निरपेक्ष आर्द्रता (Absolute Humidity)
हवा के प्रति इकाई आयतन में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा को ‘निरपेक्ष आर्द्रता’ कहते हैं। इसे अधिकतर ग्राम प्रति घनमीटर में व्यक्त किया जाता है। वायुमण्डल की जलवाष्प धारण करने की क्षमता पूर्णत: तापमान पर निर्भर करती है।
हवा की आर्द्रता स्थान-स्थान पर और समय-समय पर बदलती रहती है। आर्द्रता: वायुमण्डल में मौजूद अदृश्य जलवाष्य की मात्रा को ‘आर्द्रता’ कहते हैं। वायुमण्डल में जलवाष्प की मात्रा स्थान और समय के अनुसार परिवर्तनशील होती है।
उदाहरण
1. बरसात की ऋतु में नमक खुले में रखने पर गीला हो जाता है क्योंकि बरसात की ऋतु में वायु में आर्द्रता अधिक होती है जिसे नमक अवशोषित करके गीला हो जाता है।
2. बर्फ से भरे गिलास के बाहर जल की बूंदे एकत्रित हो जाती है जिसका कारण है, कि गिलास की सतह से के सम्पर्क में आने वाली वायु की वाष्प संघनित होकर गिलास की सतह पर जम जाती है और बूंदों के रूप में दिखाई देती है।