जटिल अणुओं का उनके सरल अणुओं में परिवर्तन पाचन कहलाता है | प्रोटीनों (जटिल अणुओं) का एमीनो अम्लों (सरल अणुओं) में विघटन – इसी प्रकार ग्लुकोज़ CO2 और H2O में विघटन – श्वसन प्रक्रिया ग्लूकोस का ग्लाइकोजन में रूपांतरण संश्लेषणात्मक प्रक्रिया है !
पाचन वह क्रिया है जिसमें भोजन को यांत्रिकीय और रासायनिक रूप से छोटे छोटे घटकों में विभाजित कर दिया जाता है ताकि उन्हें रक्तधारा में अवशोषित किया जा सके. पाचन एक प्रकार की अपचय क्रिया है: जिसमें आहार के बड़े अणुओं को छोटे-छोटे अणुओं में बदल दिया जाता है।
स्तनपायी प्राणियों द्वारा भोजन को मुंह में लेकर उसे दांतों से चबाने के दौरान लार ग्रंथियों से निकलने वाले लार में मौजूद रसायनों के साथ रासायनिक प्रक्रिया होने लगती है।
यह भोजन फिर ग्रासनली से होता हुआ उदर में जाता है, जहां हाइड्रोक्लोरिक अम्ल सर्वाधिक दूषित करने वाले सूक्ष्माणुओं को मारकर भोजन के कुछ हिस्से का यांत्रिक विभाजन (जैसे, प्रोटीन का विकृतिकरण) और कुछ हिस्से का रासायनिक परिवर्तन आरंभ करता है।
भोजन को पक्वाशय में पहुंचते ही सर्वप्रथम इसमें यकृत से निकलने वाला पित्त रस आकर मिलता है पित्त रस छारीय होता है और यह भोजन को अम्लीय से छारीय बना देता है यहां अग्नाशय से अग्नाशय रस आकर भोजन मिलता है इसमें तीन प्रकार के एंजाइम होते हैं !
- ट्रिप्सिन यह प्रोटीन एवं उनको पॉलिपेप्टाइड तथा अमीनो अम्ल में परिवर्तित करता है
- एमाइलेज – यह मांड को घुलनशील शर्करा में परिवर्तित करता है
- लाइपेज – यह इमल्सीफाइड वसाओं का ग्रीन तथा फैटी एसिड्स में परिवर्तित करता है