How television works ?

तीन विधि से हम टेलीविज़न के कार्य को समझते है
टेलीविजन द्वारा ध्वनि तथा दृश्य दोनों को एक टेलीविजन का अर्थ होता है दूर की वस्तुओं को देखना। इसकी सहायता चित्रों, विभिन्न दृश्यों, चलती फिरती वस्तुओं आदि को विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में दूरस्थ स्थानों को भेजा जाता है। साथ ही रेडियो तरंगों द्वारा आवाज को एक स्थान से दूसरे स्थान को संप्रेषित किया जाता है।
वस्तुओं का क्रमवीक्षणीकरण(scanning) जिसमें वस्तुओं को आर्वधन विधि (magnifying method)की सहायता से छोटे-छोटे काले व सफेद बिन्दुओं में बदला जाता है। इनमें से प्रत्येक बिन्दु को तत्व (element) कहते हैं । दूसरी विधि में क्रमवीक्षण (scanning) वस्तुओं से निकली प्रकाश तरंगों को वैद्युत तरंगों (electrical waves) में परिवर्तित किया जाता है। इसके लिये प्रकाश विद्युत सेलों का इस्तेमाल किया जाता है l तीसरी विधि में इन विद्युत तरंगों को पुनः प्रकाश तरंगों में इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि वास्तविक चित्र दिखायी दे।
टेलीविजन के दो भाग होते हैं—(1) आइकोनोस्कोप, (2) काइनोस्कोप।
आइकोनोस्कोप (Iconocoscope)
यह चित्र द्वारा प्रकीर्णित (Scattered) प्रकाश तरंगों को विद्युत तरंगों में परिवर्तित करता है जिन्हें प्रवर्धित व मॉडुलित (Amplified and modulated) करके दूरस्थ स्थानों को प्रेषित कर दिया जाता है। आइनोस्कोप को टेलीविजन प्रेषी या दूरदर्शन कैमरा भी कहते हैं।
काइनोस्कोप (Kineoscope)
यह एक प्रकार का कैथोड किरण ऑसिलोग्राफ (CRO) है जो आइकोनोस्कोप से आने वाली विद्युत तरंगों से तुल्यकालित (Synchronised) होता है और पर्दे पर चित्र व दृश्य के अनुसार, प्रतिदीप्ति उत्पन्न करता है। अत: दृष्टि निर्बंध (Persistence of vision) के कारण एक सतत् चित्र पर्दे पर दिखाई देता है।
टेलीविजन की सहायता से हम घर बैठे दुनिया के विभिन्न कार्यक्रम देख सकते हैं। इसके लिये भू -स्थिर उपग्रह का प्रयोग किया जाता है। इन्हीं उपग्रहों को पृथ्वी तल से 36000 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है तथा इनका परिक्रमण काल पृथ्वी द्वारा.अपने अक्ष के चारो तरफ परिक्रमण काल (24 घण्टे) के बराबर होता है।
भारत के इनसेट उपग्रह इसी तरह के उपग्रह हैं। पृथ्वी पर होने वाले कार्यक्रमों को विद्युत तरंगों में परिवर्तित करके, इन उपग्रहों की ओर भेजा जाता है, जहाँ पर ये इन तरंगों को ग्रहण करके इनका आवर्धन करते हैं व पुनः पृथ्वी की ओर भेज देते हैं। पृथ्वी पर स्थित विभिन्न स्टेशन इन्हें ग्रहण कर लेते हैं। और इनका प्रसारण टीवी पर करते हैं l