The Vigyan
No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िजिक्स
  • कैमिस्ट्री
  • बायोलॉजी
  • शॉकिंग साइंस
  • नई टेक्नोलॉजी
  • क्विज़
  • साइंटिस्ट
  • Tech Guide
  • Tech Tips
  • Gadgets
  • Tech Samachar
  • रिसर्च
  • Read in English
  • होम
  • फ़िजिक्स
  • कैमिस्ट्री
  • बायोलॉजी
  • शॉकिंग साइंस
  • नई टेक्नोलॉजी
  • क्विज़
  • साइंटिस्ट
  • Tech Guide
  • Tech Tips
  • Gadgets
  • Tech Samachar
  • रिसर्च
  • Read in English
No Result
View All Result
The Vigyan
No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िजिक्स
  • कैमिस्ट्री
  • बायोलॉजी
  • शॉकिंग साइंस
  • नई टेक्नोलॉजी
  • क्विज़
  • साइंटिस्ट
  • Tech Guide
  • Tech Tips
  • Gadgets
  • Tech Samachar
  • रिसर्च
  • Read in English

ब्रायोफाइटा क्या है l (Bryophytes ब्रायोफाइट्स (in Hindi) उदाहरण, लक्षण, प्रकार, विशेषताएँ और गुण

in बायोलॉजी
Reading Time: 3 mins read
2

इस आर्टिकल में हम ब्रायोफाइटा (Bryophytes) के बारे में निम्न तथ्य जानेगे :

  • ब्रायोफाइटा (Bryophytes) क्या है ?
  • ब्रायोफाइटा (Bryophytes) के सामान्य लक्षण क्या है ?
  • ब्रायोफाइटा (Bryophytes) की विशेषताएँ क्या है ?
  • ब्रायोफाइटा (Bryophytes) के गुण और महत्त्व क्या है ?

ब्रायोफाइटा (Bryophytes)

ब्रायोफाइटा (Bryophyta) वनस्पति जगत का एक बड़ा वर्ग है और यह एम्ब्रियोफाइटा का सबसे साधारण व आद्य समूह है। पौधों के वर्गीकरण में ब्रायोफाइटा का स्थान शैवाल (Algae) और टेरिडोफाइटा (Pteridophyta) के बीच में आता है। ब्रायोफाइटा प्रथम स्थलीय पौधे हैं, जो शैवाल से विकसित हुए हैं। डासोनियाँ ब्रायोफाइटा का सबसे बड़ा पौधा है जिसकी ऊँचाई 40 से 70 सेमी. है।

ब्रायोफाइटा की मुख्य  लक्षण, विशेषताए और उसके गुण

ब्रायोफाइटा को पादप जगत के उभयचर भी कहा जाता है क्योंकि ये भूमि पर जीवित रहते है , परन्तु लैंगिक जनन के लिए जल पर निर्भर होते है।

इसके अन्तर्गत वे सभी पौधें आते हैं जिनमें वास्तविक संवहन ऊतक (vascular tissue) नहीं होते, जैसे मोसेस (mosses), हॉर्नवर्ट (hornworts) और लिवरवर्ट (liverworts) आदि।

ब्रायोफाइटा सर्वाधिक सरल छोटे स्थलीय पौधे हैं, जो आर्द्र स्थानों में विकसित होते हैं।

पादप का शरीर थैलस या पर्णिल अर्थात् तना तथा पत्ती सदृश रचनाओं में विभेदित होता है परन्तु वास्तविक तना एवं पत्ती नहीं होता है।

ये पौधे मूलाभास (राइजोड) के द्वारा मिट्टी से जुड़े होते हैं। इसमें जड़, पुष्प तथा बीज का अभाव होता है। इनमें युग्मकोद्भिद् अवस्था प्रभावी होती है।

अधिकतर ब्रायोफाइटा में क्लोरोफिल पाया जाता है, जिससे वे स्वपोषी होते हैं। इनमें लैंगिक तथा अलैंगिक दोनों प्रकार का जनन होता है।

ब्रायोफाइटा को पादप जगत के उभयचर के रूप में जाना जाता है अर्थात् ऐसे पौधे स्थलीय होते हैं, जिसे निषेचन के लिए जल की अत्यधिक आवश्यकता होती है।

ब्रायोफाइटा में जल तथा लवण के संवहन हेतु संवहन ऊतक नहीं होते हैं। इसमें पदार्थों का संवहन एक कोशिका से दूसरे कोशिका में होता है।

ब्रायोफाइटा के अन्तर्गत लिवरवर्ट तथा मॉस आते हैं। मॉस मिट्टी को बाँधे रखता है तथा मृदा अपरदन को रोकते हैं।

कोयले सदृश पीट ईंधन, मॉस और स्फैगनम जैसे ब्रायोफाइट के हजारों वर्षों तक भूमि के नीचे दबकर रहने से निर्मित होते हैं।

पौधे की सतह पर क्यूटिकिल का अभाव होता है। (जिसके फलस्वरूप पौधे से पानी के वाष्पीकरण का विशेष प्रतिबन्ध नहीं रह पाता तथा जल की अत्यधिक हानि होती है ऐसी स्थिति का उनकी वृद्धि पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।)

युग्मकोद्भिद् (gametophyte)

इस समुदाय का पौधा युग्मकोद्भिद् होता है ये पौधे स्थली होने के साथ ही छायादार स्थानों पर उगते हैं और इन्हें अपने जीवन में पर्याप्य आर्द्रता की आवश्यकता होती है, निषेचन के लिये जल आवश्यक है। अतः कुछ वैज्ञानिक ब्रायोफाइटा समुदाय को वनस्पति जगत् का एम्फीबिया कहते हैं। ये पौधे थैलेफाइटा से अधिक विकसित होते हैं।

इन पौधों का और अधिक विकास तभी संभव हुआ, जब उनमें संवहनी ऊतक का विकास हो गया। संवहन तन्त्र की जड़ से जल तथा खनिज, लवणों को पत्ती तक तथा पत्ती से शर्करा को पौधे की अन्य कोशिकाओं तक पहुँचाने का कार्य करता है। इसी गुण के कारन ट्रैकियोफाइटा का विकास संभव हुआ।

लैंगिक जनन (reproduction)

यह पादप युग्मकोदृभिद पीढ़ी पर आश्रित होती है। कायिक जनन विखंडन द्वारा होता है। अगुणित युग्मकोद्भिद पादप में नर लैंगिक अंग को पुंधानी कहते है। जिसमे समसूत्री विभाजन द्वारा पुमंग बनते है , जो अगुणित होते है। मादा लैंगिक अंग स्त्रीधानी कहलाते है। जिनमे अगुणित अण्ड बनता है। पुमंग व अण्ड के संलयन से युग्मनज बनता है।

युग्मनज से एक बहुकोशिकीय बिजानुभिद विकसित होता है जो द्विगुणित होता है तथा पाद , सिटा व कैप्सूल में विभक्त होता है।  बीजाणुभिद में अर्द्धसूत्री विभाजन से अगुणित बीजाणु बनते है जो अंकुरित होकर अगुणित नया पादप बनाते है।

ब्रायोफाइटा के प्रकार

ब्रायोफाइटा को तीन वर्गों में बाँटा गया है:

हिपैटिसी या हिपैटिकॉप्सिडा (Hepaticopsida)

इस वर्ग के पौधों का शरीर यकृत के समान हरे रंग का होता है। इसलिए इसे लिवरवर्ट्स भी कहते हैं। पौधों के शरीर को सूकाय कहते हैं। वह चपटा होता है। सूकाय में जड़, तना, पत्तियाँ नहीं होती है। इसकी निचली सतह के अनेक एककोशिकीय मूलांग निकले होते हैं। मूलांग का कार्य स्थिरता प्रदान करना तथा भूमि से पानी एवं खनिज लवणों का अवशोषण करना है।

जैसे : रिक्सिया तथा मार्केन्शिया आदि।

ऐंथोसिरोटी, या ऐंथोसिरोटॉप्सिडा (Anthocerotopsida) और मार्केन्टीऑफायटा

इसमें पौधे बहुत ही साधारण और पृष्ठाधरी रूप से विभेदित (dorsiventrally differentiated) होते हैं, पर मध्यशिरा (mid rib) नहीं होती। इन पौधों का शरीर सूकायक होता है। इनके बीजाणुद्भिद् में सीटा अनुपस्थित होता है। इस उपवर्ग में एक ही गण ऐंथेसिरोटेलीज है, जिसमें पाँच या छह वंश और लगभग 300 जातियाँ हैं। इनमें ऐंथोसिरोस (Anthoceros) और नोटोथिलस (Notothylas) प्रमुख वंश हैं। ये पौधे संसार के कई भागों में पाए जाते हैं। भारत में यह हिमालय की तराई तथा पर्वत पर और कुछ जातियाँ नीचे मैदान में भी पाई जाती हैं।

जैसे : एन्थोसिरास में।

मसाइ (Musci) या ब्रायॉप्सिडा (Bryopsida)

