Applications of Radio Isotopes ?
रेडियोसक्रिय समस्थानिक जिसे रेडियोआइसोटोप (Radio Isotopes), रेडियोन्यूक्लाइड (radionuclide), या रेडियोधर्मी न्यूक्लाइड (radioactive nuclide) भी कहा जाता है, एक ही रासायनिक तत्व की कई प्रजातिया होती है जो विभिन्न द्रव्यमानों के साथ, जिनके नाभिक अस्थिर होते हैं और अल्फा, बीटा और गामा किरणों के रूप में विकिरण उत्सर्जित करके अतिरिक्त ऊर्जा को समाप्त कर देते हैं।
किसी परमाणु के नाभिक में से एक α कण तथा दो β कणों के निकल जाने से प्राप्त होने वाले परमाणु की परमाणु संख्या वही रहती है जो मूल परमाणु की है, लेकिन इसका परमाणु द्रव्यमान मूल परमाणु के द्रव्यमान से 4 इकाई कम हो जाता है अर्थात् मूल परमाणु और नए परमाणु दोनों एक दूसरे के समस्थानिक (Isotopes) होते हैं।
रेडियोसक्रियता की इकाई (Unit of Radioactivity)
रेडियोसक्रियता की इकाई को ‘क्यूरी’ (Curie) कहते हैं। किसी रेडियोसक्रिय पदार्थ का वह परिमाण जिसमें प्रति सेकण्ड 3.70 x 1010 विखंडन होते हैं, क्यूरी कहलाता है।
रेडियो आइसोटोप डेटिंग (Radio Isotope Dating)
किसी रेडियोसक्रिय समस्थानिक की मात्रा की किसी पत्थर के नमूने, काष्ठ या जैव अवशेष में मापन करके उनके आयु का निर्धारण करना ‘रेडियो आइसोटोप डेटिंग’ (Radio isotope dating) कहलाता है। कार्बन डेटिंग (Carbon dating) रेडियो आइसोटोप डेटिंग का एक महत्त्वपूर्ण उदाहरण है।
कार्बन डेटिंग के द्वारा जीवाश्मों, मृत पेड़-पौधों, आदि की आयु का अंकन किया जाता है। निर्जीव वस्तुओं, जैसे—पृथ्वी, पुरानी चट्टानों, आदि की आयु ज्ञात करने के लिए यूरेनियम का प्रयोग किया जाता है। इस यूरेनियम द्वारा आयु अंकन (Dating by uranium) कहते हैं। अधिक पुरानी चट्टानों के लिए पोटैशियम ऑर्गन डेटिंग विधि भी अधिक उपयुक्त सिद्ध हुई है। मृत पेड़-पौधों और जानवरों का आयु निर्धारण उनमें 6C14 और 6C12 का अनुपात ज्ञात करके किया जाता है।
रेडियोसक्रिय समस्थानिकों की उपयोगिता (Applications of Radio Isotopes)
1. रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग मृत पेड़-पौधों, जानवरों तथा पत्थर के पुराने नमूने की आयु ज्ञात करने में किया जाता है। इस विधि को रेडियो आइसोटोप डेटिंग कहते हैं।
2. रेडियो समस्थानिकों का उपयोग औषधियों में ट्रेसर (Tracer) के रूप में किया जाता है। इस विधि द्वारा मानव शरीर में किसी प्रकार के ट्यूमर का पता लगाया जाता है।
3. जमीन के अंदर बिछाई गई जल पाइप नालियों, गैस पाइप नालियों तथा तेल पाइप नालियों में किसी प्रकार के छेद या रिसाव का पता लगाने के लिए रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग होता है।
4. रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग पौधों में उर्वरकों की क्रिया जानने में किया जाता है।
5. रासायनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि निर्धारण में रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है l
6. कैंसर जैसे अनेक रोगों से ग्रस्त कोशिकाओं (Cells) को नष्ट करने में रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग किया जाता है। उदाहरणार्थ, कोबाल्ट के समस्थानिक Co60 का उपयोग कैंसर के इलाज में तथा मस्तिष्क में विकसित होने वाली ट्यूमर (Tumor) को नष्ट करने में किया जाता है।
7. रेडियोसक्रिय समस्थानिकों का उपयोग पाचन तंत्र का अध्ययन करने में भी किया जाता है।
8. रेडियोसक्रिय आयोडीन का उपयोग थायरॉइड ग्रंथि में उत्पन्न विकार ज्ञात करने में किया जाता है।
9. रेडियोसक्रिय फॉस्फोरस का उपयोग अस्थि रोगों के इलाज में होता है।
10. रेडियोसक्रिय सोडियम के द्वारा शरीर में रक्त प्रवाह का वेग मापा जाता है।
11. रेडियोसक्रिय लोहा का उपयोग एनीमिया (अरक्तता) रोग ज्ञात करने में होता है।
12. रेडियोसक्रिय यूरेनियम (U28) का उपयोग पृथ्वी का आयु निर्धारण में किया जाता है।
13. कम क्रियाशील रेडियोसक्रिय किरणों का उपयोग अनाज, फल, सब्जियों, आदि के रोगाणुनाशन (Disinfection) में किया जाता है।