पन्न करने में होता है।
सोडियम के यौगिक
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (Sodium Hydroxide)
सोडियम हाइड्रॉक्साइड को कास्टिक सोडा (Caustic soda) या दाहक सोडा कहा जाता है। इसका उपयोग पेट्रोलियम को शुद्ध करने में साबुन बनाने में, कागज, सूती कपड़ों में चमक पैदा करने में, कृत्रिम रेशम के निर्माण में, रंग तथा रेयॉन (Rayon) बनाने में, प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा सोडियम धातु के निर्माण में होता है।
सोडियम कार्बोनेट (Sodium Carbonate)
सोडियम कार्बोनेट को धोने वाला सोडा या वाशिंग सोडा भी कहा जाता है। वाशिंग सोडा का बड़े पैमाने पर उत्पादन लेब्लांक विधि, सौल्वे विधि (अमोनिया-सोडा विधि) तथा वैद्युत विधि द्वारा किया जाता है।
सोडियम कार्बोनेट का उपयोग जल का खारापन दूर करने में, पेट्रोलियम को शुद्ध करने में, प्रयोगशाला में प्रतिकारक के रूप में तथा शीशा, साबुन, कागज, कास्टिक सोडा, आदि के उत्पादन में होता है। वाशिंग सोडा का जलीय विलयन क्षारीय होता है। क्रिस्टलीय अवस्था में वाशिंग सोडा में क्रिस्टलन जल होता है। वाशिंग सोडा में अपमार्जक का गुण होता है।
सोडियम बाइकार्बोनेट (Sodium Bicarbonate)
सोडियम बाइकार्बोनेट का दूसरा नाम बेकिंग सोडा (Baking soda) है। सोडियम बाइकार्बोनेट को खाने वाला सोडा भी कहते हैं।
आटा में खाने वाला सोडा मिलाने पर बनी रोटी अच्छी तरह फुलती है क्योंकि इस दौरान कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है। सोडियम बाईकोर्बोनेट का उपयोग औषधि के रूप में, पेट की अम्लता (Acidity) दूर करने में, बेकिंग पाउडर (Baking powder) बनाने में तथा अग्निशामक यंत्रों में होता है।
ग्लोबर साल्ट (Glouber’s Salt)
सोडियम सल्फेट को ग्लोबर साल्ट कहा जाता है। यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड या सोडियम कार्बोनेट पर सल्फ्यूरिक अम्ल की प्रतिक्रिया से तैयार किया जाता है।
यह एक रंगहीन तथा रवादार ठोस पदार्थ है। इसके एक अणु में रवा जल के 10 अणु उपस्थित रहते हैं। इसका उपयोग शीशा बनाने, कागज बनाने, दवा बनाने, सोडियम सल्फाइड के निर्माण, आदि में होता है।
सोडियम क्लोराइड (Sodium Chloride)
सोडियम क्लोराइड को साधारण नमक (Common salt) भी कहा जाता है। समुद्री जल के वाष्पीकरण प्रक्रिया से नमक का उत्पादन होता है। सोडियम क्लोराइड को बर्फ के साथ मिलाकर हिम-मिश्रण (Freezing mixture) बनाया जाता है।
सोडियम क्लोराइड मानव के भोजन का आवश्यक अंग है। समुद्री जल में कुछ घुलनशील ठोस का 75% सोडियम क्लोराइड होता है। डिहाइड्रेशन के समय शरीर में सोडियम क्लोराइड कम हो जाता है। नमक को खुली हवा में छोड़ देने पर यह हवा से नमी को सोख लेता है। इसका कारण नमक में अशुद्धि के रूप में मैग्नीशियम क्लोराइड की उपस्थिति है जो कि प्रस्वेदी (Deliquescent) होता है।
सोडियम पराक्साइड (Sodium Peroxide)
यह हल्के पीले रंग का चूर्ण होता है। खुली हवा पर छोड़ देने पर हाइड्रॉक्साइड और कार्बोनेट की तह जम जाने के कारण यह सफेद हो जाता है।
इसका उपयोग हाइड्रोजन पराक्साइड के निर्माण में, रंगाई के काम में, प्रयोगशाला में ऑक्सीकारक के रूप मे, रेशम, ऊन, आदि के विरंजन (Bleaching) में होता है। सोडियम पराक्साइड का उपयोग पनडुब्बी, जहाजों तथा अस्पताल, आदि की बंद हवा को शुद्ध करने में भी होता है।
सोडियम नाइड्रेट (Sodium Nitrate)
सोडियम नाइट्रेट को ‘चिली साल्टपीटर‘ कहते हैं। यह चीली तथा पेरू में काफी मात्रा में मिलता है। इसका उपयोग खाद के रूप में तथा नाइट्रिक अम्ल के निर्माण में होता है।
सोडियम थायोसल्फेट (Sodium Thiosulphate)
इसे हाइपो (HYPO) के नाम से भी जाना जाता है।
इसका उपयोग फोटाग्राफी (Photography) में निगेटिव और पॉजिटिव का स्थायीकरण करने में होता है। यह अनअपघटित सिल्वर ब्रोमाइड को दूर कर देता है। इसका उपयोग प्रतिक्लोर (Anticholinergic) के रूप में विजित (Bleached) वस्त्रों से क्लोरीन दूर करने में होता है। इसका उपयोग सिल्वर (Ag) और गोल्ड (Au) के निष्कर्षण में भी होता है।
बोरेक्स या सुहागा (Borex)
सोडियम टेट्राबोरेट डेका हाइड्रेट को ‘सुहागा‘ या ‘बोरेक्स‘ कहते हैं। यह सफेद क्रिस्टलीय ठोस है। यह जल में विलेय है।
इसका मुख्य उपयोग है—(i) कांच, इनेमिल, साबुन व मोमबत्ती उद्योग में, (ii) कागज व सिरेमिक की वस्तुओं पर ग्लेज करने में, (iii) जल को मृदु करने में, और (iv) चमड़ा उद्योग में खोल को साफ करने व उसकी रंगाई में।
माइक्रोकॉस्मिक लवण (Microcosmic Salt)
सोडियम अमोनियन हाइड्रोजन फॉस्फेट को ‘माइक्रोकॉस्मिक लवण‘ कहते हैं।
केल्गन (Calgen)
सोडियम हेक्सा मेटाफॉस्फेट को ‘केल्गन‘ कहते हैं। इसका प्रयोग जल की कठोरता दूर करने में किया जाता है।