What is Critical Velocity ?
यदि द्रव के प्रवाह का वेग एक निश्चित वेग से कम होता है, तो द्रव का प्रवाह ‘धारारेखीय प्रवाह’ (Steam line flow) होता है अर्थात् द्रव का प्रत्येक कण उसी बिन्दु से गुजरता है जिससे उसके पहले वाला कण गुजरा था। यह प्रवाह नियमित होता है जिसमें किसी नियत बिन्दु पर प्रवाह की चाल व उसकी दिशा निश्चित बनी रहती है। उस निश्चित वेग को ‘क्रान्तिक वेग’ कहते हैं।
क्रान्तिक वेग से जुड़े नियम
यदि द्रव का वेग क्रान्तिक वेग से अधिक होता है, तो द्रव का प्रवाह धारारेखीय न रहकर ‘विक्षुब्ध प्रवाह’ (Turbulent flow) हो जाता है अर्थात् द्रव की गति अनियमित व उसका मार्ग टेढ़ा-मेढ़ा (Zig-zag) या भंवरदार (Whirly) होता है।उदाहरणार्थ, बरसात में नदी-नालों की गति।
यदि द्रव-प्रवाह का वेग क्रान्तिक वेग से कम है, तो उसका प्रवाह उसकी श्यानता (n) पर निर्भर करता है l यदि द्रव प्रवाह का वेग क्रांतिक वेग से अधिक होता है तो उसका प्रवाह मुख्यतः उसके घनत्व पर निर्भर करता है l उदाहरण के लिए, ज्वालामुखी से निकला हुआ लावा बहुत गाढ़ा (अर्थात n अधिक ) होने पर भी तेजी से बहता है l क्योकि उसका घनत्व अपेक्षाकृत कम होता है और घनत्व ही उसके वेग को निर्धारित करता है l
कारों, पनडुब्बियों, जेट-प्लेन तथा रॉकेट के डिजाइन करने में इस बात का ध्यान रखा जाता है उसका अगला हिस्सा ऐसा हो जिससे माध्यम का धारारेखीय प्रवाह बन सके l इससे यान के कम्पन व मंदन में कमी होगी जिससे ईधन की बचत होगी l