What is Carbon Dioxide ?
कार्बन डाइऑक्साइड पौधों के लिए प्राणदायिनी गैस है। वायुमंडल में पायी जाने वाली गैसों में CO2 की मात्रा 0.03% होती है। CO, गैस जन्तु जगत द्वारा श्वास के रूप में बाहर छोड़ी जाती है। पौधे दिन के समय CO2 गैस ही ग्रहण करते हैं। CO2 गैस ग्रीन हाऊस प्रभाव (Green house effect) के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी होती है। प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की क्रिया में CO2 गैस प्रयुक्त होती है। किण्वन (Fermentation) की प्रक्रिया के दौरान भी CO2 गैस बाहर निकलती है। CO2 गैस की प्रकृति अम्लीय होती है। CO2 गैस चूने के जल को दुधिया कर देती है।
सोडावाटर में अधिक दाब पर CO2 गैस घुली रहती है। शीतल पेय पदार्थों के बोतलों (Cold drinks) में उच्च दाब पर CO2 गैस भरी होती है। ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ या Dry ice या क्तपावसक कहते हैं।
CO2 गैस आग बुझाने के काम आता है। अग्निशामक यंत्रों में सोडियम बाइकार्बोनेट के घोल पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया कराकर CO2 गैस तैयार की जाती है।
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग रेफ्रीजरेशन में होता है।
कार्बन डाइऑक्साइड का जलीय घोल कार्बोनिक अम्ल कहलाता है।
पेड़-पौधे रात्रि के समय कार्बन डाइऑक्साइड गैस बाहर छोड़ते है। इस कारण रात में पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए।
कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोगः
सोडावाटर, लेमोनेड, आदि में।
चीनी उद्योग में, चूने को अवक्षेपित करने में।
सफेद लेड के उत्पादन में।
कड़ा इस्पात (Hard steel) के निर्माण में।
अग्निशमन में।