इस आर्टिकल में हम जानेगे :
- परमाणु संरचना क्या होती है?
- परमाणु संरचना की खोज कब हुई?
बोर मॉडल’ (Bohr’s model)
परमाणु संरचना के मॉडलों में तरंग यान्त्रिकी मॉडल (Wave mechanical model) विशेष रूप से सफल रहा है। इसका प्रारम्भिक रूप ‘बोर मॉडल’ (Bohr’s model) है जिसे सन् 1913 में डेनमार्क के भौतिक विज्ञानी नील्स बोर ने हाइड्रोजन के लिए प्रस्तुत किया था। इसके अनुसार, परमाणु में नाभिक के चारों ओर विभिन्न वृत्ताकार कक्षाओं (Circular orbits) में इलेक्ट्रॉन घूमते रहते हैं, जैसे—सूर्य के चारों ओर पृथ्वी, मंगल, आदि ग्रह घूमते रहते हैं। सबसे हल्का परमाणु हाइड्रोजन का होता है जिसमें केवल 1 इलेक्ट्रॉन होता है और सबसे भारी प्राकृतिक रूप से उपलब्ध परमाणु यूरेनियम का है जिसमें 92 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
विकिरण उत्सर्जन
सामान्य परमाणु में इलेक्ट्रॉन अपने न्यूनतम ऊर्जा-स्तर में रहते हैं परन्तु यदि पदार्थ को गरम करके परमाणुओं को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान की जाए तो उसके कुछ इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तरों में चले जाते हैं। यदि उच्च ऊर्जा वाला कोई कण इलेक्ट्रॉन से टकराकर उसे अपनी ऊर्जा दे देता है तो भी इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा-स्तर में पहुंच सकता है। इस स्थिति में परमाणु को ‘उत्तेजित अवस्था’ (Excited state) में कहा जाता है। परन्तु परमाणु इस अवस्था में 10-8 सेकण्ड से अधिक देर तक नहीं रहता है और इलेक्ट्रॉन वापस किसी निम्न ऊर्जा स्तर में चला जाता है। दोनों ऊर्जा-स्तरों में जो अन्तर होता है वह उतनी ऊर्जा के फोटॉन के रूप में उत्सर्जित हो जाता है। इसे ही ‘विकिरण उत्सर्जन‘ कहते हैं।
फोटॉन को ऊर्जा का पैकेट माना जा सकता है। यदि फोटॉन की ऊर्जा अधिक है, तो वे गामा किरणों (या उच्च ऊर्जा विद्युत-चुम्बकीय तरंग) के फोटॉन होते हैं और कम होने पर वे क्रमशः एक्स-किरणों के, पराबैंगनी किरणों के, दृश्य प्रकाश के या अवरक्त विकिरण के फोटॉन हो सकते हैं।