What is Microscopes ?
सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा प्रकाशित यन्त्र है जिसकी सहायता से सूक्ष्म वस्तुएं देखी जाती है। इसके द्वारा सूक्ष्म वस्तु का आभासी एवं आवर्धित प्रतिबिम्ब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (25 सेमी.) पर बनता है जिससे वह स्पष्ट दिखायी देती है।
सूक्ष्मदर्शी दो प्रकार के होते हैं (1) सरल सूक्ष्मदर्शी तथा (2) संयुक्त सूक्ष्मदर्शी
सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope)
सरल सूक्ष्मदर्शी छोटी फोकस-दूरी का एक उत्तल (अभिसारी) लेंस होता है । इस लेन्स को ‘आवर्धक लेंस’ (Magnifying lens) भी कहते हैं।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी छोटी वस्तुओं के देखने के काम में लाया जाता है। इसकी आवर्धन क्षमता सरल सूक्ष्मदर्शी की तुलना में बहुत अधिक होती है।
इसमें एक ही अक्ष पर दो उत्तल लेन्स लगे होते हैं जो लेन्स वस्तु की ओर होता है, उसे अभिदृश्यक (Objective lens) और जो आंख के समीप होता है, उसे अभिनेत्र लेन्स (Eye lens) कहते हैं।
खगोलीय दूरदर्शी (Astronomical Telescope)
खगोलीय दूरदर्शी एक ऐसा प्रकाशिक यन्त्र है जो आकाशीय पिण्डों अथवा बहुत अधिक दूरी पर स्थित वस्तुओं को देखने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। यह यन्त्र दो उत्तल लेन्सों के संयोग से बनाया जाता है जो लेन्स वस्तु की ओर रहता है, उसे ‘अभिदृश्यक‘ कहते हैं।
यह लेन्स अधिक फोकस दूरी तथा अधिक द्वारक (Aperture) का उत्तल लेन्स होता है। लेन्स का द्वारक अधिक होने के कारण दूर की वस्तु से आने वाले प्रकाश की अधिक मात्रा को यह एकत्र करता है जिससे दूरदर्शी से बने अन्तिम प्रतिबिम्ब की तीव्रता बढ़ जाती है।
दूसरे उत्तल लेन्स को जिसके निकट आंख को रखकर दूर की वस्तु के प्रतिबिम्ब को देखा जाता है, ‘अभिनेत्र लेन्स’ कहते हैं। इस लेन्स की फोकस दूरी एवं द्वारक दोनों ही कम होते हैं।