What is Centrifugal Force ?
परिभाषा
अपकेन्द्री बल : जब कोई पिण्ड किसी वृत्तीय मार्ग पर चलता है, तो उस पर मार्ग के केन्द्र की ओर एक बल लगता है जिसे ‘अपकेन्द्री बल’ कहते हैं।
उदाहरण:
1. यदि कोई व्यक्ति कार में बैठा है और कार अचानक दाईं ओर घूम जाए, तो व्यक्ति को बाई ओर एक झटका लगता है। इससे व्यक्ति अपने बाईं ओर एक बल लगा हुआ अनुभव करता है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। बल्कि होता यह है, कि कार तथा व्यक्ति को दाईं ओर घूमने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्री बल चाहिए, कार को तो यह बल सड़क व पहियों के बीच घर्षण से प्राप्त हो जाता है, जबकि व्यक्ति को यह प्राप्त नहीं हो पाता। इसलिए व्यक्ति जड़त्व के कारण अपनी पूर्ववत् सीधी दिशा में गति करने की प्रवृति रखता है और इसीलिए कार के मुड़ते ही वह विपरीत दिशा में झटका खाकर ऐसा अनुभव करता है जैसे कि उस पर कोई बल कार्य कर रहा हो, यही अपकेन्द्री बल है।
2. घूमते झूले पर खड़ा व्यक्ति यदि झूले की रस्सियों को न पकड़े तो वह बाहर की ओर गिर पड़ता है। इससे यह आभास होता है, कि उस पर बाहर की ओर कोई बल (अपकेन्द्री बल) कार्य करता है जबकि वास्तव में उपर्युक्त व्याख्या की भांति उस पर कोई बल कार्य नहीं करता।
३. पृथ्वी पर खड़े व्यक्ति को सूर्य घूमता हुआ प्रतीत होता है, जबकि सूर्य अपनी जगह स्थिर है तथा पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूम रही है। पृथ्वी के घूमने के कारण सूर्य त्वरित प्रतीत होता है अर्थात् सूर्य पर एक बल का अनुभव होता है, यह अपकेन्द्री बल है।
अपकेन्द्री बल के सिद्धान्त पर आधारित यन्त्र
अपकेन्द्रित (Centrifuge)
यह एक ऐसा यन्त्र है जिसकी सहायता से हल्के व भारी कणों को पृथक् किया जाता है। इस प्रकार के यन्त्र के उदाहरण अपकेन्द्रित शोषक (Centrifuge drier), क्रीम निकालने की मशीन (Cream separator), अपकेन्द्र पम्प (Centrifugal pump), आदि हैं।
क्रीम निकालने की मशीन (Cream Separator) में जब दूध भरकर मशीन को तेजी से घुमाया जाता है, तो क्रीम के कण घूर्णन अक्ष के निकट एकत्रित हो जाते हैं, जबकि दूध के कण बाहर की ओर चले जाते हैं। अत: बर्तन के केन्द्रीय भाग में लगे निकास द्वार से क्रीम तथा बाहरी भाग से दूध निकाल कर अलग कर लिए जाते हैं। दही में से मक्खन भी इसी सिद्धान्त के अनुसार निकलता है।
अपकेन्द्रित शोषक (Centrifuge Drier) में जब गीले कपड़ों को घुमाया जाता है, तो पानी के कण बाहर की ओर चले जाते हैं क्योंकि पानी के कण कपड़ों से भारी हैं अर्थात् पानी का घनत्व कपड़ों से अधिक होता है। इस प्रकार कपड़े सूख जाते हैं।