What are Oxidation and Reduction ?
ऑक्सीकारक
जिस पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है, वह अवकारक (Reducing agent) कहलाता है तथा जिस पदार्थ का अवकरण होता है, वह ‘ऑक्सीकारक’ (Oxidising agent) कहलाता है।
ऑक्सीकारक वे पदार्थ होते हैं जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं तथा अवकारक वे पदार्थ होते हैं जो इलेक्ट्रॉन त्याग करते हैं।
अपचयन (Reduction)
अपचयन वह रासायनिक प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप किसी तत्व या यौगिक में विद्युत धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी यौगिक में विद्युत ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है।
आयनिक सिद्धान्त के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अवकरण की परिभाषा
ऑक्सीकरण (Oxidation): ऑक्सीकरण वह प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप किसी आयन पर धन आवेश बढ़ जाता है या ऋण आवेश कम हो जाता है। उदाहरण: फेरस क्लोराइड (FeCI2) से फेरिक क्लोराइड (FeCI3) के बनने में फेरस आयन (Fe++) बदलकर फेरिक आयन (Fe+++) हो जाता है अर्थात् लोहे के आयन पर धन आवेश बढ़ जाता है।
अपचयन (Reduction): अपचयन वह रासायनिक प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप किसी आयन पर धन आवेश घट जाता है या ऋण आवेश बढ़ जाता है।
ऑक्सीकारक एवं अवकारक पदार्थ (Oxidising and Reducing Agent)
ऑक्सीकारक’ (Oxidising agent)
जिस पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है, वह अवकारक (Reducing agent) कहलाता है तथा जिस पदार्थ का अवकरण होता है, वह ‘ऑक्सीकारक’ (Oxidising agent) कहलाता है।
ऑक्सीकारक वे पदार्थ होते हैं जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं तथा अवकारक वे पदार्थ होते हैं जो इलेक्ट्रॉन त्याग करते हैं।
कुछ मुख्य ऑक्सीकारक पदार्थ निम्न हैं: ऑक्सीजन (O2), ओजोन (O3), हाइड्रोजन परऑक्साइड (H2O2), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), क्लोरीन (CI2), पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4), पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7), लेड ऑक्साइड (PbO2) आदि।
कुछ मुख्य अवकारक पदार्थ के उदाहरण हैं: हाइड्रोजन (H2), हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), कार्बन मोनोआक्साइड (CO), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), कार्बन (C), हाइड्रोजन अम्ल (HI), स्टैनस क्लोराइड (SnCI2) आदि।
ऑक्सीकारक एवं अवकारक दोनों की तरह व्यवहार करने वाले पदार्थः हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), हाइड्रोजन पर ऑक्साइड (H2O2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रस अम्ल (HNO2), आदि।
ऑक्सीकारक वह पदार्थ है जो किसी दूसरे पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या को बढ़ा देता है जबकि अवकारक वह पदार्थ है जो किसी दूसरे पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या को घटा देता है। जिस पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या बढ़ती है, वह अवकृत होता है अर्थात् वह ऑक्सीकारक (Oxidising agent) है