इसमें उच्च उच्च श्रेणी के ब्रायोफाइट्स आते हैं। ये ठण्डे एवं नम स्थानों पर तथा पुरानी दीवारों पर समूहों में पाए जाते हैं। इसमें तना तथा पत्ती जैसी रचना पाई जाती है। मूल की जगह पर बहुकोशिकीय मूलांग होते हैं। मॉस का पौधा युग्मकोद्भिद् होता है। इसका बीजाणुद्भिद् आंशिक रूप से युग्मकोद्भिद् पर निर्भर रहता है।

जैसे : मॉस में।

स्फैगनम नामक मॉस का उपयोग कटे हुए पौधों के अंगों को नम रखने के लिए किया जाता है। मॉस को स्थल वनस्पति का पुरोगामी कहा जाता है। इसका आशय यह है कि मॉस लाइकेन के साथ सतह पर एक पर्त बनाते हैं तथा मृत्यु के बाद सतह पर ह्यमस की परत जम जाती है, जिस पर अन्य पौधे उगते हैं।

Water moss (Fontinalis).

ब्रायोफाइटा का महत्व

1. शाकाहारी स्तनधारी कुछ ब्रायोफाइट्स पौधे का प्रयोग भोजन के रूप में करते है

2. स्फेगमन व अन्य जाति के ब्रायोफाइटा को ईंधन के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।

3. इनमें पानी रोकने की क्षमता होती है इसलिए पैकिंग व सजीवो के स्थानान्तरण में उपयोग किया जाता है। साथ ही जल अवशोषण की क्षमता अधिक होने की वजह से ये बाढ़ रोकने में मदद करते हैं

4. ये अनुक्रमण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

5. पूर्तिरोधी अर्थात् ऐण्टिसेप्टिक होने के कारण स्फैगनम का उपयोग सर्जिकल ड्रेसिंग के लिए किया जाता है। स्फैगनम के पौधों से स्फैगनाल नामक प्रतिजैविक प्राप्त किया जाता है।

6. ब्रायोफाइट्स दुनिया के विभिन्न हिस्सों के जनजातीय लोगों के बीच लोकप्रिय उपाय हैं। आदिवासी लोग इन पौधों का उपयोग अपने दैनिक जीवन में विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए करते हैं।

7.  ब्रायोफाइट्स का उपयोग अफ्रीका, अमेरिका, यूरोप, पोलैंड, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, तुर्की, जापान, दक्षिण, उत्तर और पूर्वी भारत, चीन, ताइवान के विभिन्न आदिवासी समुदायों द्वारा यकृत विकारों, त्वचा रोगों, हृदय रोगों, ज्वरनाशक, रोगाणुरोधी, घाव भरने और कई अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

8. इन उपयोगों के अलावा कुछ ब्रायोफाइट्स में विभिन्न कैंसर सेल लाइनों के खिलाफ एंटीट्यूमर गतिविधियां (antitumor activities) का गुण होता है जो कि बहुत ही महत्वपुर्ण है और कैंसर जैसे रोग के इलाज के लिय इस पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

ब्रायोफाइटा से जुड़े हुए कुछ प्रश्न और उनके जवाब

प्रश्न  – ब्रायोफाइटा का अर्थ क्या है?

उत्तर – ब्रायोफाइटा के अन्तर्गत वे सभी पौधें आते हैं जिनमें वास्तविक संवहन ऊतक (vascular tissue) नहीं होते, जैसे मोसेस (mosses), हॉर्नवर्ट (hornworts) और लिवरवर्ट (liverworts) आदि। ब्रायोफाइटा (Bryophyta) वनस्पति जगत का एक बड़ा वर्ग है और यह एम्ब्रियोफाइटा का सबसे साधारण व आद्य समूह है। एंजियोस्पर्म के बाद ब्रायोफाइट्स भूमि पौधों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है। पौधों के वर्गीकरण में ब्रायोफाइटा का स्थान शैवाल (Algae) और टेरिडोफाइटा (Pteridophyta) के बीच में आता है। यह पृथ्वी पर लगभग हर जगह पाया जाता है परन्तु इसका मानव जीवन में खास उपयोग नही है l ब्रायोफाइटा प्रथम स्थलीय पौधे हैं, जो शैवाल से विकसित हुए हैं। डासोनियाँ ब्रायोफाइटा का सबसे बड़ा पौधा है जिसकी ऊँचाई 40 से 70 सेमी. है।

प्रश्न – ब्रायोफाइटा का आर्थिक महत्व क्या है?

