What is Interference of Light Waves ?
व्यतिकरण सभी प्रकार की तरंगों का एक गुण है। चूंकि प्रकाश तरंगों के रूप में चलता है, अत: प्रकाश तरंगें भी व्यतिकरण की घटना को दर्शाती हैं।
परिभाषा
जब समान आवृत्ति और लगभग समान आयाम की दो प्रकाश तरंगें किसी माध्यम में एक साथ एक ही दिशा में गमन करती हैं, तो अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार परिणामी तरंग का निर्माण करती हैं। परिणामी तरंग का आयाम मूल तरंगों के आयाम से भिन्न होता है। चूंकि प्रकाश की तीव्रता आयाम के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है, प्रकाश की तीव्रता में परिवर्तन हो जाता है। कुछ स्थानों पर प्रकाश की तीव्रता अधिकतम, कुछ स्थानों पर न्यूनतम अथवा शून्य होती है। इस घटना को प्रकाश का ‘व्यतिकरण’ कहते हैं।
व्यतिकरण दो प्रकार के होते हैं—(1) संपोषी या रचनात्मक व्यतिकरण और (2) विनाशी व्यतिकरण।
संपोषी या रचनात्मक व्यतिकरण (Constructive Interference)
माध्यम के जिस बिन्दु पर दोनों तरंगें समान कला में मिलती है अर्थात् दोनों तरंगों के शीर्ष या गर्त एक साथ पड़ते हैं, उस बिन्दु पर दोनों तरंगें एक-दूसरे के प्रभाव को बढ़ाती है। अत: प्रकाश की परिणामी तीव्रता अधिकतम होती है। इस प्रकार के व्यतिकरण को ‘संपोषी’ या ‘रचनात्मक व्यतिकरण‘ कहते हैं।
विनाशी व्यतिकरण (Destructive Interference)
माध्यम के जिस बिन्दु पर दोनों तरंगे विपरीत कला में मिलती है अर्थात् एक तरंग के शीर्ष पर दूसरी तरंग का गर्त या एक तरंग के गर्त पर दूसरी तरंग का शीर्ष पड़ता है, उस बिन्दु पर दोनों तरंगें एक-दूसरे के प्रभाव को नष्ट कर देती है। अत: उस बिन्दु पर प्रकाश की परिणामी तीव्रता न्यूनतम या शून्य होती है। इस प्रकार के व्यतिकरण का विनाशी व्यतिकरण न्यूनतम या शून्य होती है। इस प्रकार के व्यतिकरण को ‘विनाशी व्यतिकरण‘ कहते हैं।
उदाहरण
वर्षा ऋतु में विभिन्न मोटर वाहनों से टपकी तेल की बूंदे सड़क पर पतली फिल्म के रूप में बिखर जाती है।
सूर्य के प्रकाश में यह फिल्म विभिन्न रंगों की दिखाई देती है। इसी तरह जल की सतह पर तेल की बूंदों से बनी पतली फिल्म भी रंगीन दिखाई देती है।
साबुन के रंगहीन बुलबुले भी सूर्य के प्रकाश में रंगीन दिखाई देते हैं। इन सबका कारण प्रकाश का व्यतिकरण है।