What is Plank’s Quantum Theory ?
सन् 1901 में प्लैंक ने तप्त काली वस्तुओं से उत्सर्जित विभिन्न कम्पनावृत्तियों वाली प्रकाश ऊर्जा के अध्ययन से एक सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
इस सिद्धांत के अनुसार, “किसी वस्तु से प्रकाश और ऊष्मा जैसी विकिरण ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण सतत् नहीं होता, बल्कि असतत् रूप से छोटे-छोटे सवेष्ट (Packets) में होता है।’ इन छोटे संवेष्टों को ‘क्वांटम’ (Quantum) कहते हैं।
उदाहरण
हाइड्रोजन (H) परमाणु के नाभिक में सिर्फ 1 प्रोटॉन रहता है अत: हाइड्रोजन की परमाणु संख्या 1 होती है।
कार्बन (C) परमाणु के नाभिक में 6 प्रोटॉन रहते हैं। अतः कार्बन की परमाणु संख्या 6 होती है।
क्वांटम संख्याएं (Quantum Numbers)
क्वांटम संख्याएं वे संख्याएं हैं जो किसी इलेक्ट्रॉन की स्थिति तथा उसकी ऊर्जा की जानकारी देता है। किसी इलेक्ट्रॉन की स्थिति और उसकी ऊर्जा जानने के लिए निम्नलिखित चार तथ्यों का ज्ञान अनिवार्य है
(1) इलेक्ट्रॉन का कोश, (2) उस कोश में वह किस सबकोश में है, (3) उस सबकोश में वह किस कक्षक में है, तथा (4) उस कक्षक में उसका चक्रण किस प्रकार है।
उदाहरणः
- हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं, जिसकी परमाणु संख्या 1 किन्तु उनकी द्रव्यमान संख्याएं क्रमश: 1,2 और 3 होती है। प्रोटियम (1H1), ड्यूटेरियम(1H2), ट्राइटियम (1H3),
2. कार्बन के दो समस्थानिक होते हैं, जिनकी परमाणु संख्या 6 तथा द्रव्यमान संख्याएं 12 और 14 होती है। 6C12 तथा 6C14
परमाणु संख्या (Atomic Number)
किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में उपस्थित इकाई धन आवेशों की कुल संख्या या उस तत्व के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों कि कुल संख्या को उस तत्व की परमाणु संख्या कहते है l