What is Angular Velocity and Angular Momentum ?
कोणीय वेग (Angular Velocity)
वृत्ताकार मार्ग पर गतिशील कण को वृत्त के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा, जैसे AO एक सेकण्ड में जितने कोण से घूम जाती है, उसे कण का कोणीय वेग कहते हैं और इसे प्रायः ग्रीक वर्णमाला के अक्षर ओमेगा (ω) से प्रकट किया जाता है।
कोणीय संवेग (Angular Momentum)
घूर्णन गति करने वाले किसी पिण्ड के कोणीय वेग (0) जड़त्व (1) के गुणनफल को ‘कोणीय संवेग’ कहते हैं, अर्थात्
कोणीय संवेग L = कोणीय वेग x जड़त्व आघूर्ण =ωl
यदि किसी अक्ष के परितः घूर्णन करने वाले पिण्ड पर कोई बाह्य बल-आघूर्ण (Torque) कार्य न करे तो उसका कोणीय संवेग नियत रहता है।
अत: यदि घर्णन करते पिण्ड का जडत्व आपूर्ण घट जाए तो उसका कोणीय वेग बढ़ जाएगा। अतः जब कोई तैराक नदी में कूदता है, तो वह अपनी शरीर को सिकोड़ लेता है जिससे उसका जड़त्व आघूर्ण कम हो जाता है तथा कोणीय वेग बढ़ जाता है। इससे वह वायु में ही कलैया (Loop) लेता हुआ पानी में गिरता है।
सर्कस में भी एक झूले से दूसरे झूले पर जाते समय मनुष्य भी इसी कारण चक्कर खाते हुए जाता है।
इसी कारण स्केटिंग करने वाले भी कभी अपने हाथ फैलाते हैं और कभी हाथों को सिकोड़ लेते हैं। इससे स्केटिंग की दिशा बदलती रहती है।