How does solar eclipse and lunar eclipse occur?
पृथ्वी एक वर्ष में सूर्य की परिक्रमा एक बार करती है और चन्द्रमा प्रति महीने एक बार पृथ्वी की परिक्रमा करता है। इससे कभी-कभी चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीध में आ जाते हैं, कभी चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है जिस कारण सूर्य ग्रहण होता है और कभी पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है जिससे चन्द्र ग्रहण होता है परन्तु हर महीने ग्रहण नहीं दिखाई देता क्योंकि पृथ्वी का कक्ष-तल चन्द्रमा के कक्ष-तल के साथ 5° का कोण बनाता है।
सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण उस समय होता है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है और ऐसी स्थिति अमावस्या (full moon) के दिन ही होती है। सूर्य तो प्रकाश का उद्गम है और चन्द्रमा की अपेक्षा विस्तार में बहुत बड़ा है, अत: जब चन्द्रमा उस सरल रेखा पर अथवा उसके समीप आ जाता है जो पृथ्वी को सूर्य से मिलाती है, तो वह प्रकाश-किरणों को रोक लेता है। अत: चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। अब चूंकि छाया का बनना तो स्वयं प्रकाश के सरल रैखिक गमन पर आधारित है, पृथ्वी का जो भाग प्रच्छाया में रहता है, वहां किरणें बिल्कुल नहीं पहुंचती अतःवहां से देखने पर सूर्य का कोई भाग दिखाई नहीं पड़ता, इसे ही पूर्णग्रास (Total eclipse) ‘सूर्य ग्रहण’ कहते हैं।
पूर्णाग्रास सूर्य ग्रहण के दौरान आकाश अंधकारमय हो जाता है, तारे दिखाई पड़ने लगते हैं, तापमान गिर जाता है और पक्षी चहकना बन्द कर देते हैं।
चन्द्र ग्रहण
चन्द्र ग्रहण के समय पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के बीच में होती है। जब चन्द्रमा पूर्णतः पृथ्वी की प्रच्छाया में पड़ता है, तो चन्द्रमा का कोई भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता क्योंकि चन्द्रमा तक सूर्य की किरण नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में लगे चन्द्र ग्रहण को ‘सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण’ (Total lunar eclipse) कहते हैं परन्तु यदि चंद्रमा का थोड़ा ही भाग पृथ्वी की प्रच्छाया में पड़ने के कारण नहीं दखाई देता तो ऐसी स्थिति में लगे चन्द्र ग्रहण को ‘खण्डग्रास चंद्रग्रहण’ (Partial lunar eclipse) कहते हैं। पूर्णाग्रास सूर्य ग्रहण के दौरान आकाश अंधकारमय हो जाता है, तारे दिखाई पड़ने लगते हैं, तापमान गिर जाता है और पक्षी चहकना बन्द कर देते हैं l
सूची छिद्र कैमरे (Pinhole Camera) से प्रतिबिम्ब का बनना, छाया का बनना, सूर्य-ग्रहण तथा चन्द्र ग्रहण का होना, आदि प्रकाश के सीधी रेखा में गमन के उदाहरण है।