What is Reflection of Light ?
जब प्रकाश की किरण किसी सतह पर पड़ती है, तो उसका कुछ भाग परावर्तित हो जाता है परन्तु जब सतह चिकनी एवं चमकदार हो तो प्रकाश की किरणों का लगभग सभी भाग विभिन्न दिशाओं में परावर्तित हो जाता है। इस प्रकार की चिकनी सतह से टकराकर वापस लौटने की घटना को ‘प्रकाश का परावर्तन‘ कहते हैं।
समतल दर्पण से किसी बिन्दु पर वस्तु का प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है। यह प्रतिबिम्ब आभासी होता है तथा वस्तु के बराबर होता है।
दर्पण में यदि कोई मनुष्य अपना पूरा प्रतिबिम्ब देखना चाहता है, तो दर्पण की न्यूनतम ऊंचाई मनुष्य की ऊंचाई की आधी होनी चाहिए।
यदि दो समतल दर्पण θ0 कोण पर झुके हो तो उनके द्वारा उनके मध्य में रखी वस्तु के बनाए गए कुल प्रतिबिम्बों की संख्या 3600-1 होती है। यदि यह पूर्णांक नहीं है, तो इसका अगला पूर्णांक मान लिया जाता है। इस प्रकार समकोण (900) पर झुके दो दर्पणों से वस्तु के तीन प्रतिबिम्ब बनते हैं और दो समान्तर रखे दर्पणों से अनन्त प्रतिबिम्ब बनते हैं।
बहुरूपदर्शी (Kaleidoscope)
इसमें समान लम्बाई तथा समान चौड़ाई के तीन आयताकार समतल दर्पण इस प्रकार लगे रहते हैं, कि दो दर्पणों के बीच 60° का कोण बनता है। तीनों दर्पणों के परावर्तक तल भीतर की ओर रहते हैं और दर्पणों द्वारा घिरे स्थानों में रंगीन कांच के कुछ टुकड़े रहते हैं। ये तीनों दर्पण एक मोटी नली (Pipe) के अन्दर लगे रहते हैं। नली को घुमाने से रंगीन कांच के टुकड़ों की स्थितियां बदल जाती हैं और इसलिए आकृतियों के रंग में भी परिवर्तन हो जाता है।
परिदर्शी (Periscope)
इसमें दो समतल दर्पण एक-दूसरे से 45° पर स्थित होते हैं। इन दर्पणों की परावर्तक सतहें आमने-सामने रहती हैं। अत: ऊपर वाले सिरे से होकर प्रवेश करने वाली किरणें दर्पण द्वारा परावर्तित होकर नीचे की ओर आती हैं और दूसरे दर्पण द्वारा परावर्तित होकर आंखों में प्रवेश करती है।
इसी कारण युद्ध के समय बंकर में छिपे सैनिक जमीन पर चल रहे दुश्मनों की गतिविधियां देखने के लिए इस उपकरण का उपयोग करते हैं।
पनडुब्बी जहाज में भी यह उपकरण प्रयुक्त होता है। इससे जहाज के भीतर बैठा आदमी भी समुद्र के अन्दर से ही जल की सतह पर स्थित दुश्मन की गतिविधि को देखने में समर्थ होता है।
गोलीय दर्पण (Spherical Mirror)
गोलीय दर्पण उस दर्पण को कहते हैं जिसकी परावर्तक सतह एक खोखले गोले का एक भाग होती है। गोलीय दर्पण प्रायः कांच के एक टुकड़े को रजतित (Silvered) कर बनाया जाता है।
ये दो प्रकार के होते हैं—अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण।