What is Solution ?
विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का एक समाग मिश्रण है, जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय और विलायक की आपेक्षिक मात्राएं एक निश्चित सीमा तक निरंतर परिवर्तित हो सकती हैं, जैसे नमक का जल में विलयन, चीनी का जल में विलयन, आदि।
विलयन की विशेषताएं (Characteristics of Solution)
1. विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण है।
2. किसी विलयन में विलेय के कणों की त्रिज्या 10-7 सेमी. से कम होती है। अत: इन कणों को सूक्ष्मदर्शी द्वारा भी नहीं देखा जा सकता है।
3. विलयन में विलेय के कण विलायक में इस प्रकार घुलमिल जाते हैं कि एक का दूसरे से विभेद करना संभव नहीं होता है।
4. विलयन में उपस्थित विलेय के कण छन्ना पत्र के आर-पार आ जा सकते हैं।
5. विलयन स्थायी एवं पारदर्शक होता है।
विलेय और विलायक (Solute and Solvent) क्या है ?
What are Solute and Solvent ?
विलयन में जो पदार्थ अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होता है, उसे विलायक कहते हैं तथा जो पदार्थ कम मात्रा में उपस्थित रहता है, उसे विलेय कहते हैं।
जिस विलायक का डाइइलेक्ट्रिक नियतांक जितना अधिक होता है, वह उतना ही अच्छा विलायक माना जाता है। जल का डाइइलेक्ट्रिक नियतांक का मान अधिक होने के कारण इसे ‘सार्वत्रिक विलायक’ (Universal solvent) कहा जाता है।
विलायकों के उपयोग
1. औषधि उद्योग में अनेक औषधियों के निर्माण में।
2. निर्जल धुलाई में (बेंजीन व पेट्रोल जैसे विलायकों का)।
3. इत्र निर्माण में।
4. रंग, रोगन को घोलने में।
5. अनेक प्रकार के पेय व खाद्य पदार्थों के निर्माण में, आदि।
विलेयता (Solubility) क्या है ?
What is Solubility ?
किसी निश्चित ताप और दाब पर 100 ग्राम विलायक में घुलने वाली विलेय की अधिकतम मात्रा को उस विलेय पदार्थ की उस विलायक में विलेयता कहते हैं।
विलेयता पर ताप का प्रभाव
1. सामान्यत: ठोस पदार्थों की विलेयता ताप बढ़ाने से बढ़ती है। लेकिन कुछ ऐसे भी ठोस पदार्थ हैं, जिनकी विलेयता ताप बढ़ाने से घटती है, जैसे—सोडियम सल्फेट, कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड, कैल्सियम साइट्रेट, आदि।
2. किसी द्रव में गैस की विलेयता ताप बढ़ने से घटती है।
विलेयता संबंधी प्रमुख तथ्य
1. अध्रुवीय पदार्थ अध्रुवीय विलायकों में प्रायः विलेय होते हैं, उदाहरणार्थ, ब्रोमीन का कार्बन टेट्राक्लोराइड में घुलना।
2. अध्रुवीय पदार्थ ध्रुवीय विलायकों में प्रायः अधिक विलेय होते हैं, उदाहरणार्थ, कार्बन टेट्राक्लोराइड जल में बहुत ही कम विलेय होते हैं।
3. ध्रुवीय पदार्थ ध्रुवीय विलायकों में प्रायः विलेय होते हैं, उदाहरणार्थ, इथाइल ऐल्कोहॉल जल में काफी विलेय होता है।
4. ध्रुवीय पदार्थ अध्रुवीय विलायकों में अधिक विलेय नहीं होते हैं, उदाहरणार्थ, सोडियम क्लोराइड । कार्बन टेट्राक्लोराइड में अल्प विलेय होता है।
5. अणुभार में वृद्धि होने से पदार्थों की विलेयता घटती जाती है, उदाहरणार्थ, मिथाइल ऐल्कोहॉल (अणुभार =32) की तुलना में ब्यूटाइल ऐल्कोहॉल (अणुभार = 74) जल में बहुत कम विलेय है।
कोलॉइड (Colloid)
• यह दो पदार्थों का विषमाग मिश्रण होता है।
• इसमें परिक्षेपित कणों (Dipersed particles) का आकार 10-5 सेमी. और 107 सेमी. के बीच होता है।
• इसके कणों को नग्न आखों से नहीं देखा जा सकता, बल्कि इन्हें अति सूक्ष्मदर्शी (Ultra microscope) की सहायता से ही देखा जा सकता है।
• इसके कण छन्ना पत्र के आर-पार आ-जा सकते हैं।
• यह स्थायी होता है। स्थिर छोड़ देने पर इसके कणों में परिक्षेपण माध्यम से अलग हो जाने की बहुत कम प्रवृत्ति पायी जाती है। उदाहरण: दूध, गोंद, रक्त, स्याही, आदि।
उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयन
ऐसा विलयन जिसमें हाइड्रोजन आयनों (HD) और हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH) का सांद्रण समान होता है, ‘उदासीन विलयन’ कहलाता है।
ऐसा विलयन जिसमें हाइड्रोजन आयनों (H) का सांद्रण हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH) से अधिक होता है, ‘अम्लीय विलयन’ कहलाता है।
ऐसा विलयन जिसमें हाइड्रॉक्साइड आयनों (OH) का सांद्रण हाइड्रोजन आयनों (HP) से अधिक होता है, ‘क्षारीय विलयन’ कहलाता है।