उत्तर – ब्रायोफाइटा वर्ग के पोधों में जल अवशोषण (water absorption) की क्षमता अधिक होने की वजह से ये बाढ़ (flood) रोकने में मदद करते हैं l इस वर्ग के पौधे मृदा अपरदन (soil erosion) को रोकने में भी सहायता होते हैं। स्फेगमन (Sphagnum) व अन्य जाति के ब्रायोफाइटा को ईंधन के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। पूर्तिरोधी अर्थात् ऐण्टिसेप्टिक होने के कारण स्फैगनम का उपयोग सर्जिकल ड्रेसिंग (surgical dressing) के लिए किया जाता है। स्फैगनम के पौधों से स्फैगनाल नामक प्रतिजैविक प्राप्त किया जाता है। आदिवासी लोग इन पौधों का उपयोग अपने दैनिक जीवन में विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए करते हैं। कुछ ब्रायोफाइट्स में विभिन्न कैंसर सेल लाइनों के खिलाफ एंटीट्यूमर गतिविधियां (antitumor activities) का गुण होता है जो कि बहुत ही महत्वपुर्ण है और कैंसर जैसे रोग  के इलाज के लिय किया जाता है l

Related posts:

  1. कोशिका (Cell) से जुड़े महत्वपुर्ण प्रश्न और उत्तर | कोशिका (Koshika) के सवाल और जवाब | जीव विज्ञान प्रश्नोतरी | Cell Biology Topics | कोशिका विज्ञान से जुडी जानकारी |
  2. पादप ऊतक | Plant Tissue | जाइलम, फ्लोएम, Phloyem, Xylem, Plant Tissues in Hindi
  3. पत्ती (Leaf) किसे कहते है? पत्ती/पर्ण क्या है, परिभाषा, पत्ती की संरचना, भाग, पत्ती के प्रकार, रूपान्तरण, पत्ती के कार्य What is leaf, its type (Leaf in Hindi)
  4. पोषण किसे कहते हैं | पादपों में पोषण (Nutrition in Plants) | नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation)
  5. आनुवंशिकता किसे कहते है ? आनुवंशिकी (Genetics) की परिभाषा क्या है ? hereditary meaning in Hindi | Biology in Hindi
  6. टेरिडोफाइटा (Pteridophyta) के प्रकार, मुख्य लक्षण, विशेषताएं और गुण (in Hindi)
  7. अनावृतबीजी (Gymnosperms) एवं आवृतबीजी (Angiosperm) क्या है ? अनावृतबीजी एवं आवृतबीजी पोधों के बीच अंतर, लक्षण, विशेषताएँ और महत्त्व क्या है ?
  8. प्लांटी (पादप जगत) Kingdom Plante क्या है ? उसके वर्गीकरण, विशेषताएँ और प्रकार (Hindi me)
  9. तना (Plant Stem) परिभाषा, तने के लक्षण, तने के रूपान्तरण, तने के कार्य Work of Plant Stem in Hindi
  10. पौधों में परिसंचरण तंत्र की क्रियाविधि | पौधों में परिवहन (Transportation in Plants in Hindi)
  11. मानव प्रजनन तंत्र | Human Reproductive System
  12. जन्तु-ऊतक Animal Tissues | उत्तक के प्रकार (Type of Animal Tissues) | Detailed in Hindi
  13. पुष्पक्रम (Inflorescence) किसे कहते हैं? परिभाषा , पुष्पक्रम के प्रकार, उदाहरण Inflorescence in Hindi | What Is Inflorescence
  14. फल क्या है | What is Fruit? | फलों के प्रकार | Types of Fruits in Hindi (फलों से जुडी सम्पूर्ण जानकारी)
  15. तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System) | मानव तंत्रिका तन्त्र (Human Nervous System) | मस्तिष्क (Brain)
  16. कोशिका विभाजन (Cell Division) क्या है ? कोशिका चक्र क्या है ? | अर्द्धसूत्री विभाजन एवं समसूत्री विभाजन in Hindi
  17. जड़ (Root) किसे कहते है, जड़ के प्रकार, विशेषताएँ तथा कार्य (what is root, its type and function) मूसला जड़ एवं अपस्थानिक जड़ें
  18. पुष्प या फूल (Flowers) , पुष्प के प्रकार, मुख्य विशेषताएँ, परागण | निषेचन | पुंकेसर | बीजाण्डासन (Placentation) और अण्डप | Flowers in Hindi (detailed सम्पूर्ण जानकारी)
  19. गुणसूत्र की खोज, संरचना, आकार, आकृति, रासायनिक संगठन, प्रकार एवं कार्य (Chromosome in Hindi सम्पूर्ण जानकारी)
  20. रुधिर (Blood) क्या है, Rudhir अर्थ, परिभाषा, कार्य, रुधिर कोशिकाएँ, प्लाज्मा, हीमोग्लोबिन, स्कन्दन या थक्का, लसिका, Rh-समूह, Blood Group – in Hindi
Tags: Bryophytesब्रायोफाइटा

अन्य रोचक जानकारीयाँ

बायोलॉजी

मानव प्रजनन तंत्र | Human Reproductive System

October 25, 2022
0

इस आर्टिकल में हम प्रजनन तंत्र के बारे में जानेगे | प्रजनन तंत्र (Reproductive System)...

