- चीन के अत्यधिक ठंडे क्षेत्र में पाया जाने वाला मलेरियारोधी पौधा आर्टिमिसिया अनुआ अब भारत के गर्म स्थानों में भी पनप सकेगा।
- आर्टिमिसिया की प्रजातियों में अनुआ विशेष है।
- इस औषधीय पौधे की पत्तियों व फूल से मस्तिष्क ज्वर व मलेरिया की दवा बनाई जाती है।
- इस दवा के खिलाफ अभी बैक्टीरिया प्रतिरोधी क्षमता विकसित नहीं कर पाए हैं।
- बीएचयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने टिशू कल्चर के जरिये इसकी प्रकृति में बदलाव किया है।
- इस पौधे की पत्ती का काढ़ा काफी फायदेमंद है और इसमें एलर्जीरोधी तत्व पाये गये हैं।
- वनस्पति विभाग की प्रो. शशि पाण्डेय के नेतृत्व में प्रयोग हो रहा है।
- आर्टिमिसिया अनुआ को सफलतापूर्वक प्रयोगशाला में उगाया गया।
- पौधे में आर्टिमिसिया रसायन समुचित मात्रा में मौजूद रहा।
- इसे पराबैगनी किरणों से उपचारित किया गया तो रसायन की मात्रा दो गुनी हो गई।
- इसे क्षारीय भूमि में भी उगने लायक बना लिया गया है।
- इसकी खेती बंजर जमीन पर भी की जा सकेगी।
- आधुनिक चिकित्सा के अलावा अब लोग पारंपरिक औषधियों से चिकित्सा की ओर लौट रहे हैं।
- चीन में इसका सबसे पहले उपयोग बुखार की दवा के रूप में किया गया।
केसर बनाने के लिए पौधे का कौन सा हिस्सा उपयोग में लाया जाता है ?
ये सवाल अक्सर ही प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है और विकल्प कुछ इस तरह...
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