What is Solar Cell ?
सौर सेल वह युक्ति है जो सौर प्रकाश को सीधे ही विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है।
लगभग 100 वर्ष पूर्व यह खोज की जा चुकी थी कि जब सेलेनियम (Se) अर्द्धचालक की किसी पतली परत (Thin film) पर सौर प्रकाश को डाला जाता है, तो उससे इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं जिन्हें एक परिपथ (Circuit) में प्रवाहित करके विद्युत धारा (Electric current) प्राप्त की जा सकती है। परन्तु इस प्रकार का सौर सेल आपति प्रकाश के केवल 0.6% भाग को ही विद्युत में परिवर्तित कर पाता है।
सौर सेल प्रायः ‘सिलिकॉन’ तथा ‘गैलियम’ जैसे अर्द्धचालकों से बनाए जाते हैं। इनकी दक्षता लगभग 10-18% होती है। अर्द्धचालक में यदि कोई विशेष अशुद्धि (Impurity) मिला दी जाए तो उसकी विद्युत चालकता बहुत अधिक बढ़ जाती है। प्रकाश पड़ने पर भी अर्द्धचालकों की चालकता बढ़ जाती है।
कैल्युलेटर में सौर सेल का ही प्रयोग किया जाता है।
सौर सेल पैनल
सौर सेल पैनल में अनेक सौर सेल विशेष क्रम में व्यवस्थित होते हैं जिससे विभिन्न कार्यों के लिए पर्याप्त परिमाण में विद्युत प्राप्त की जा सकती है। अन्तरिक्ष यान, कृत्रिम उपग्रह तथा अनेक यन्त्रों से विद्युत प्राप्ति हेतु सौर सेल पैनल लगाए जाते हैं।
सौर बैटरी
अधिक विद्युत उत्पादन के लिए कई अर्द्धचालक सौर सेलों का समूहन (Grouping) करके सौर बैटरी बनाई जाती है।
सौर शक्ति संयन्त्र या सौर पावर प्लाण्ट
इस युक्ति द्वारा बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का उपयोग करके विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। सिद्धान्तः सौर पावर प्लाण्ट में बड़े-बड़े अवतल दर्पणों द्वारा सूर्य के प्रकाश को बाहर से काले रंगे हुए पाइपों पर परावर्तित किया जाता है। इन पाइपों में पानी भरा होता है जो गरम होने के बाद भाप उत्पन्न करता है। यह भाप ही विद्युत जनित्र के टरबाइन को घुमाती है जिससे विद्युत उत्पन्न होती है।