Read more
बायोलॉजी

मानव कंकाल तंत्र (Human Skeletal System)

October 17, 2022
1

हमारे शरीर को निश्चित आकार एवं आकृति प्रदान करने के लिए एक ढांचे (structure) की...

Read more
बायोलॉजी

मनुष्य के संवेदी अंग (Human Sense Organs) (ज्ञानेन्द्रिय) | ह्यूमन सेंस ऑर्गन्स

October 2, 2022
0

इस आर्टिकल में हम मानव के प्रमुख संवेदी अंगों (Human Sense Organs) के बारे में...

Read more
बायोलॉजी

तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System) | मानव तंत्रिका तन्त्र (Human Nervous System) | मस्तिष्क (Brain)

September 22, 2022
0

इस आर्टिकल में हम जानेगे की तन्त्रिका तन्त्र (Nervous System) क्या होता है, तन्त्रिका कोशिका...

Read more
बायोलॉजी

Plant Hormone | प्लांट हार्मोन | पादप हार्मोन क्या हैं ? | Types of Plant Hormones in Hindi

September 10, 2022
0

पादप हार्मोन शब्द स्टर्लिंग द्वारा दिया गया। पौधों में उसकी वृद्धि और विकास को नियंत्रित...

Read more
बायोलॉजी

मानव में अंतःस्त्रावी तंत्र (Endocrine System in Hindi) (ग्रंथियां (Glands) एवं हार्मोन्स (Harmones)

September 4, 2022
1

इस आर्टिकल में हम जानेगे की मानव में अंतःस्त्रावी तंत्र (Endocrine System) किस प्रकार कार्य...

Read more
बायोलॉजी

मनुष्य का उत्सर्जन तंत्र | Human Excretory System | Kidney | गुर्दा | वृक्क | मानव उत्सर्जन तंत्र (Human Excretory System in Hindi)

October 3, 2022
0

इस आर्टिकल में हम जानेगे की उत्सर्जन तंत्र (Excretory System) क्या है, मानव उत्सर्जन तंत्र...

Read more
बायोलॉजी

मानव परिसंचरण तन्त्र (Human Circulatory System in Hindi) | हृदय (Heart) और रुधिर (Blood) | जन्तुओं में परिसंचरण तन्त्र (Circulatory System in Animals)

August 27, 2022
0

इस आर्टिकल में हम जानेगे मानव परिसंचरण तन्त्र (Human Circulatory System in Hindi) क्या है...

Read more
बायोलॉजी

पौधों में परिसंचरण तंत्र की क्रियाविधि | पौधों में परिवहन (Transportation in Plants in Hindi)

August 27, 2022
0

इस आर्टिकल में हम जानेगे कि पौधों में परिसंचरण तंत्र की क्रियाविधि और पौधों में...

Read more
बायोलॉजी

श्वसन तन्त्र | Respiratory System | मानव श्वसन तंत्र (Human Respiratory System)

August 24, 2022
0

इस आर्टिकल में हम जानेगे की श्वसन तंत्र यानी Respiratory System क्या होता है, मानव...

Read more
Load More

Comments 2

  1. Ankit says:
    1 year ago

    Hiii

    Reply
  2. Sapana meena says:
    8 months ago

    बायोफायटा

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • फ़िजिक्स
  • कैमिस्ट्री
  • बायोलॉजी
  • कहानी
  • शॉकिंग साइंस
  • नई टेक्नोलॉजी
  • एग्रीकल्चर
  • साइंस न्यूज़
  • स्पेस
  • About Us (हमारा मिशन)
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions

Copyright @2021

No Result
View All Result
  • होम
  • फ़िजिक्स
  • कैमिस्ट्री
  • बायोलॉजी
  • शॉकिंग साइंस
  • नई टेक्नोलॉजी
  • क्विज़
  • साइंटिस्ट
  • Tech Guide
  • Tech Tips
  • Gadgets
  • Tech Samachar
  • रिसर्च
  • Read in English

Copyright @2021